उदाहरण
मेरे
छः वर्षीय पुत्र को एक नया उपहार मिला – घर के अन्दर और लोगों के साथ मिलकर खेले
जाने वाला एक खेल। वह अपने उपहार से बहुत खुश और उत्साहित था। उसने बैठकर उस खेल
को समझना और उसे खेलने के नियमों को पढ़ना आरंभ किया। किन्तु आधे-घंटे की
माथा-पच्ची के बाद वह निरुत्साहित होने लगा, क्योंकि उसे समझ नहीं आ
रहा था कि उस खेल को कैसे खेलना है। कुछ समय बाद उसका एक मित्र हमारे घर आया, जो उस
खेल को खेलना जानता था; उसने मेरे पुत्र को उस खेल के बारे में बताया, और
दोनों मिलकर उसे खेलने लगे। अपने मित्र के द्वारा समझाए और दिखाए जाने के बाद, मेरा
पुत्र अपने उपहार का आनन्द लेने लगा।
उन्हें
साथ मिलकर खेलता देखकर मुझे ध्यान आया कि कोई नई बात सीखना कितना अधिक सहज हो जाता
है यदि कोई अनुभवी शिक्षक आपके साथ हो और आपको उस बात के बारे में बताए। निःसंदेह
निर्देशों को पढ़ना सहायक होता है, किन्तु यदि कोई मित्र साथ हो जो उसे कर के दिखा सके
तो सीखना बहुत सरल हो जाता है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रेरित पौलुस भी यह बात समझता था। पौलुस ने
अपने सहकर्मी तीतुस को लिखा कि वह अपने चर्च के लोगों की विश्वास में बढ़ते जाने
में उनकी सहायता करे, और इस बात पर बल दिया कि उन अनुभवी विश्वासियों की सहायता से जिन्हें उदाहरण
बना कर सिखाया जा सकता था, यह करना सहज हो जाएगा। निःसंदेह “सही सिद्धांतों” को
सिखाना आवश्यक था, किन्तु केवल बोल कर सिखाना ही पर्याप्त नहीं था; उस शिक्षा
को जी कर भी दिखाना, तथा उदाहरण स्थापित करना था। पौलुस ने लिखा कि प्रौढ़ पुरुषों
और स्त्रियों को संयमी, दयालु, और प्रेम करने वाले होना चाहिए (तीतुस 2:2-5)। पौलुस
ने कहा, “सब बातों में अपने आप को भले कामों का नमूना बना” (पद 7)।
मैं
ठोस शिक्षा के लिए धन्यवादी हूँ, किन्तु साथ ही मैं उन अनेकों लोगों की भी धन्यवादी
हूँ, जिन्होंने उदाहरण बनकर हमें सिखाया है। उन्होंने अपने जीवनों के द्वारा मुझे
सिखाया है कि मसीह का शिष्य होने का क्या अर्थ होता है, और मेरे लिए उस मार्ग पर
चलना, तथा दूसरों के लिए उदाहरण बनना सरल कर दिया है। - एमी पीटरसन
प्रभु आप के ऐसे अनुयायियों के लिए धन्यवाद जो हमारे
लिए उदाहरण बने।
तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।
- 1 कुरिन्थियों 11:1
बाइबल पाठ: तीतुस 2:1-8
तीतुस 2:1 पर तू ऐसी बातें कहा कर, जो खरे उपदेश के योग्य हैं।
तीतुस 2:2 अर्थात बूढ़े पुरुष, सचेत और गम्भीर और संयमी हों, और उन का विश्वास और प्रेम
और धीरज पक्का हो।
तीतुस 2:3 इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल चलन पवित्र
लोगों सा हो, दोष लगाने
वाली और पियक्कड़ नहीं; पर अच्छी बातें सिखाने वाली हों।
तीतुस 2:4 ताकि वे जवान स्त्रियों को चितौनी देती रहें, कि अपने पतियों और बच्चों
से प्रीति रखें।
तीतुस 2:5 और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करने वाली, भली और अपने अपने पति के आधीन रहने वाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए।
तीतुस 2:6 ऐसे ही जवान पुरुषों को भी समझाया कर, कि संयमी हों।
तीतुस 2:7 सब बातों में अपने आप को भले कामों का नमूना
बना: तेरे उपदेश में सफाई, गम्भीरता
तीतुस 2:8 और ऐसी खराई पाई
जाए, कि कोई
उसे बुरा न कह सके; जिस से
विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्जित हों।
एक साल में बाइबल:
- भजन 26-28
- प्रेरितों 22