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सोमवार, 17 जुलाई 2017

सुसमाचार


   मैं चार किशोरों और एक बेघर जवान व्यक्ति के साथ निर्धनों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने वाले एक स्थान में बैठा हुआ था, और उस जवान के प्रति उन किशोरों की अनुकंपा को देखकर बहुत प्रभावित हुआ। पहले वे धैर्य और नम्रता के साथ उस जवान से उसके बारे में और उसकी विश्वास धारणाओं के बारे में सुनते रहे, फिर उन्होंने कोमलता से प्रभु यीशु मसीह में आशा और आनन्द का सुसमाचार उसके सामने प्रस्तुत किया। दुःख की बात है कि उस जवान ने उनकी बात को मानने और प्रभु यीशु पर विश्वास करने से इंकार कर दिया।

   जब हम उस स्थान से जा रहे थे तो एक किशोरी ने आँखों में आँसुओं के साथ कहा कि वह कदापि नहीं चाहती है कि उस व्यक्ति की मृत्यु प्रभु यीशु को जाने बिना हो जाए। अपने हृदय की गहराईयों से वह उस व्यक्ति के लिए दुःखी थी, जिसने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के प्रेम के निमंत्रण को, कम से कम अभी के लिए, ठुकरा दिया था।

   उस किशोरी के आँसुओं से मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस का ध्यान आया जो प्रभु की सेवकाई बड़ी नम्रता से करता था और अपने जाति-भाई इस्त्राएलियों के लिए उसके हृदय में बहुत दुःख था; उसकी गहरी चाह थी कि उसके समान अन्य इस्त्राएली भी प्रभु यीशु पर विश्वास ले आएं (रोमियों 9:1-5)। अपने इस्त्राएली भाई-बहनों के प्रति पौलुस की चिंता और अनुकंपा, अनेकों बार उसकी आँखों में उनके लिए आँसू लेकर आई होगी।
   
   यदि उनके प्रति, जिन्होंने प्रभु यीशु में होकर परमेश्वर से मिलने वाली पापों की क्षमा को स्वीकार नहीं किया है, हम वास्तव में चिंता रखते हैं तो उनके साथ सुसमाचार को बाँटने के लिए हम कोई न कोई तरीका ढूँढ़ लेंगे। अपने विश्वास के भरोसे को थामे हुए, अनुकंपा के आँसुओं के साथ, आईये हम सुसमाचार को उनके पास लेकर जाएं जिन्हें जगत के उद्धाकर्ता, प्रभु यीशु मसीह को जानने की आवश्यकता है। - डेव ब्रैनन


सुसमाचार बाँटने का अर्थ है एक व्यक्ति दूसरे तक अच्छा समाचार पहुँचाए।

क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये, पहिले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये उद्धार के निमित परमेश्वर की सामर्थ है। क्योंकि उस में परमेश्वर की धामिर्कता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है, कि विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा। - रोमियों 1:16-17

बाइबल पाठ: रोमियों 9:1-5
Romans 9:1 मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्र आत्मा में गवाही देता है। 
Romans 9:2 कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है। 
Romans 9:3 क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता। 
Romans 9:4 वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं। 
Romans 9:5 पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 18-19
  • प्रेरितों 20:17-38