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शुक्रवार, 21 मई 2021

अनुपम

 

          मनुष्य विशेष नहीं हैं – कम से कम लंडन के चिड़ियाघर के अनुसार तो यही सत्य है! सन 2005 में उस चिड़ियाघर में चार दिन की एक विशेष प्रदर्शनी लगी, जिसका शीर्षक था: “मनुष्य अपने प्राकृतिक निवास में”; इस प्रदर्शनी के लिए “पकड़ का लाए गए” मनुष्य एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के द्वारा चुने गए थे। दर्शकों को मनुष्यों के बारे में समझाने के लिए, चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने एक पट्टिका तैयार की, जिस पर उनके भोजन, निवास-स्थान, और उन पर बने हुए खतरों के बारे में लिखा हुआ था। चिड़ियाघर के प्रवक्ता के अनुसार, उस प्रदर्शनी का उद्देश्य यह दिखाना था कि मनुष्य कोई विशिष्ट अथवा अनुपम नहीं हैं। उस प्रदर्शनी में भाग लेने वाला एक व्यक्ति इस बात से सहमत प्रतीत हुआ; उसका मत था, “जब लोग यहाँ पर मनुष्यों को अन्य पशुओं के समान देखते हैं तो उन्हें एहसास होता है कि हम कुछ विशिष्ट नहीं हैं।”

          यह परमेश्वर के वचन बाइबल में मनुष्यों के बारे में दिए गए परमेश्वर के दृष्टिकोण की तुलना में कितना भिन्न है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरूप में और अद्भुत रीति से रचा है (भजन 139:14; उत्पत्ति 1:26-27)।

          दाऊद ने भजन 139 का आरम्भ अपने बारे में परमेश्वर के गहन ज्ञान (पद 1-6), तथा उसके सर्वज्ञानी होने के वर्णन (पद 7-12) के साथ किया। एक निपुण कारीगर के समान, परमेश्वर ने न केवल दाऊद के भीतरी और बाहरी अंगों तथा स्वरूप की रचना की (पद 13, 14), वरन उसे एक जीवित प्राणी भी बनाया, उसे एक आत्मिक जीवन भी दिया, और यह क्षमता भी दी कि वह परमेश्वर के साथ एक घनिष्ठ संबंध बना सके। परमेश्वर की इस अद्भुत कारीगरी और रचना पर मनन करते हुए दाऊद की प्रतिक्रिया अचरज, विस्मय, और स्तुति एवं प्रशंसा की थी (पद 14)।

          निःसंदेह, मनुष्य विशिष्ट है। परमेश्वर ने हमारी सृष्टि एक अद्भुत, अद्वितीय योग्यता के साथ की है जिससे कि हम उसके साथ एक घनिष्ठ संबंध रखें। दाऊद के समान हम प्रभु परमेश्वर की स्तुति और प्रशंसा कर सकते हैं क्योंकि हम उसके प्रेमी हाथों की अनुपम रचना हैं। - मार्विन विलियम्स

 

परमेश्वर ने मनुष्यों को अपने साथ संगति रखने के लिए बनाया है।


तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। - भजन संहिता 8:4-6

बाइबल पाठ: भजन 139:1-14

भजन 139:1 हे यहोवा, तू ने मुझे जांच कर जान लिया है।

भजन 139:2 तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।

भजन 139:3 मेरे चलने और लेटने की तू भली भांति छानबीन करता है, और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।

भजन 139:4 हे यहोवा, मेरे मुंह में ऐसी कोई बात नहीं जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।

भजन 139:5 तू ने मुझे आगे पीछे घेर रखा है, और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।

भजन 139:6 यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है; यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।

भजन 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? या तेरे सामने से किधर भागूं?

भजन 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है!

भजन 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं,

भजन 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।

भजन 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्‍धेरा हो जाएगा,

भजन 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।

भजन 139:13 मेरे मन का स्वामी तो तू है; तू ने मुझे माता के गर्भ में रचा।

भजन 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 13-15
  • यूहन्ना 7:1-27