सबसे पुरानी लंबी दूरी की दौड़ - The Comrades Marathon सन १९२१ में आरंभ हुई थी। यह दौड़ ९० कि.मी. (५६ मील) की दूरी की है और दक्षिणी अफ्रीका में सालाना आयोजित करी जाती है। ब्रूस फोरडिस १९८० के दशक में इस दौड़ पर छाया रहा, सन १९८१ से १९९० तक उसने ९ बार इस दौड़ को जीता। इस दैड़ को ५ घंटे २४ मिनिट और ७ सैकिंड में दौड़ने का उसके द्वारा १९८६ में स्थापित रिकार्ड २१ साल - सन २००७ तक कायम रहा। मुझे अचंभा होता है कि वह इस दौड़ को हर साल दौड़ता रहा है।
एक प्रकार से हम मसीही विश्वासी भी एक लंबी दूरी की दौड़ में भाग ले रहे हैं। जीवन की इस दौड़ को दौड़ने और भली भांति पूरा करने के लिये बहुत सहनशक्ति की आवश्यक्ता होती है। पौलुस प्रेरित ने फिलिप्पियों के विश्वासियों को अपनी पत्री में लिखा कि किस प्रकार वह "...जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है" (फिलिप्पियों ३:१३, १४)।
हमारे प्रभु यीशु ने हमें हर विपरीत परिस्थिति के बावजूद, जीवन की दौड़ को दौड़ने का उदाहरण प्रस्तुत किया; बाइबल सिखाती है कि "...विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा...। इसलिये उस पर ध्यान करो, जिस ने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया; कि तुम निराश होकर हियाव न छोड़ दो।" जैसे प्रभु यीशु अपनी दौड़ पूरी करके "... सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों १२:२, ३), वैसे ही हमें भी अपनी दौड़ भली भांति पूरी करने पर हमारा प्रतिफल मिलेगा।
जीवन की दौड़ को सफलता पूर्वक पूरा करने की कुंजी है उस परम आनन्द पर ध्यान लगाये रखना जो इस जीवन के पश्चात, अनन्त जीवन में प्रवेश करने पर, प्रभु यीशु के साथ प्रत्येक विश्वासी को मिलेगा। - सी. पी. हिया
निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है - फिलिप्पियों ३:१४
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१२-२१
यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।
निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।
सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं।
वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।
एक साल में बाइबल:
एक प्रकार से हम मसीही विश्वासी भी एक लंबी दूरी की दौड़ में भाग ले रहे हैं। जीवन की इस दौड़ को दौड़ने और भली भांति पूरा करने के लिये बहुत सहनशक्ति की आवश्यक्ता होती है। पौलुस प्रेरित ने फिलिप्पियों के विश्वासियों को अपनी पत्री में लिखा कि किस प्रकार वह "...जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है" (फिलिप्पियों ३:१३, १४)।
हमारे प्रभु यीशु ने हमें हर विपरीत परिस्थिति के बावजूद, जीवन की दौड़ को दौड़ने का उदाहरण प्रस्तुत किया; बाइबल सिखाती है कि "...विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा...। इसलिये उस पर ध्यान करो, जिस ने अपने विरोध में पापियों का इतना वाद-विवाद सह लिया; कि तुम निराश होकर हियाव न छोड़ दो।" जैसे प्रभु यीशु अपनी दौड़ पूरी करके "... सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा" (इब्रानियों १२:२, ३), वैसे ही हमें भी अपनी दौड़ भली भांति पूरी करने पर हमारा प्रतिफल मिलेगा।
जीवन की दौड़ को सफलता पूर्वक पूरा करने की कुंजी है उस परम आनन्द पर ध्यान लगाये रखना जो इस जीवन के पश्चात, अनन्त जीवन में प्रवेश करने पर, प्रभु यीशु के साथ प्रत्येक विश्वासी को मिलेगा। - सी. पी. हिया
मसीही विश्वासी के लिये की जीवन की दौड़ हारने-जीतने की प्रतियोगिता नहीं वरन प्रभु में उसकी सहनशक्ति का माप है।
निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है - फिलिप्पियों ३:१४
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१२-२१
यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था।
हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ।
निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है।
सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा।
सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं।
वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन १३५, १३६
- १ कुरिन्थियों १२