मैं और मेरे पति किसी काम
के लिए कार से जा रहे थे, और मेरे
पति कार चला रहे थे, जबकि मैं उनके
पास बैठी अपने फोन पर अपनी ई-मेल पढ़ रही थे। तभी मुझे एक विज्ञापन मिला, जो वहाँ की एक खाने-पीने के सामान की दुकान का
था, और उनके डू-नट्स के बारे में था
– और हम उस दुकान के पास से अभी निकले ही थे! डू-नट्स के उस विज्ञापन को देखते ही, मेरा पेट भूख से गुड़गुड़ाने लगा। मुझे अचंभा हुआ
कि कैसे टेकनौलोजी ग्राहकों को बेचने वालों की ओर आकर्षित करने, उन्हें आमंत्रित
करने की क्षमता रखती है।
मैंने अपने ई-मेल देखने
बन्द किए और विचार करने लगी,
परमेश्वर की हमें निरंतर उसकी निकटता में लाने और बनाए रखने की लालसा के बारे में।
परमेश्वर को सदा पता होता है कि मैं कहाँ हूँ, क्या सोच रही हूँ, क्या कर
रही हूँ, क्या चाहती हूं, इत्यादि; और वह मुझे अपनी निकटता में लाने और रखने के लिए मुझे प्रभावित करते रहता
है, पर क्या मैं उसके इन प्रयासों पर ध्यान देती हूँ? मैं सोचने लगी, ‘जिस
प्रकार डू-नट्स के विचार से मेरा पेट गुड़गुड़ाने लगा, उसी प्रकार से परमेश्वर का विचार आने पर क्या मेरा हृदय भी उसकी निकटता
और आज्ञाकारिता में रहने के लिए लालायित होता है?’
परमेश्वर के वचन बाइबल में
यूहन्ना 6 अध्याय में, पाँच हज़ार से
अधिक लोगों को भोजन करवाने के आश्चर्यकर्म के पश्चात, प्रभु यीशु के शिष्यों ने उत्सुकता से उस से सदा जीवन की रोटी देते रहने
के लिए कहा (पद 33-34)। तब प्रभु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ
पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा” (पद 35)। यह कैसा अद्भुत
है कि प्रभु यीशु के साथ संबंध में बने रहना, हमें हमारे जीवनों के लिए निरंतर पोषण प्रदान करता रहता है।
उस डू-नट्स की दुकान के
विज्ञापन ने मेरे शरीर की लालसा को जागृत करने का प्रयास किया, परन्तु परमेश्वर को निरंतर बनी रहने वाली मेरे
हृदय की दशा की सम्पूर्ण जानकारी क्या मुझे प्रेरित करती है कि मैं ध्यान रख सकूँ
कि मुझे उस की आवश्यकता बनी रहती है; और मैं उस पोषण की भूख को सदा जागृत रखूँ जो
केवल उसी से मिल सकता है? - एलिसा मॉर्गन
वास्तविक शान्ति देने वाली जीवन की रोटी केवल प्रभु यीशु ही प्रदान कर
सकता है।
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूं। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा और जो रोटी मैं जगत के जीवन
के लिये दूंगा, वह मेरा शरीर है। - यूहन्ना 6:51
बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:32-40
यूहन्ना 6:32 यीशु ने उन से
कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा
ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
यूहन्ना 6:33 क्योंकि परमेश्वर
की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर
जगत को जीवन देती है।
यूहन्ना 6:34 तब उन्होंने उस
से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।
यूहन्ना 6:35 यीशु ने उन से
कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ
पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
यूहन्ना 6:36 परन्तु मैं ने
तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया
है, तौभी विश्वास नहीं करते।
यूहन्ना 6:37 जो कुछ पिता मुझे
देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं
कभी न निकालूंगा।
यूहन्ना 6:38 क्योंकि मैं अपनी
इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की
इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं।
यूहन्ना 6:39 और मेरे भेजने
वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं।
यूहन्ना 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला
उठाऊंगा।
एक साल में बाइबल:
- भजन 94-96
- रोमियों 15:14-33