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बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

परिपक्व

 

          अभिनेत्री डाएन क्रूगर को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का प्रस्ताव दिया गया, जिससे वे घर-घर में बहुत प्रसिद्धि पा सकती थीं। उन्हें एक ऐसी जवान पत्नी और माँ की भूमिका निभानी थी, जिसके पति और बच्चे की मृत्यु हो गई है। किन्तु उन्होंने अपने जीवन में कभी भी ऐसी दुखद स्थिति अनुभव नहीं की थी, इसलिए उन्हें नहीं लग रहा था कि वे इस भूमिका को ठीक से निभा पाएँगी। फिर भी उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, और तैयारी करने के लिए वे ऐसे लोगों की सभाओं में सम्मिलित होने लगीं, जो अत्यधिक दुःख या वियोग के अनुभवों में से होकर निकले थे या निकल रहे थे।

          उन सभाओं में भाग लेते समय, आरंभ में तो उन लोगों के अनुभवों को सुनने पर वे अपने सुझाव और विचार उनके साथ बाँटती थीं, क्योंकि हम में से अधिकांश के समान, वे उन दुखी लोगों की सहायता करना चाहती थीं। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने बोलना बन्द कर दिया, और बस ध्यान से उनकी व्यथा और पीड़ा की कहानियों को सुनने लगीं। जब उन्होंने ऐसा करना आरम्भ किया, जब उन्होंने अपना मुँह बन्द कर के अपने कान और अपना मन खोल लिया, तब ही वे वास्तव में उनके दुःख को समझ सकीं, उनकी परिस्थितियों और प्रतिक्रियाओं का व्यक्तिगत रीति से एहसास कर सकीं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में यिर्मयाह नबी का अपने लोगों के विरुद्ध अभियोग था कि वे परमेश्वर की आवाज़ सुनने के लिए अपने कानों का प्रयोग करने से इनकार करते जा रहे थे। नबी ने कटु शब्दों में उन्हें “मूर्ख और निर्बुद्धि लोग” कहा (यिर्मयाह 5:21)। परमेश्वर हमारे जीवनों में निरंतर कार्य करता रहता है, हम से प्रेम, मार्गदर्शन, प्रोत्साहन, और सावधानी बरतने के शब्द बोलता रहता है। हमारे पिता परमेश्वर की इच्छा यही है कि हम उससे सीखें और परिपक्व होते जाएँ। उसने हमें इसके लिए आवश्यक साधन, जैसे कि कान, विवेक, मन, बुद्धि आदि प्रदान किए हैं।

          हमारे लिए प्रश्न यह है कि क्या हम परमेश्वर द्वारा दिए गए साधनों का उपयोग परमेश्वर की बात सुनने के लिए करते हैं कि नहीं? सुन के मानने से ही सीखना और परिपक्वता की ओर बढ़ना हो सकता है। - जॉन ब्लेज़

 

यदि हम परमेश्वर की सुनें और मानें तो जीवन सहज तथा आशीषित हो सकता है।


भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! - व्यवस्थाविवरण 5:29

बाइबल पाठ: यिर्मयाह 5:18-23

यिर्मयाह 5:18 तौभी, यहोवा की यह वाणी है, उन दिनों में भी मैं तुम्हारा अन्त न कर डालूंगा।

यिर्मयाह 5:19 और जब तुम पूछोगे कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं, तब तुम उन से कहना, जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्यागकर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराये देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी।

यिर्मयाह 5:20 याकूब के घराने में यह प्रचार करो, और यहूदा में यह सुनाओ:

यिर्मयाह 5:21 हे मूर्ख और निर्बुद्धि लोगों, तुम जो आंखें रहते हुए नहीं देखते, जो कान रहते हुए नहीं सुनते, यह सुनो।

यिर्मयाह 5:22 यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र का सिवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बान्ध ठहराया कि वह उसे लांघ न सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, था जब वे गरजें तौभी उसको न लांघ सकें।

यिर्मयाह 5:23 पर इस प्रजा का हठीला और बलवा करने वाला मन है; इन्होंने बलवा किया और दूर हो गए हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • निर्गमन 31-33 
  • मत्ती 22:1-22