एडमन्ड हिलेरी और उनके शेरपा साथी तेनज़िंग नौर्गे ने सन १९५३ में एवरेस्ट पर्वत पर एतिहासिक चढ़ाई करी एवं विजय प्राप्त करी। नीचे उतरते समय एक जगह हिलेरी का पांव फिसल गया, और तुरंत तेनज़िंग ने रस्सी को तानकर मज़बूती से पकड़ा और अपनी कुलहाड़ी बर्फ में गड़ा दी। इस स्थिरता के कारण हिलेरी अपना सन्तुलन एवं पैर पुनः जमा सके और दोनो सही सलामत नीचे उतर आए। बाद में जब पत्रकारों ने इस घटना के संदर्भ में तेनज़िंग को प्रशंसा का पात्र बनाना चाहा तो उन्होंने कोई भी श्रेय या प्रशंसा लेने से यह कह कर इन्कार कर दिया कि "यह कोई अनोखी बात नहीं है, पर्वतारोही तो सदैव एक दूसरे की सहायता करते ही हैं"।
यही बात मसीही विश्वासियों के साथ भी होनी चाहिए। परमेश्वर तो अपने बच्चों की सहायता करता ही है (इब्रानियों १३:६)। उसने हमें प्रभु यीशु मसीह में उद्धार का मार्ग देकर हमें पाप के दण्ड से बचाया है। वह समय एवं आवश्यक्तानुसार भी हमारी सहायता कई प्रकार से करता है, और चाहता है कि हम भी एक दूसरे कि ऐसे ही सहायता किया करें, क्योंकि हम सब एक ही मार्ग के यात्री हैं।
प्रेरित पौलुस ने उनकी प्रशंसा करी जिन्हों ने रोम में उसकी तथा वहां के विश्वासियों की सहायता करी थी। रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उसने लिखा "मरियम को जिस ने तुम्हारे लिये बहुत परिश्र्म किया, नमस्कार" (रोमियों १६:६); तथा फीबे के लिए उसने लिखा "...जिस किसी बात में उस को तुम से प्रयोजन हो, उस की सहायता करो; क्योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है" (रोमियों १६:२)।
जब किसी का बोझ भारी हो जाए या किसी के कदम लड़खड़ाएं तो जो भी सहायता हम कर सकते हैं, हमें करनी चाहिए। सभी लोगों में हमारी यह पहचान होनी चाहिए "यह कोई अनोखी बात नहीं है, मसीही विश्वासी तो सदैव एक दूसरे की सहायता करते ही हैं"। - डेव एग्नर
एक दूसरे के बोझ बांट लेने से हम सहजता से एक साथ चल सकेंगे।
प्रिसका और अक्विला को भी यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्कार। - रोमियों १६:३
बाइबल पाठ: रोमियों १६:१-१४
Rom 16:1 मैं तुम से फीबे की, जो हमारी बहिन और किंखिया की कलीसिया की सेविका है, बिनती करता हूं।
Rom 16:2 कि तुम जैसा कि पवित्र लोगों को चाहिए, उसे प्रभु में ग्रहण करो; और जिस किसी बात में उस को तुम से प्रयोजन हो, उस की सहायता करो; क्योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है।
Rom 16:3 प्रिसका और अक्विला को भी यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्कार।
Rom 16:4 उन्होंने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।
Rom 16:5 और उस कलीसिया को भी नमस्कार जो उन के घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को जो मसीह के लिये आसिया का पहिला फल है, नमस्कार।
Rom 16:6 मरियम को जिस ने तुम्हारे लिये बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Rom 16:7 अन्द्रुनीकुस और यूनियास को जो मेरे कुटम्बी हैं, और मेरे साथ कैद हुए थे, और प्रेरितों में नामी हैं, और मुझ से पहिले मसीह में हुए थे, नमस्कार।
Rom 16:8 अम्पलियातुस को, जो प्रभु में मेरा प्रिय है, नमस्कार।
Rom 16:9 उरबानुस को, जो मसीह में हमारा सहकर्मी है, और मेरे प्रिय इस्तखुस को नमस्कार।
Rom 16:10 अपिल्लेस को जो मसीह में खरा निकला, नमस्कार। अरिस्तुबुलुस के घराने को नमस्कार।
Rom 16:11 मेरे कुटुम्बी हेरोदियोन को नमस्कार। नरिकयुस के घराने के जो लोग प्रभु में हैं, उन को नमस्कार।
Rom 16:12 त्रूफैना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं, नमस्कार। प्रिया परसिस को जिस ने प्रभु में बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Rom 16:13 रूफुस को जो प्रभु में चुना हुआ है, और उस की माता को जो मेरी भी है, दोनों को नमस्कार।
Rom 16:14 असुक्रितुस और फिलगोन और हिमस ओर पत्रुबास और हिमांस और उन के साथ के भाइयों को नमस्कार।
एक साल में बाइबल:
- विलापगीत १-२
- इब्रानियों १०:१-१८