क्लियोपेट्रा,
गैलीलियो, शेक्सपियर, एल्विस, पेले आदि ऐसे सुविख्यात नाम हैं कि उनकी पहचान समझने
के लिए बस उनका नाम लेना ही काफी है। उन्होंने जो किया और जो वो थे, उसके कारण उन्होंने
इतिहास में अपना नाम और स्थान बना लिया है। परन्तु एक नाम और है जो समस्त संसार के
इतिहास में अद्वितीय और सर्वोच्च है – प्रभु यीशु मसीह।
परमेश्वर
का वचन बाइबल हमें बताती है कि संसार में परमेश्वर का पुत्र बनकर उनके जन्म लेने
से पहले, परमेश्वर की ओर से भेजे गए स्वर्गदूत ने प्रभु यीशु की सांसारिक माता
पिता, मरियम और यूसुफ से कहा था कि, “वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना;
क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा” (मती 1:21); और “वह महान होगा; और
परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता
दाऊद का सिंहासन उसको देगा” (लूका 1:32)। प्रभु यीशु इस
संसार में कोई प्रसिद्ध व्यक्ति बनकर नहीं आए, वरन एक ऐसे सेवक के स्वरूप में आए
जिसने अपने आप को दीन और नम्र किया तथा बनाए रखा, और क्रूस पर अपना बलिदान दे दिया
जिससे जो भी स्वेच्छा से उनपर विश्वास करे वह अपने इस विश्वास के आधार पर पापों से
मुक्ति और उद्धार प्राप्त कर सके।
प्रेरित
पौलुस ने लिखा, “इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। कि जो स्वर्ग में और
पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर
घुटना टेकें। और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु
मसीह ही प्रभु है” (फिलिप्पियों 2:9-11)।
हमारे
सबसे अधिक आनन्द का समय हो या हमारी सबसे गहरी आवश्यकता का समय, हम जिस नाम को
थामे रहते हैं वह है “प्रभु यीशु मसीह” – उसका वायदा है कि वह न हमें कभी छोड़ेगा
और न कभी त्यागेगा, वरन हर समय हमारे साथ बना रहेगा। - डेविड मैक्कैसलैंड
जब तक कि प्रभु यीशु को सर्वोपरि नहीं जाना
जाता है, उसे जाना ही नहीं जाता है।
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो;
क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न
छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर
कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है;
मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। -
इब्रानियों 13:5-6
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2: 5-11
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्वभाव
था वैसा ही तुम्हारा भी स्वभाव हो।
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्वरूप
में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा।
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य
कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया।
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में
प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा,
कि मृत्यु, हां, क्रूस
की मृत्यु भी सह ली।
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको
अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में
श्रेष्ठ है।
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और
पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर
घुटना टेकें।
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की
महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 18-19
- मत्ती 6:1-18