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बुधवार, 12 जुलाई 2017

दृष्टि


   लेखक विलियम ज़िंस्सर ने उस स्थान की, जहाँ वे बड़े हुए थे और जिस स्थान को वे बहुत पसन्द करते थे, अपने अन्तिम बार देखने जाने के बारे में लिखा। जब वे और उनकी पत्नि उस पहाड़ी पर पहुँचे जहाँ उनका घर हुआ करता था, और जिस की दीवार से समुद्रतट का दृश्य दिखता था, उन्हें पता चला कि उनका घर गिरा दिया गया है। जो शेष रह गया था वह केवल एक बड़ा गड्ढ़ा था। निराश होकर वे चलकर निकट की दीवार पर गए, और दीवार से समुद्रतट को और वहाँ हो रही चहल-पहल को देखने लगे। बाद में उन्होंने अपने इस अनुभव के बारे में लिखा, "मैं शान्त था, और थोड़ा ही उदास हुआ। दीवार से दिखने वाला दृश्य अभी भी पहले के समान ही था - वैसा ही जैसा मैं बचपन में देखा करता था; जिसे मैं अभी तक नहीं भूला था और जिसके सपने मैं देखा करता था।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने एक कठिन समय का वर्णन किया जब उसका मन शान्त नहीं हो पा रहा था और उसकी आत्मा अभिभूत थी (भजन 77:2-3)। परन्तु इन विचलित करने वाली बातों के मध्य में उसने अपना ध्यान उदासी से हटाकर अपने उद्धारकर्ता की ओर किया, और कहा, "मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा" (पद 11)।

   निराशाओं का सामना करते समय, हम अपनी दृष्टि या तो अपनी परिस्थितियों और अपनी हानि पर लगाए रख सकते हैं, या फिर अपनी दृष्टि को परमेश्वर की ओर लगा सकते हैं। परमेश्वर हमें निमंत्रण देता है कि हम अपनी दृष्टि उसकी ओर लगाएं, उसकी भलाई की पहुँच, हमारे साथ बनी रहने वाली उसकी सदा की उपस्थिति और उसके शाश्वत प्रेम पर अपना ध्यान केंद्रित रखें। डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर की भलाई में विश्वास रखने से आशा जीवित बनी रहती है।

उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो, उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! - भजन 105:5

बाइबल पाठ: भजन 77:1-15
Psalms 77:1 मैं परमेश्वर की दोहाई चिल्ला चिल्लाकर दूंगा, मैं परमेश्वर की दोहाई दूंगा, और वह मेरी ओर कान लगाएगा। 
Psalms 77:2 संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं। 
Psalms 77:3 मैं परमेश्वर का स्मरण कर कर के करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला) 
Psalms 77:4 तू मुझे झपक्की लगने नहीं देता; मैं ऐसा घबराया हूं कि मेरे मुंह से बात नहीं निकलती। 
Psalms 77:5 मैंने प्राचीन काल के दिनों को, और युग युग के वर्षों को सोचा है। 
Psalms 77:6 मैं रात के समय अपने गीत को स्मरण करता; और मन में ध्यान करता हूं, और मन में भली भांति विचार करता हूं: 
Psalms 77:7 क्या प्रभु युग युग के लिये छोड़ देगा; और फिर कभी प्रसन्न न होगा? 
Psalms 77:8 क्या उसकी करूणा सदा के लिये जाती रही? क्या उसका वचन पीढ़ी पीढ़ी के लिये निष्फल हो गया है? 
Psalms 77:9 क्या ईश्वर अनुग्रह करना भूल गया? क्या उसने क्रोध कर के अपनी सब दया को रोक रखा है? (सेला) 
Psalms 77:10 मैने कहा यह तो मेरी दुर्बलता ही है, परन्तु मैं परमप्रधान के दाहिने हाथ के वर्षों को विचारता हूं। 
Psalms 77:11 मैं याह के बड़े कामों की चर्चा करूंगा; निश्चय मैं तेरे प्राचीन काल वाले अद्भुत कामों को स्मरण करूंगा। 
Psalms 77:12 मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूंगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूंगा। 
Psalms 77:13 हे परमेश्वर तेरी गति पवित्रता की है। कौन सा देवता परमेश्वर के तुल्य बड़ा है? 
Psalms 77:14 अद्भुत काम करने वाला ईश्वर तू ही है, तू ने अपने देश देश के लोगों पर अपनी शक्ति प्रगट की है। 
Psalms 77:15 तू ने अपने भुजबल से अपनी प्रजा, याकूब और यूसुफ के वंश को छुड़ा लिया है। 

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 4-6
  • प्रेरितों 17:16-34