जब हमारे साथ के एक कार्यकर्ता ने अत्याधिक
पीड़ा के कारण दफ्तर से छुट्टी ली तो हम सभी उस के लिए चिंतित हुए। उसे कुछ समय
अस्पताल में बिताना पड़ा और बाद में कार्य से कुछ अवकाश भी लेना पड़ा। काम पर वापस
लौटने के पश्चात उसने अपनी उस पीड़ा के कारण को हमें दिखाया – गुर्दे की एक पत्थरी।
उसने अपने डॉक्टर से कहा था कि उस पत्थरी को उसे दे, जिससे वह एक स्मृति के सामान
उसे रख ले। उस पत्थरी को देख कर मुझे भी कुछ वर्षों पहले पित्त की थैली की पत्थरी
के कारण उठी अपनी पीड़ा की याद आई।
यह रोचक है कि इतनी छोटी से चीज़ सारी देह को
इतनी पीड़ा दे सकती है, कार्य करने से रोक सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भी
प्रेरित पौलुस इसी बात को कोरिन्थ की मसीही मंडली को लिखी अपनी पत्री में समझाता
है। 1 कुरिन्थियों 12 अध्याय, इसी विषय पर है, और इसमें मानव देह को रूपक के समान
लेकर पौलुस समझा रहा है कि यदि एक अंग दुखी होता है तो पूरी देह प्रभावित होती है।
पौलुस, पवित्र आत्मा की अगुवाई में, सारे संसार के मसीही विश्वासियों को परमेश्वर
द्वारा एक साथ गठी गई एक देह के समान देखता है। इस एक देह में हम सब के पास भिन्न
योग्यताएँ और भूमिकाएँ हैं, किन्तु क्योंकि हम सभी एक ही देह के भाग हैं, इसलिए एक
व्यक्ति का दुःख अन्य सभी को प्रभावित करता है। जब हमारा कोई साथी मसीही सताव,
दुःख, या परीक्षाओं का सामना करता है तो उसकी पीड़ा हम सभी को कष्ट देती है।
मेरे उस सहकर्मी के गुर्दे के दर्द ने उसकी सम्पूर्ण
देह को अनुभव हो रही पीड़ा के समाधान को ढूँढने के लिए बाध्य किया। मसीह की देह में,
किसी अन्य जन की पीड़ा हमारी करुणा को जागृत कर के हमें प्रोत्साहित करती है कि हम
उसके लिए कुछ करें। हम प्रार्थना कर सकते हैं, प्रोत्साहन के शब्द कह सकते हैं, या
किसी अन्य प्रकार की सहायता को, जिसकी उसे आवश्यकता है, उसे प्रदान कर सकते हैं,
जिससे वह आराम पाए। सारी देह मिलकर ही कार्य करती है, कि सभी अंग स्वस्थ बने रहें।
- लिंडा वॉशिंगटन
हम सभी प्रभु के
कार्य में एक साथ हैं।
और अपने शरीर
में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य
उत्पन्न कर के मेल करा दे। और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक
देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए। - इफिसियों 2:15-16
बाइबल पाठ: 1
कुरिन्थियों 12:14-26
1 कुरिन्थियों
12:14 इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से
हैं।
1 कुरिन्थियों
12:15 यदि पांव कहे कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं,
तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?
1 कुरिन्थियों
12:16 और यदि कान कहे; कि मैं आंख नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?
1 कुरिन्थियों
12:17 यदि सारी देह आंख ही होती तो सुनना कहां से होता? यदि
सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
1 कुरिन्थियों
12:18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक कर के देह में
रखा है।
1 कुरिन्थियों
12:19 यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?
1 कुरिन्थियों
12:20 परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।
1 कुरिन्थियों
12:21 आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं,
और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे
तुम्हारा प्रयोजन नहीं।
1 कुरिन्थियों
12:22 परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।
1 कुरिन्थियों
12:23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक
आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो
जाते हैं।
1 कुरिन्थियों
12:24 फिर भी हमारे शोभायमान अंगो को इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु
परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी
उसी को और भी बहुत आदर हो।
1 कुरिन्थियों
12:25 ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर
चिन्ता करें।
1 कुरिन्थियों
12:26 इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ
दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।
एक साल में
बाइबल:
- 1 शमुएल 22-24
- लूका 12:1-31