कठिन समयों मे पड़े लोगों के व्यवहार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। हमारे मित्र दंपति सैम और कैरल से हम ने भी ऐसे ही कुछ सीखा है; सैम कैंसर से ग्रसित है और उसका इलाज चल रहा है। पिछले एक वर्ष से हम सैम के साथ प्रार्थना कर रहे हैं, उसे देख रहे हैं कि कैसे वह अपनी पीड़ा और इलाज को सहन कर रहा है। साल के अन्त में लगा कि सैम कैंसर से मुक्त हो गया है किन्तु जाँच ने दिखाया के कैंसर और बढ़ गया है; अब सैम को और एक वर्ष तक फिर से इलाज और दवाइयों की पीड़ा तथा उन दवाईयों के दुषप्रभाव से होकर निकलना पड़ेगा; ऐसे में किसी का भी निराश होना स्वाभविक है।
जब सैम ने हमें अपने रोग के बढ़ जाने और परिणामस्वरूप इलाज की मीयाद के भी बढ़ जाने के बारे में बताया, तो साथ ही उसने एक ऐसी बात कही जिससे हम सभी सीख ले सकते हैं; सैम ने कहा, "पुनः इलाज की इस सारी प्रक्रिया में हमारा प्रयास रहेगा कि इस सब में परमेश्वर को महिमा मिले और हम उसके प्रेम को दूसरों तक पहुँचा सकें।" ज़रा सोचिए! एक और साल की पीड़ा और परेशानी का सामने धरा देखते हुए भी सैम की प्राथमिकता परमेश्वर की महिमा और उसके प्रेम का प्रगटिकरण है। वह उस समय की बाट जोह रहा है जब परमेश्वर की महिमा प्रगट होगी (1 पतरस 4:13)।
इस बारे में सैम की पत्नि कैरल ने मित्रगणों को लिखा, "यह वर्ष संघर्ष का साल रहा है, लेकिन परमेश्वर सदा ही हमारे साथ बना रहा है और अपने अनुग्रह तथा दया में होकर हमें प्रत्येक परेशानी से निकालता आया है। काश कि आने वाले वर्ष में भी हम उस पर से कभी अपनी नज़र ना हटाएं और हमारे लिए उसके प्रेम के प्रति विश्वास में बने रहें।"
क्या आज आप अपने जीवन में किसी असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थिति का सामना कर रहे हैं? सैम और कैरल के समान ही परमेश्वर के अनुग्रह पर अपना विश्वास बनाए रखिए, और वह आपको हर परिस्थिति से सुरक्षित निकालता हुआ अपने साथ लेकर चलेगा। साथ ही प्रार्थना करते रहें कि परिस्थिति चाहे कैसी भी क्यों ना हो, आप अपने जीवनों से सदा परमेश्वर के प्रेम और महिमा को प्रगट करते रहेंगे। - डेव ब्रैनन
परीक्षाओं का घना होता अन्धेरा, परमेश्वर के अनुग्रह की ज्योति को और अधिक चमकदार बना देता है।
प्रभु यीशु ने कहा: "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले; संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।" - यूहन्ना 16:33
बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:12-16
1 Peter 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है।
1 Peter 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्दित और मगन हो।
1 Peter 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है।
1 Peter 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए।
1 Peter 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।
एक साल में बाइबल:
- होशे 8-10