एक
व्यावसायिक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में उसके समय के पूरा हो जाने के पैंतालीस वर्ष
बाद भी जेरी क्रैमर को उसके खेल की सर्वोच्च प्रतिष्ठा – ‘हॉल ऑफ़ फेम’ में उसके
नाम का लिखा जाना, नहीं मिल सका। उसे बहुत से अन्य सम्मान और उपलब्धियां प्राप्त
हुईं, लेकिन यह एक उपलब्धि वह प्राप्त नहीं कर सका। यद्यपि दस बार इस उपलब्धि के
लिए उसके नाम को सुझाया गया, किन्तु हर बार यह पुरस्कार अन्ततः किसी अन्य खिलाड़ी
को दे दिया गया। इतनी बार आशा के टूटने के बाद भी क्रैमर की प्रतिक्रिया विनीत
रहने की ही रही। उसका कहना था, “मुझे लगा मानो राष्ट्रीय फुटबॉल लीग ने मुझे मेरे
जीवन के दौरान 100 पुरस्कार दिए हैं; इसलिए उस एक के लिए जो मुझे नहीं मिला, विचलित होना
और कुड़कुड़ाना, मूर्खता होगी।”
जिस
बात को लेकर कुछ अन्य लोग द्वेष से भर सकते थे, कि बारंबार उनके स्थान पर
अन्य खिलाड़ियों को यह आदर दे दिया जाता है, क्रैमर नम्र बना रहा। उसका
यह रवैया दिखाता है कि हम किस प्रकार से डाह और द्वेष के कारण हमारे हृदयों को
भ्रष्ट और नष्ट होने से बचाए रख सकते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि
ईर्ष्या “हड्डियों को जला देती है” (नीतिवचन 14:30)। जब हम उस बात पर ही
ध्यान लगाए रहते हैं जो हमारे पास नहीं है, या हमें नहीं मिल रही है, और उन अनेकों
बातों पर ध्यान नहीं देते हैं जो हमें दी गई हैं, मिल रही हैं – तो परमेश्वर
की शान्ति हम से दूर रहेगी।
फिर
ग्यारहवीं बार उसका नाम सुझाए जाने के बाद, फरवरी 2018 में, जेरी
क्रैमर को अन्ततः “हॉल ऑफ़ फेम” में स्थान मिल गया। हो सकता है कि क्रैमर के समान
हमारी पार्थिव इच्छाओं को पूरा होने में बहुत समय लगे, या वो पूरी न भी हों, लेकिन फिर भी हम
अपने मनों में शान्ति बनाए रख सकते हैं। यदि हम उन बातों पर अपना ध्यान लगाए
रखेंगे जो परमेश्वर ने हमें दी हैं, और दे रहा है, तथा उनके लिए उसके कृतज्ञ भी
रहेंगे, तो परमेश्वर की शान्ति भी हमारे मनों में बसी रहेगी।
हमारी
सांसारिक इच्छाएं चाहे पूरी हों अथवा न हों, परन्तु हमारे प्रभु
परमेश्वर की उपस्थिति हमारे साथ सदा बनी रहती है, और वही हमें सच्ची शान्ति
देता है। - कर्स्टन होल्मबर्ग
परमेश्वर हमारे हृदयों में शान्ति तथा और बहुत कुछ
देता है।
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा
मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27
बाइबल पाठ: नीतिवचन 14:29-35
नीतिवचन 14:29 जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है वह बड़ा
समझ वाला है, परन्तु जो अधीर है, वह मूढ़ता की बढ़ती करता है।
नीतिवचन 14:30 शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियां भी जल जाती हैं।
नीतिवचन 14:31 जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता
है, परन्तु जो दरिद्र पर
अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता
है।
नीतिवचन 14:32 दुष्ट मनुष्य बुराई करता हुआ नाश हो जाता
है, परन्तु धर्मी को मृत्यु
के समय भी शरण मिलती है।
नीतिवचन 14:33 समझ वाले के मन में बुद्धि वास किए रहती
है, परन्तु मूर्खों के अन्तःकरण
में जो कुछ है वह प्रगट हो जाता है।
नीतिवचन 14:34 जाति की बढ़ती धर्म ही से होती है, परन्तु पाप से देश के लोगों
का अपमान होता है।
नीतिवचन 14:35 जो कर्मचारी बुद्धि से काम करता है उस पर
राजा प्रसन्न होता है, परन्तु जो लज्जा के
काम करता, उस पर वह रोष करता है।
एक साल में बाइबल:
- 1 शमूएल 17-18
- लूका 11:1-28