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गुरुवार, 4 जुलाई 2019

स्वतंत्र



      न्यू ज़ीलैंड के एक समाचार कैमरामैन, ओलाफ विग ने अगुवा होकर तेरह दिन तक बन्धक रखे जाने और फिर स्वतंत्र होने पर चहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान के साथ कहा, “मैं आज उतना अधिक जीवित अनुभव कर रहा हूँ जितना अपने सारे जीवन भर कभी नहीं किया।”

      यह समझाने में कठिन होता है, किन्तु स्वतंत्र होते समय जो अत्याधिक हर्ष होता है वह स्वतंत्र होकर जीवित रहने में नहीं होता है।

      हम जो प्रतिदिन स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं, हमारे लिए ओलाफ  का आनन्द करना एक अच्छा स्मरण करवाना था कि हम कितने आशीषित हैं। यही बात आत्मिक जीवन के लिए भी ऐसे ही लागू होती है। हम में से जो लंबे समय से मसीही विश्वासी रहे हैं, बहुधा भूल जाते हैं कि पाप का दासत्व कैसा अनुभव होता है। हम इसके प्रति लापरवाह और कृतघ्न भी हो सकते हैं। परन्तु फिर परमेश्वर हमें स्मरण करवाने को एक नए विश्वासी के रूप में किसी को भेजता है, और उसके जीवन की उल्लासपूर्ण गवाही कि परमेश्वर ने कैसे उसके जीवन में कार्य किया है, हमें याद दिलाती है कि जब हम “पाप और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र” (रोमियों 8:2) होते हैं तो कैसे आनन्द के हकदार होते हैं।

      यदि स्वतंत्रता आपके लिए उबाऊ हो गई है, या आप उन बातों पर ध्यान केंद्रित करते रहते हैं जिन्हें आप कर नहीं पा रहे हैं, तो इस बात पर ध्यान कीजिए: न केवल आप अब पाप के दास नहीं हैं, परन्तु आप पवित्र होने तथा प्रभु यीशु के साथ अनन्त जीवन का आनन्द लेने के लिए स्वतंत्र किए गए हैं! (6:22)।

      मसीह में विश्वास के द्वारा पापों से मिली स्वतंत्रता का आनन्द लें, उन बातों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें जिन्हें आप उसकी सन्तान होकर करने के लिए अब स्वतंत्र हैं। - जूली एकेरमैन लिंक


मसीह के लिए जीवन जीने से वास्तविक स्वतंत्रता मिलती है।

हे भाइयों, तुम स्‍वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्‍वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन प्रेम से एक दूसरे के दास बनो। - गलातियों 5:13

बाइबल पाठ: रोमियों 6:15-23
Romans 6:15 तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।
Romans 6:16 क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों के समान सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है
Romans 6:17 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
Romans 6:18 और पाप से छुड़ाए जा कर धर्म के दास हो गए।
Romans 6:19 मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास कर के सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास कर के सौंप दो।
Romans 6:20 जब तुम पाप के दास थे, तो धर्म की ओर से स्वतंत्र थे।
Romans 6:21 सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे?
Romans 6:22 क्योंकि उन का अन्त तो मृत्यु है परन्तु अब पाप से स्वतंत्र हो कर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है।
Romans 6:23 क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 28-29
  • प्रेरितों 13:1-25