बहुत वर्ष पहले की बात है, मैं 38 फीट ऊँचे पुल से गिरने के कारण जान के जोखिम की गंभीर हालत में अस्पताल में भरती था। उस समय में मेरे साथ के बिस्तर पर लेटे मरीज़ की पत्नि मुझसे बात करने को मेरे पास आई और कहा, "मेरे पति ने अभी मुझे बताया है कि आपके साथ क्या हुआ है। हमारा मानना है कि परमेश्वर ने आपकी जान बचाई है क्योंकि वह आपको अपने लिए उपयोग करना चाहता है।"
यह सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। मैं बचपन से चर्च जाता रहा हूँ, लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि परमेश्वर मेरे जीवन में रुचि रखेगा, मेरे जीवन की बातों में सम्मिलित होना चाहेगा। उस महिला के शब्दों ने मुझे उस उद्धारकर्ता की ओर मोड़ा जिसके बारे में मैंने सुना तो था किंतु व्यक्तगत रीति से उसे नहीं जानता था - मेरे मसीही विश्वास के जीवन में आने का आरंभ यहीं से हुआ था। मैं उस नम्र मसीही गवाह के उन शब्दों के स्मरण को बहुमूल्य जानकर संजोए रहता हूँ, जिसने एक अजनबी के लिए विचार किया और उसे एक ऐसे परमेश्वर के बारे में बताया जिसका प्रेम सच्चा और वास्तविक है। उस महिला के शब्दों से दूसरों के प्रति देखभाल और चिन्ता का भाव, एक उद्देश्य और एक आशा प्रगट होती थी।
प्रभु यीशु ने अपने चेलों को तथा आज हम मसीही विश्वासियों को यह ज़िम्मेदारी दी है कि हम परमेश्वर के प्रेम के बारे में औरों को बताएं, उसके गवाह बनें: "परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे" (प्रेरितों 1:8)।
पवित्र आत्मा की सहायता से हमारे शब्द और गवाही अन्य लोगों के जीवन में अनन्त काल का प्रभाव एवं परिवर्तन ला सकती है। - बिल क्राउडर
प्रेमभरी चिन्ता से कहे गए कुछ शब्द भी हमारी कल्पना से परे प्रभाव दिखा सकते हैं।
और उसने उन से कहा, तुम सारे जगत में जा कर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। - मरकुस 16:15
बाइबल पाठ: प्रेरितों 1:1-11
Acts 1:1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा।
Acts 1:2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उसने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया।
Acts 1:3 और उसने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा।
Acts 1:4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो।
Acts 1:5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे।
Acts 1:6 सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा?
Acts 1:7 उसने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं।
Acts 1:8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।
Acts 1:9 यह कहकर वह उन के देखते देखते ऊपर उठा लिया गया; और बादल ने उसे उन की आंखों से छिपा लिया।
Acts 1:10 और उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरूष श्वेत वस्त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए।
Acts 1:11 और कहने लगे; हे गलीली पुरूषों, तुम क्यों खड़े स्वर्ग की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा।
एक साल में बाइबल:
- यहोशु 16-18
- लूका 2:1-24