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रविवार, 28 अक्तूबर 2018

गिनती



      मेरा बेटा एक से दस तक गिनती करना सीख रहा है। जो भी उसके सामने होता है, वह सब को गिनने लगता है, अपने खिलौनों से लेकर पेड़ों तक। वह उन्हें भी गिनता रहता है मैं जिन्हें नज़रंदाज़ कर देती हूँ, जैसे के स्कूल के मार्ग में उगने वाले जंगली फूलों को, या मेरे पैर की उँगलियों को!

      मेरा बेटा मुझे भी गिनना सिखा रहा है। बहुधा मैं उन कार्यों में जिन्हें मैं पूरा नहीं करने पाई हूँ, या उन वस्तुओं में जो मेरे पास नहीं हैं, इतनी लीन हो जाती हूँ कि जो कुछ मुझे मिल चुका है, वे भली वस्तुएँ जो मेरे पास हैं उनका ध्यान करना भूल जाती हूँ। इस वर्ष मुझे जो नए मित्र मिले हैं, मेरी जिन प्रार्थनाओं का उत्तर मुझे मिल गया है, मेरे जीवन में आए आनन्द के समय, मित्रों के साथ बिताए आनन्द और हंसी-खुशी के पल, आदि बातों की गिनती करना मुझे कम ही याद रहता है।

      परमेश्वर जो मुझे दिन-प्रति-दिन देता रहता है, उस सब की गिनती कर पाने के लिए हाथों की दस ऊंगलियां पर्याप्त नहीं हैं। जैसे परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार कहता है, “हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं की खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती” (भजन 40:5)। परमेश्वर से मिली, और मिलती रहने वाली भलाई, उद्धार, अनन्त-जीवन, आदि आशीषों की कोई क्या गिनती कर सकता है, और कैसे?

      हम हमारे प्रति परमेश्वर के बहुमूल्य विचारों के लिए उसकी आराधना करें, दाऊद के साथ मिलकर कहें, “और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है। यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं” (भजन 139:17-18)।

      हम गिनती करना सीखें! – केला ओकोआ


परमेश्वर की अनगिनित आशीषों और भलाईयों के लिए उसके धन्यवादी और कृतज्ञ हों।

क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यिर्मयाह 29:11

बाइबल पाठ: भजन 139:14-18
Psalms 139:14 मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
Psalms 139:15 जब मैं गुप्त में बनाया जाता, और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था, तब मेरी हडि्डयां तुझ से छिपी न थीं।
Psalms 139:16 तेरी आंखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा; और मेरे सब अंग जो दिन दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहिले तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
Psalms 139:17 और मेरे लिये तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं! उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है।
Psalms 139:18 यदि मैं उन को गिनता तो वे बालू के किनकों से भी अधिक ठहरते। जब मैं जाग उठता हूं, तब भी तेरे संग रहता हूं।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 15-17
  • 2 तिमुथियुस 2