चीन में मुहावरों का प्रयोग आम बात है, और उनके मुहावरों के पीछे बहुधा कुछ नीति-कथाएं होती हैं। ऐसा ही एक मुहावरा "बढ़ने के लिए फसल को खींचना" सौंग राजवंश के शासन काल के समय के एक किसान से संबंधित है। वह किसान बहुत आतुर था कि चावल के पौधों की उसकी फसल तेज़ी से बढ़े; इसके लिए उसे एक उपाय सूझा - वह पौधों को थोड़ा सा खींचकर उन्हें लंबा कर देगा। दिन भर ऐसा करने के बाद उस किसान ने अपने चावल के खेत पर दृष्टि की, और देखकर प्रसन्न हुआ कि उसके खेत के पौधे पहले से कुछ बढ़े हुए दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसका यह आनन्द थोड़े ही समय का था; क्योंकि अगले ही दिन उसने देखा कि सारे पौधे मुर्झा गए हैं, क्योंकि उसके कार्य से उनकी जड़ों को क्षति पहुँची थी।
परमेश्वर के वचन बाइबल में तिमुथियुस को लिखी अपनी पत्री में प्रभु यीशु में मिलने वाले उद्धार के सुसमाचार के प्रचार का कार्य करने वाले सेवक को किसान के समान बताया है। पौलुस ने तिमुथियुस को प्रोत्साहित करने के लिए लिखा कि खेती के समान, प्रभु यीशु के चेले बनाना एक लगातार चलते रहने वाला कठिन मेहनत का कार्य है। किसान के समान ही सेवक भी लोगों के जीवनों में हल जोतता है, परमेश्वर के वचन के बीज बोता है, उन बीजों के अंकुरित होने की प्रतीक्षा करता है, उनके लिए प्रार्थना करता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे परिश्रम का फल भी शीघ्र दिखाई दे, परन्तु बढ़ोतरी समय लेती है। और जैसा उपरोक्त चीनी मुहावरे की कहानी सिखाती है, उस बढ़ोतरी में तेज़ी लाने के प्रयास बहुधा लाभदायक नहीं वरन नुकसानदेह ही होते हैं। बाइबल टीकाकार विलियम हैंड्रिकसन ने लिखा: "यदि तिमुथियुस...परमेश्वर द्वारा उसे दिए गए कार्य को अच्छे से करने के लिए पूरा-पूरा प्रयास करेगा...तो वह दूसरों के जीवनों में उसे...उन महिमामय फलों का आरंभ दिखेगा जिनका उल्लेख गलतियों 5:22-23 में है।"
जब हम विश्वासयोग्यता के साथ परिश्रम करते हैं, धीरज के साथ प्रभु परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करते हैं, तो परमेश्वर से मिलने वाली बढ़ोतरी और फल भी देखने पाते हैं। - पोह पैंग चिया
खेत जोतना तथा बीज बोना हमारा कार्य है;
उस परिश्रम से फसल उत्पन्न करना परमेश्वर का।
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं। - गलतियों 5:22-23
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 2:1-6; 1 कुरिन्थियों 3:5-9
2 Timothy 2:1 इसलिये हे मेरे पुत्र, तू उस अनुग्रह से जो मसीह यीशु में है, बलवन्त हो जा।
2 Timothy 2:2 और जो बातें तू ने बहुत गवाहों के साम्हने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो औरों को भी सिखाने के योग्य हों।
2 Timothy 2:3 मसीह यीशु के अच्छे योद्धा की नाईं मेरे साथ दुख उठा।
2 Timothy 2:4 जब कोई योद्धा लड़ाई पर जाता है, तो इसलिये कि अपने भरती करने वाले को प्रसन्न करे, अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता
2 Timothy 2:5 फिर अखाड़े में लड़ने वाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता।
2 Timothy 2:6 जो गृहस्थ परिश्रम करता है, फल का अंश पहिले उसे मिलना चाहिए।
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन 31-33
- मत्ती 22:1-22