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शनिवार, 3 जुलाई 2021

ईमानदार

 

          मेरे तीन वर्षीय पोते के दिन का आरंभ अच्छा नहीं हुआ था। उसे अपनी पसंदीदा शर्ट नहीं मिल रही थी। जिन जूतियों को वह पहनना चाह रहा था वे बहुत भड़कीली थीं। पहले तो वह इनके लिए अपनी दादी के निर्देशों को लेकर खिसियाता और चिड़चिड़ाता रहा, और फिर बैठकर रोने लग गया।

          मैंने उससे पूछा, “तुम इतने परेशान क्यों हो?” हमने थोड़ी देर बैठकर बातें कीं, और वह शांत हो गया। फिर मैंने उससे कोमलता से पूछा, “क्या तुम दादी के प्रति अच्छे थे?” उसने थोड़ी देर विचार-पूर्वक अपनी जूतियों की ओर देखा, और फिर उत्तर दिया, “नहीं, मैं अच्छा नहीं था, मुझे माफ करें।”

          मेरा हृदय गदगद हो गया। अपने किए के लिए बहाने बनाने और अपने आप को सही ठहराने के स्थान पर वह ईमानदार रहा। फिर हम दोनों ने साथ मिलकर प्रार्थना की, प्रभु यीशु से हमने अपनी गलतियों के लिए माफी माँगी, और उससे निवेदन किया कि हमें बुराई से बचाए रखे, तथा हमने अपने व्यवहार में और बेहतर होते जाने के लिए प्रभु से सहायता तथा मार्गदर्शन माँगा।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह 1 अध्याय में, परमेश्वर अपने लोगों का सामना करता है, और उन्हें उनकी गलतियों का बोध करवाता है। उनकी कचहरियों में अन्याय और रिश्वत लेना-देना भरा पड़ा था; भौतिक लाभ के लिए अनाथों और विधवाओं का विशेषकर शोषण किया जाता था। लेकिन फिर भी परमेश्वर ने उनके प्रति करुणा का व्यवहार करते हुए, उन्हें कहा कि वे अपने पापों को मान लें, और उन से मुड़ जाएँ,यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वाद-विवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे” (यशायाह 1:18)।

          परमेश्वर की लालसा है कि हम उसके साथ अपने पापों के प्रति ईमानदार और खुले हों। वह पश्चाताप और ईमानदारी के प्रति प्रेम और क्षमा का प्रत्युत्तर देता है: “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है” (1 यूहन्ना 1:9)। क्योंकि हमारा परमेश्वर दयालु, क्षमा करने वाला और धैर्य रखने वाला है, इसलिए हम ईमानदारी से उसके सामने आ सकते हैं। - जेम्स बैंक्स

 

हे पिता, मुझे मेरे पाप से मुड़कर, सच्चे मन से आपके पीछे चलने वाला बनाएँ।


जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उन को मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी। - नीतिवचन 28:13

बाइबल पाठ: यशायाह 1:12-18

यशायाह 1:12 मैं बछड़ों या भेड़ के बच्चों या बकरों के लहू से प्रसन्न नहीं होता। तुम जब अपने मुंह मुझे दिखाने के लिये आते हो, तब यह कौन चाहता है कि तुम मेरे आंगनों को पांव से रौंदो?

यशायाह 1:13 व्यर्थ अन्नबलि फिर मत लाओ; धूप से मुझे घृणा है। नये चांद और विश्रामदिन का मानना, और सभाओं का प्रचार करना, यह मुझे बुरा लगता है। महासभा के साथ ही साथ अनर्थ काम करना मुझ से सहा नहीं जाता।

यशायाह 1:14 तुम्हारे नये चांदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोझ से जान पड़ते हैं, मैं उन को सहते सहते उकता गया हूं।

यशायाह 1:15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।

यशायाह 1:16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के सामने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो,

यशायाह 1:17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो।

यशायाह 1:18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वाद-विवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • अय्यूब 25-27
  • प्रेरितों 12