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बुधवार, 24 जुलाई 2013

निकट रहें

   मैं अपनी सहेली के साथ एक यात्रा पर थी, और किसी कारण से मेरी सहेली काफी विचलित और अधीर थी। अपनी इस मनःस्थिति के कारण, एयरपोर्ट पहुँचने पर उसे ध्यान नहीं रहा कि उसने अपना पासपोर्ट और टिकिट आदि कहाँ रखे हुए हैं। जब लाइन में उसका नम्बर आया तो इन सब को ढूँढ निकालने में काफी समय लगा और उतने समय तक वहाँ के कर्मचारी बड़े धीरज के साथ उसकी सहायता करते रहे। जब जाँच की सारी कार्यवाही हो गई और उसे प्रवेश का अनुमति-पत्र मिल गया तो मेरी सहेली ने उस कर्मचारी से पूछा, "अब आगे क्या करना है और कहाँ जाना है?" उस कर्मचारी ने मुस्कुराते हुए मेरी ओर इशारा किया और कहा, "बस अपनी सहेली के निकट बनी रहिए और उनके साथ-साथ चलती रहिए।"

   जीवन की परेशानियों और दुख के समयों का सामना करने के लिए यह एक अच्छी सलाह है - अपने मित्रों के निकट बने रहें। हमारा सबसे अच्छा और सबसे निकटतम मित्र है हमारा उद्धारकर्ता प्रभु यीशु, और उसमें विश्वास द्वारा उसकी मण्डली के सदस्य हो जाने के बाद वह हमें मण्डली के अन्य सदस्यों के साथ सहभागिता में ले आता है जिससे हम एक दूसरे का ध्यान रखें, एक दूसरे का सहारा बनें और आवश्यकतानुसार एक दूसरे को उभारते और सुधारते रहें।

   प्रेरित पतरस ने अपनी पहली पत्री एक ऐसे मसीही विश्वसीयों के समूह को लिखी जो अपने मसीही विश्वास के कारण बहुत दुखों का सामना कर रहे थे और जिन्हें एक दूसरे के साथ और सहायता की आवश्यकता थी। इस पत्री के चौथे अध्याय में पतरस ने उन्हें समझाया कि वे एक दूसरे के प्रति प्रेम को बनाए रखें, एक दूसरे के लिए प्रार्थनाएं करें, एक दूसरे की पहुनाई में लगे रहें और अपने आत्मिक वरदानों का उपयोग एक दूसरे की भलाई और सेवा के लिए करते रहें (पद 7-10)। परमेश्वर के वचन बाइबल में अन्य स्थानों पर भी हम ऐसे ही निर्देश पाते हैं - जैसे परमेश्वर हमें सांत्वना देता है वैसे ही हम भी दूसरों को सांत्वना देने वाले बनें (2 कुरिन्थियों 1:3-4); हम एक दुसरे को प्रेम में बढ़ावा देने और उभारने वाले बनें (1 थिस्सलुनीकियों 5:11)।

   जब जीवन कठिन हो जाए और हम थकित अनुभव करें तो अच्छे मित्रों के निकट रहना सदा ही लाभदायक रहता है, लेकिन सबसे लाभदायक होता है प्रभु यीशु के निकट रहना, वह हमें कभी नहीं छोड़ता और कभी नहीं त्यागता (इब्रानियों 13:5)। - ऐनी सेटास


मसीही मित्रों का साथ मसीह का साथ भी बनाए रखता है।

इस कारण एक दूसरे को शान्‍ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:11

बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:7-11
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 35-36 
  • प्रेरितों 25