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गुरुवार, 24 अगस्त 2017

संघर्ष तथा सांत्वना


   जब मेरी बहन करोल को छाती का कैंसर हुआ, तो हमारा सारा परिवार चिंतित हुआ। उस रोग, और उसके इलाज के लिए होने वाले ऑपरेशन आदि के कारण हम सब को उसके फिर से स्वस्थ हो पाने की चिंता हुई और हम सब उसके लिए प्रार्थना करने में लगे रहे। आते महीनों में करोल अपने इलाज और प्रगति के बारे में, उस रोग का सामना करने की अपनी चुनौतियों के बारे में हमें स्पष्टता से बताती रही। जब यह खबर आई कि ऑपरेशन तथा इलाज सफल रहा है, और वह स्वस्थ होने की राह पर चल पड़ी है, हम सब बहुत हर्षित हुए।

   इस बात को एक वर्ष भी नहीं बीता था कि मेरी दूसरी बहन लिंडा को भी यही रोग पाया गया। तुरंत करोल लिंडा के साथ होकर उसे समझाने लगी कि आगे क्या होगा, और आती चुनौतियों के लिए कैसे अपने आप को तैयार करे। करोल के अनुभव ने उसे तैयार किया था कि वह लिंडा के साथ मिलकर चले, अपने अनुभवों के द्वारा उसे सांत्वना और मार्गदर्शन दे।

   यही बात प्रेरित पौलुस ने परमेश्वर के वचन बाइबल में कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को अपनी दूसरी पत्री में लिखी: "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:3-4)।

   धन्यवाद हो कि परमेश्वर किसी भी बात को, किसी भी अनुभव को व्यर्थ नहीं जाने देता है। हमारे संघर्ष न केवल हमें अवसर देते हैं कि हम उसकी सांत्वना का अनुभव कर सकें, परन्तु उन संघर्षों के कारण हमें यह अवसर भी प्राप्त होता है कि हम उन्हें भी सांत्वना दे सकें जो उसी प्रकार के संघर्षों का सामना कर रहे हैं। - बिल क्राउडर


परमेश्वर का हमारे साथ होना हमें सांत्वना देता है; 
जिससे कि हम दूसरों के साथ होकर उन्हें सांत्वना दे सकें।

परन्तु प्रभु तू दयालु और अनुग्रहकारी ईश्वर है, तू विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। - भजन 86:15

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:3-11
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो। 
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे। 
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। 
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा। 
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19