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शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

आशा


         एक दन्त कथा के अनुसार, क्यू यान एक बुद्धिमान और देश भक्त सरकारी अधिकारी था जो चीन में उस समय में रहता था जिसे राज्यों में परस्पर युद्ध का समय (475-246 ईसा पूर्व) कहा जाता है। कहा जाता है कि उसने कई बार अपने राजा को चिताया कि एक संभावित खतरा देश को नाश कर देगा, परन्तु राजा ने उसके परामर्श को स्वीकार नहीं किया। अन्ततः क्यू यान को देश से निकाल दिया गया। बाद में जब उसे मालूम पड़ा कि उसका प्रिय देश उसी शत्रु के हाथों पराजित हो गया है जिसके विषय वह चेतावनी दिया करता था, तो उसने आत्म-हत्या कर ली।

         क्यू यान का जीवन कुछ अंश तक परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी के जीवन के समान है। यिर्मयाह भी ऐसे राजाओं के समय में सेवकाई करता था जो उसकी चेतावनियों को तुच्छ जानते थे, उनकी अवहेलना करते थे, और उसका देश भी नाश कर दिया गया। किन्तु जबकि क्यू यान ने निराश होकर आत्मा-हत्या कर ली, यिर्मयाह को अपनी निराशा में भी वास्तविक आशा मिली। यह भिन्न प्रतिक्रिया क्यों?

         ऐसा इसलिए क्योंकि यिर्मयाह उस एकमात्र सच्चे जीवते परमेश्वर को जानता था और उसी की सेवकाई करता था जो सच्ची आशा दे सकता था। परमेश्वर ने यिर्मयाह को आश्वासन दिया था, अन्त में तेरी आशा पूरी होगी, यहोवा की यह वाणी है, तेरे वंश के लोग अपने देश में लौट आएंगे” (यिर्मयाह 31:17)। चाहे यरूशलेम का 586 ईसा पूर्व में नाश कर दिया गया, किन्तु बाद में उसका पुनःनिर्माण भी किया गया (देखें नहेम्याह 6:15)।

         किसी न किसी समय हम सभी को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिन से निराशा होती है। यह कोई बुरी चिकित्सकीय रिपोर्ट हो सकती है, अचानक ही नौकरी का छूटना हो सकता है, परिवार में कोई त्रासदी या विघटन हो सकता है। परन्तु जब भी जीवन हम मसीही विश्वासियों पर प्रहार कर के हमें गिराए, हम उस परिस्थिति में भी ऊपर अपने प्रभु परमेश्वर की ओर देख सकते हैं – क्योंकि परमेश्वर अपने सिंहासन पर विराजमान है, और सदा रहेगा। वही हमारे सभी दिनों को अपने हाथों में सुरक्षित रखता है, और हमें अपने हृदय के निकट बनाए रखता है। हमारी आशा अटल है। - पोह फैंग चिया

 

संसार सर्वोत्तम की आशा रखता है, 

परन्तु केवल प्रभु ही सर्वोत्तम आशा देता है। - जॉन वेस्ली


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 31:16-26

यिर्मयाह 31:16 यहोवा यों कहता हे: रोने-पीटने और आंसू बहाने से रुक जा; क्योंकि तेरे परिश्रम का फल मिलने वाला है, और वे शत्रुओं के देश से लौट आएंगे।

यिर्मयाह 31:17 अन्त में तेरी आशा पूरी होगी, यहोवा की यह वाणी है, तेरे वंश के लोग अपने देश में लौट आएंगे।

यिर्मयाह 31:18 निश्चय मैं ने एप्रैम को ये बातें कह कर विलाप करते सुना है कि तू ने मेरी ताड़ना की, और मेरी ताड़ना ऐसे बछड़े की सी हुई जो निकाला न गया हो; परन्तु अब तू मुझे फेर, तब मैं फिरूंगा, क्योंकि तू मेरा परमेश्वर है।

यिर्मयाह 31:19 भटक जाने के बाद मैं पछताया: और सिखाए जाने के बाद मैं ने छाती पीटी: पुराने पापों को स्मरण कर मैं लज्जित हुआ और मेरा मुंह काला हो गया।

यिर्मयाह 31:20 क्या एप्रैम मेरा प्रिय पुत्र नहीं है? क्या वह मेरा दुलारा लड़का नहीं है? जब जब मैं उसके विरुद्ध बातें करता हूं, तब तब मुझे उसका स्मरण हो आता है। इसलिये मेरा मन उसके कारण भर आता है; और मैं निश्चय उस पर दया करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।

यिर्मयाह 31:21 हे इस्राएली कुमारी, जिस राजमार्ग से तू गई थी, उसी में खम्भे और झण्डे खड़े कर; और अपने इन नगरों में लौट आने पर मन लगा।

यिर्मयाह 31:22 हे भटकने वाली कन्या, तू कब तक इधर उधर फिरती रहेगी? यहोवा की एक नई सृष्टि पृथ्वी पर प्रगट होगी, अर्थात नारी पुरुष की सहायता करेगी।

यिर्मयाह 31:23 इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है: जब मैं यहूदी बंधुओं को उनके देश के नगरों में लौटाऊंगा, तब उन में यह आशीर्वाद फिर दिया जाएगा: हे धर्म भरे वास-स्थान, हे पवित्र पर्वत, यहोवा तुझे आशीष दे!

यिर्मयाह 31:24 और यहूदा और उसके सब नगरों के लोग और किसान और चरवाहे भी उस में इकट्ठे बसेंगे।

यिर्मयाह 31:25 क्योंकि मैं ने थके हुए लोगों का प्राण तृप्त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है।

यिर्मयाह 31:26 इस पर मैं जाग उठा, और देखा, ओर मेरी नींद मुझे मीठी लगी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 22-23
  • तीतुस 1