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शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

सुन्दरता



      एडवर्ड एब्बे, अमेरिका के ऊटाह प्रांत के आर्चिस नैशनल पार्क में कार्य करने वाले एक रेंजर थे। उन्होंने अपनी जीवनी और पार्क के अनुभव Desert Solitaire नामक अपनी पुस्तक में लिखे हैं। यह पुस्तक पढ़ने योग्य है, यदि और कुछ नहीं, तो एब्बे की अनुपम भाषा और अमेरिका के दक्षिण-पश्चिमी इलाके के अद्भुत विवरण के लिए। लेकिन अपने शब्द-चातुर्य और अद्भुत विवरण क्षमता के बावजूद, एब्बे एक नास्तिक ही थे, जो उस राष्ट्रीय उद्यान तथा क्षेत्र की सुंदरता को बयान तो बखूबी कर सकते थे, उसके प्रशंसा भी कर सकते थे, परन्तु उस सुन्दरता के पीछे उसके बनाने वाले को देखने तथा जानने के लिए तैयार नहीं थे। उनका सारा जीवन उस सुंदरता में तो बीता, परन्तु वह उस सुंदरता के रचियता से अनजान ही बने रहे।

      अधिकांश प्राचीन सभ्यताओं में सृष्टि तथा सँसार की उत्पत्ति से संबंधित परिकल्पनाएँ तथा धारणाएँ हैं, जिन्हें वे दन्त कथाओं, मिथकों और गीतों में बयान करते हैं। परन्तु परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई उत्पत्ति की कहानी अनुपम है, जो ऐसे परमेश्वर के विषय बताती है जिसने सृष्टि की सुंदरता को मनुष्य के आनन्द तथा पुलकित होने के लिए रचा। परमेश्वर ने इस सारी सृष्टि का विचार किया, फिर अपने वचन के द्वारा उसे अस्तित्व में ले आया और उस सब को “अच्छा” भी कहा; इब्रानी भाषा में जो शब्द “अच्छा” के लिए आया है वह “सुन्दरता” का अर्थ भी देता है। तब परमेश्वर ने अपने स्वरूप में, अपने हाथों से मनुष्य की सृष्टि की, उसके लिए अदन की वाटिका को बनाया, और अपने महान, अद्भुत प्रेम में आदम को उस वाटिका में रख दिया और उससे कहा, “फूलो-फलो और आनन्दित रहो!”

      कुछ लोग अपने चारों ओर बिखरी हुई सुन्दरता में, उन्हें दिन प्रतिदिन सृष्टिकर्ता से मिलने वाले भले उपहारों में परमेश्वर की सुन्दरता को देखते तो हैं और उनका आनन्द भी उठाते हैं, परन्तु उनके लिए परमेश्वर को न धन्यवाद कहते हैं और न ही उसकी आराधना करते हैं। वे अपनी ही कल्पनाओं और धारणाओं में रहते हैं, और सच्चे, जीवते परमेश्वर को जानने-पहचानने से इन्कार करते रहते हैं।

      अन्य उस सुंदरता और उपहारों में परमेश्वर के प्रेम और सामर्थ्य को देखते हैं, और उनके लिए उसका धन्यवाद करते हैं, उसकी आराधना करते हैं, तथा उसपर विश्वास लाकर उसके अनन्त आनन्द में प्रवेश कर लेते हैं। - डेविड रोपर


सम्पूर्ण सृष्टि परमेश्वर की सुंदरता को प्रतिबिंबित करती है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। - भजन 19:1-3

बाइबल पाठ: भजन 136:1-9
Psalms 136:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचर्यकर्म नहीं करता, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
Psalms 136:9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 56-58
  • 2 थिस्सलुनीकियों 2