एक व्यक्ति अपने मित्र से मिलने उसके शहर गया। मित्र ने उसे अपने शहर का एक सुन्दर भवन दिखाया, किंतु उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। उसकी खामोशी से निराश हो कर मित्र ने पूछा, "क्या यह भवन तुम्हें सुन्दर नहीं लगा?" उसने उत्तर दिया, "नहीं, क्योंकि मैं रोम के भवन देख कर आ रहा हूँ।" क्योंकि वह रोम के भव्य भवन देख चुका था, इसलिए मित्र के शहर के भवन उनके सामने उसे फीके प्रतीत हुए और उसे उन भवनों में कोई रुचि नहीं हुई।
प्रसिद्ध प्रचारक स्पर्जन ने इस कहानी पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हे मसीही विश्वासी, यदि संसार तुम्हें अपने दृश्यों और संभावनाओं द्वारा आकर्षित करता है, तो स्वर्ग के उस दर्शन के समक्ष जो तुम्हें दिया गया है, और जिसे तुम विश्वास द्वारा कभी भी पुनः देख सकते हो, संसार के उन दृश्यों और प्रलोभनों को तुच्छ जानो।"
जिन विश्वासियों ने परमेश्वर के वचन में विश्वास द्वारा स्वर्ग का स्वाद चख लिया है, और मसीह यीशु में होकर मिलने वाली स्वर्गीय आशीशों को जान लिया है, वे इस संसार के प्रलोभनों से आकर्षित नहीं होते। वे संसार के खोखलेपन और व्यर्थ आकर्षणों की सत्यता को पहचानते हैं और उनसे प्रभावित नहीं होते।
खरी और अनन्त मूल्य की बातों को पहचान कर वे संसार की क्षणिक और नशवर बातों के लिए कहते हैं, "यह संसार ले लो, और मुझे यीशु दे दो।" - रिचर्ड डी हॉन
यदि मसीह हमें आकर्षित करता है तो संसार हमारा ध्यान भंग नहीं कर सकता।
तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। - १ युहन्ना २:१५
बाइबल पाठ: १ युहन्ना २:१२-१७
1Jn 2:12 हे बालको, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए।
1Jn 2:13 हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो।
1Jn 2:14 हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।
1Jn 2:15 तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है।
1Jn 2:16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।
1Jn 2:17 और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।
1Jn 2:12 हे बालको, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए।
1Jn 2:13 हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो।
1Jn 2:14 हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि बलवन्त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्ट पर जय पाई है।
1Jn 2:15 तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है।
1Jn 2:16 क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है।
1Jn 2:17 और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह ६-८
- १ तिमुथियुस ५