एक कहानी है, दो दुकानदार, जिनकी दुकानें आमने-सामने थीं एक दुसरे के कटु प्रतिरोधी थे; वे सदा ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने या नुकसान करने के प्रयास में लगे रहते थे। एक रात एक दुकानदार को स्वपन में एक स्वर्गदूत ने दर्शन दिया और कहा कि तुम्हारी कोई भी एक इच्छा मैं पूरी करूंगा, परन्तु शर्त यह है कि जो भी तुम मांगोगे वही चीज़ दोगुनी मात्रा में तुम्हारे सामने वाले दुकानदार को भी मिल जाएगी। उस स्वर्गदूत की बात सुनकर वह दुकानदार कुछ समय तक सोचता रहा, फिर स्वर्गदूत से बोला - मेरी एक आँख फोड़कर मुझे काना कर दो! डाह का कैसा भयानक प्रगटिकरण उस दुकानदार ने किया।
डाह की भावना लोगों के जीवनों को बर्बाद कर देती है - वे चाहते हैं दूसरे के जीवन को बर्बाद करना परन्तु उनका अपना जीवन ही बर्बाद होता रहता है। कुरिन्थुस की मसीही मण्डली में भी डाह का प्रभाव आने लगा था; उन लोगों ने प्रभु यीशु में उद्धार के सुसमाचार को ग्रहण तो किया था परन्तु परमेश्वर के पवित्र आत्मा को अपने जीवन में संपूर्ण रीति से कार्यकारी नहीं होने दिया था। परिणाम स्वरूप उनमें वे पुरानी भावनाएं अभी भी विद्यमान थीं और वह मसीही मण्डली डाह के कारण विभाजित होने लगी थी। प्रेरित पौलुस ने उनके इस व्यवहार को साँसारिकता तथा अपरिपक्वता का सूचक बताया, क्योंकि ये मसीही विश्वासी मसीह में विश्वास द्वारा होने वाले परिवर्तित जीवन को प्रदर्शित नहीं कर रहे थे।
परमेश्वर का पवित्र आत्मा हम मसीही विश्वासियों के जीवन में कार्यकारी है, इस बात का सबसे स्पष्ट प्रमाण है हमारे जीवन में दिखने वाला संतोष और जो कुछ भी हमारे पास है उसके लिए परमेश्वर के प्रति धन्यवादी रहना। जब हम इस भावना के साथ जीवन जीना सीख जाएंगे तो फिर परस्पर डाह या द्वेश नहीं वरन दूसरों को मिलने वाली आशीषों तथा वरदानों के लिए हम धन्यवादी हो जाएंगे, उनकी उपलब्धियों में उनके साथ आनन्दित रहेंगे और सच्चे मसीही प्रेम को प्रदर्शित करेंगे, और यही डाह का स्थाई समाधान है। - मार्विन विलियम्स
परमेश्वर के प्रति धन्यवादी बने रहना ही डाह का समाधान है।
इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्कर्म भी होता है। - याकूब 3:16
बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-10
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं।
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो।
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं?
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया।
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
एक साल में बाइबल:
- होशे 5-7