ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020

सामना

 

         भय हमें एक स्थान पर स्तब्ध कर सकता है। हमें भयभीत होने के सभी कारण ध्यान हैं – पिछले समय की हमारी सारी बातें जिनसे हम आहत हुए, हर वह बात जो फिर से ऐसा ही कर सकती है। इसलिए हम कभी-कभी अटक जाते हैं – पीछे जा नहीं सकते; आगे बढ़ने में अत्यधिक भयभीत रहते हैं। हम सोचते हैं, ‘मैं यह नहीं कर सकता हूँ। मैं इस प्रकार से फिर से दुखी होने का जोखिम नहीं उठा सकता हूँ, मैं न तो इतना सक्षम हूँ, न इतना बलवंत हूँ, और न ही इतना साहसी हूँ।’

         लेखक फ्रेडरिक ब्यूक्नर ने जिस प्रकार से परमेश्वर के अनुग्रह का वर्णन किया है, मैं उससे मुग्ध हूँ, वो कहते हैं, ‘एक कोमल आवाज़ के समान जो कहती है, यह संसार है। इसमें भयानक बातें भी होंगी और मनोहर बातें भी होंगी। परन्तु मत डर, मैं तेरे साथ हूँ।

         भयानक बातें होंगी। हमारे संसार में, दुखी लोग औरों को भी दुखी कर देते हैं, कई बार बहुत अधिकाई से। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार दाऊद के समान हम सब भी अपनी ही उन कहानियों को लिए चलते हैं, जब बुराई ने हमें घेर लिया, जब पशुओं के समान, लोगों ने हमें आहत किया (भजन 57:4); और इसलिए हम दुखी होते हैं, हम पुकारते हैं (पद 1, 2)।

         परन्तु क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है इसलिए हमारे साथ मनोहर बातें भी होंगी। जब हम उसके पास अपने दुःख और भय को लेकर जाते हैं, हम पाते हैं कि वह हमें अपने उस प्रेम के साथ लिए चलता है जो किसी की भी हमें आहत करने की शक्ति से कहीं बढ़कर है (पद 1-3); इतना महान प्रेम जो स्वर्ग तक भरा हुआ है (पद 10)। चाहे विनाश  ने हमें हमारे चारों ओर से क्यों न घेर रखा हो, परमेश्वर का प्रेम हमारा वह दृढ़ शरणस्थान है जहाँ हमारे हृदयों को शान्ति मिलती है (पद 1, 7)।

         और फिर एक दिन हम अपने आप को एक नए साहस के साथ उठते हुए पाते हैं, उस दिन का सामना उसकी विश्वासयोग्यता के स्तुति गीत के साथ करने को तैयार। - मोनिका ब्रैंड्स

 

परमेश्वर का प्रेम और मनोहरता हमें साहसी बना देती है।


हे इस्राएल तेरा रचने वाला और हे याकूब तेरा सृजनहार यहोवा अब यों कहता है, मत डर, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम ले कर बुलाया है, तू मेरा ही है। - यशायाह 43:1

बाइबल पाठ: भजन 57

भजन संहिता 57:1 हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिये रहूंगा।

भजन संहिता 57:2 मैं परम प्रधान परमेश्वर को पुकारूंगा, ईश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है।

भजन संहिता 57:3 ईश्वर स्वर्ग से भेज कर मुझे बचा लेगा, जब मेरा निगलने वाला निन्दा कर रहा हो। परमेश्वर अपनी करुणा और सच्चाई प्रगट करेगा।

भजन संहिता 57:4 मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बरछी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है।

भजन संहिता 57:5 हे परमेश्वर तू स्वर्ग के ऊपर अति महान और तेजोमय है, तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!

भजन संहिता 57:6 उन्होंने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया है; मेरा प्राण ढला जाता है। उन्होंने मेरे आगे गड़हा खोदा, परन्तु आप ही उस में गिर पड़े।

भजन संहिता 57:7 हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; मैं गाऊंगा वरन भजन कीर्तन करूंगा।

भजन संहिता 57:8 हे मेरी आत्मा जाग जा! हे सारंगी और वीणा जाग जाओ। मैं भी पौ फटते ही जाग उठूंगा।

भजन संहिता 57:9 हे प्रभु, मैं देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूंगा; मैं राज्य राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊंगा।

भजन संहिता 57:10 क्योंकि तेरी करुणा स्वर्ग तक बड़ी है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक पहुंचती है।

भजन संहिता 57:11 हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर अति महान है! तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए!

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 47-49
  • 1 थिस्सलुनीकियों 4