हमारे समाज की यह दशा हो गई है कि हमें अब ईमानदारी की एक बड़ी खुराक अच्छे से पिलाई जाने की बहुत आवश्यक्ता है, विशेषकर हमारे नेताओं को। चाहे व्यापार हो, राजनीति हो, स्कूल में, घरों में यहाँ तक कि चर्चों में भी ईमानदारी का यह अति आवश्यक गुण घटता ही जा रहा है। कपट, घूस, छिपाई हुई कमाई, जमा-खर्च के दोगले रेकॉर्ड, करों की चोरी, अनचुकाए जुर्माने आदि बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि समाज का नियम बन गया है कि नियम तोड़ने से मत डरिए, विशेषकर यदि आप बचकर निकल सकते हैं तो।
ऐसे में हमें भूतपूर्व अमरीकी राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन के जीवन से उनके नैतिक और आत्मिक गुणों के बारे में सीखना चाहिए। राष्ट्रपति बनने से पहले वे अपने एक साथी के साथ वकील का कार्य करते थे। अधिकाँशतः लिंकन बाहर जाकर न्यायिक मामलों को संभालते और उनका साथी दफतर में बैठकर बाकी के संबंधित काम देखता। लिंकन दफतर वापस लौटने से पहले मुकद्दमे का शुल्क ले लिया करते थे। शुल्क लेकर वे उसे दो भागों में विभाजित करते, एक भाग को सावधानी से एक कागज़ में लपटेते और उस पर अपने साथी और मुकद्दमे का नाम सावधानी से लिख लेते थे, जिससे यदि उनके दफतर वापस पहुँच कर साथी को उसका हिस्सा देने से पहले यदि कुछ अन्होनी हो जाए तो उनके साथी को उसका हिस्सा मिलने में कोई परेशानी न हो। देखने में तो यह एक छोटी सी बात लगती है, लेकिन यह उस व्यक्ति के चरित्र को दिखाती है जिसे संसार ने "Honest Abe" (ईमानदार एबी) के उपनाम से जाना था।
हमें भी ऐसे ही जीवन जीने चाहिएं जिनसे हमारे नाम के आगे यदि कोई "ईमानदार" शब्द लगाए तो वह झूठा प्रतीत न हो। - डेनिस डी हॉन
निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगया करो। - फिलिप्पियों ४:८
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:५-९
Php 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Php 4:6 किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Php 4:7 तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।
Php 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।
Php 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
एक साल में बाइबल:
ऐसे में हमें भूतपूर्व अमरीकी राष्ट्रपति एब्राहम लिंकन के जीवन से उनके नैतिक और आत्मिक गुणों के बारे में सीखना चाहिए। राष्ट्रपति बनने से पहले वे अपने एक साथी के साथ वकील का कार्य करते थे। अधिकाँशतः लिंकन बाहर जाकर न्यायिक मामलों को संभालते और उनका साथी दफतर में बैठकर बाकी के संबंधित काम देखता। लिंकन दफतर वापस लौटने से पहले मुकद्दमे का शुल्क ले लिया करते थे। शुल्क लेकर वे उसे दो भागों में विभाजित करते, एक भाग को सावधानी से एक कागज़ में लपटेते और उस पर अपने साथी और मुकद्दमे का नाम सावधानी से लिख लेते थे, जिससे यदि उनके दफतर वापस पहुँच कर साथी को उसका हिस्सा देने से पहले यदि कुछ अन्होनी हो जाए तो उनके साथी को उसका हिस्सा मिलने में कोई परेशानी न हो। देखने में तो यह एक छोटी सी बात लगती है, लेकिन यह उस व्यक्ति के चरित्र को दिखाती है जिसे संसार ने "Honest Abe" (ईमानदार एबी) के उपनाम से जाना था।
हमें भी ऐसे ही जीवन जीने चाहिएं जिनसे हमारे नाम के आगे यदि कोई "ईमानदार" शब्द लगाए तो वह झूठा प्रतीत न हो। - डेनिस डी हॉन
मलाई की बातें कर के लोगों को सप्रेटा मत परोसिए।
निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगया करो। - फिलिप्पियों ४:८
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ४:५-९
Php 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Php 4:6 किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Php 4:7 तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।
Php 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।
Php 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब २०-२१
- प्रेरितों १०:२४-४८