कुछ समय पहले की बात है मैंने अपने पड़ौसी के घर की ओर से एक चिड़िया की परेशान चहचहाने की आवाज़ सुनी। मैंने देखा कि चिड़िया का घोंसला और उसमें उसके बच्चे एक ऐसे स्थान पर थे जिसके आगे परदा आ गया था और वह चिड़िया अपने बच्चों को भोजन करा पाने में असमर्थ, परेशान चहचहाती हुई इधर-उधर उड़ रही थी, बच्चों तक पहुँचने का मार्ग खोज रही थी। मैंने अपने पड़ौसियों को स्थिति से अवगत कराया और उन्होंने वह घोंसला और उन बच्चों को एक अन्य खुले किंतु सुरक्षित स्थान पर रख दिया।
प्रेम के बीच में बाधा डालने वाली बात से बढ़कर हृदयविदारक शायद ही कोई बात होगी। इस्त्राएल हज़ारों साल से अपने मुक्तिदाता मसीहा की बाट जोह रहा था, परन्तु जब वह वाचा किया हुआ मुक्तिदाता प्रभु यीशु अपने लोगों के पास आया, तो उन्होंने उसका और उसके प्रेम का तिरिस्कार कर दिया। प्रभु यीशु ने उनके उसे तिरिस्कृत करने, उसे ग्रहण ना करने को दर्शाने के लिए मुर्गी और उसके बच्चों का उदाहरण लिया: "हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा" (मत्ती 23:37)।
हमारे पाप हमारे और परमेश्वर के बीच में आनी वाली बाधा हैं: "परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम को तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उस का मुँह तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता" (यशायाह 59:2)। परमेश्वर हम सब से प्रेम करता है और चाहता है कि प्रभु यीशु में सेंत-मेंत उपलब्ध पापों से मुक्ति पाकर सब उसके पास आ जाएं: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। परमेश्वर के साथ हमारे संबंध में हमारे पाप बाधा बनते हैं, परन्तु कलवरी के क्रूस पर अपने बलिदान और पुनरुत्थान के द्वारा प्रभु यीशु ने उस बाधा को हटाने का कार्य पूरा कर दिया है (रोमियों 5:8-17; 8:11)।
अब परमेश्वर हमारे साथ संगति रखने और हमें आशीषित करने को लालायित रहता है, हमारी प्रतीक्षा में रहता है। वह चाहता है कि हम उसके इस उपहार को स्वीकार करें और उसके साथ अनन्त जीवन में प्रवेश कर लें। - डेनिस फिशर
अपने क्रूस के द्वारा प्रभु यीशु पाप के दण्ड से बचाता है, शैतान के हाथों से छुड़ाता है, परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कराता है।
वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:11-13
बाइबल पाठ: मत्ती 23:37-39
Matthew 23:37 हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा।
Matthew 23:38 देखो, तुम्हारा घर तुम्हारे लिये उजाड़ छोड़ा जाता है।
Matthew 23:39 क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि अब से जब तक तुम न कहोगे, कि धन्य है वह, जो प्रभु के नाम से आता है, तब तक तुम मुझे फिर कभी न देखोगे।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 50-52
- 1 थिस्सलुनीकियों 5