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शनिवार, 20 नवंबर 2010

उभारने को हाथ बढ़ाएं

सारा टयुकोल्स्की ने Soft Ball खेल के महत्वपूर्ण मुकाबले में अपने जीवन में पहली बार गेंद को 'Home Run' के लायक मारा, अर्थात उसने गेंद को पहली बार इतनी दूर मारा कि वह भागकर पूरा रन बनाने के लिये चारों बेसों को छूने की स्थिति में थी। वह इतनी उतेजित हुई कि भागते हुए पहले बेस को छूने से रह गई। अपनी गलती को ठीक करने के लिये वह जैसे ही तेज़ी से पलटी, उसके घुटने में चोट आ गई और वह रोती हुई पहले बेस की ओर रेंगकर आगे बढ़ने लगी। नियम के अनुसार उसे चारों बेसों को अपने आप छूना था तभी वह रन पूरा माना जाता और गिना जाता। उसकी टीम के खिलाड़ी इसमें उसकी कोई सहायता नहीं कर सकते थे।

ऐसे में पहले बेस पर खड़े प्रतिद्वन्दी टीम के खिलाड़ी मैलोरी ने अम्पायर से पूछा, "यदि हम उसे उठा कर चारों बेस पर बारी बारी ले जाएं तो क्या यह रन माना जाएगा?" अम्पायरों ने आपस में मंत्रणा करके अपनी सहमति जताई। तब सारा की प्रतिद्वन्दी टीम के खिलाड़ी मैलोरी और उसके एक और साथी ने अपने हाथ आपस में जोड़ कर सारा के बैठने के लिये ’कुर्सी’ बनाई और उसे उठा कर चारों बेसों पर ले गए जिससे सारा उन्हें छू कर अपना रन पूरा कर सकी और वह रन उसके नाम से गिना गया। इस प्रक्रिया को पूरा होते होते, प्रतिद्वन्दी टीम के इस निस्वार्थ करुणा के कार्य को देख कर बहुत से लोगों की आंखें भर आईं।

इस घटना से मिलने वाली शिक्षा स्पष्ट है। जब हमारे साथ के लोग या हमारे सहविश्वासी किसी बात में ठोकर खाकर गिरते हैं तो हमें इन खिलाड़ीयों के समान, सहायता और उन्हें उभारने के लिये अपने हाथ बढ़ाने चाहियें - " हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को संभालो, और अपनी भी चौकसी रखो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो। तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो। (गलतियों ६:१, २)

जब किसी को गिरा हुआ देखें तो अपने हाथ उसे और दबाने या उस पर उंगली उठाने के लिये नहीं वरन उसे उभारने और खड़ा करने के लिये सहायतार्थ बढ़ाएं; " एक दूसरे पर कृपाल, और करूणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो" (इफिसियों ४:३२)। यह एक अद्भुत अवसर होता है कि "जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए" (१ पतरस ४:१०)। - डेव एगनर


जो इस संसार में दूसरों के बोझों को हलका करने के लिये हाथ बढ़ाते हैं उनके ये प्रयास कभी व्यर्थ नहीं कहलाते।

जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाई एक दूसरे की सेवा में लगाए। - १ पतरस ४:१०


बाइबल पाठ: १ पतरस ४:७-११

सब बातों का अन्‍त तुरन्‍त होने वाला है, इसलिये संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्‍योंकि प्रेम अनेक पापों को ढ़ांप देता है।
बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों मे यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • यहेजेकेल १४-१५
  • याकूब २