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बुधवार, 11 मार्च 2020

सर्वोच्च प्रशंसा



      खेलों से प्रेम करने वाले लोग अपनी पसंदीदा टीम या खिलाड़ियों की प्रशंसा करने के लिए बहुत कुछ करते हैं – वे उस टीम के प्रतीक चिन्ह वाले कपड़े पहनते हैं, अपनी पसंदीदा टीम और उसकी उपलब्धियों तथा उसके खिलाड़ियों के विषय सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करते हैं, उनकी बड़ाई करते हैं, और वे यह स्पष्ट कर देते है कि उनकी निष्ठा किस के प्रति है। मेरे पास भी मेरी पसंदीदा टीम के टोपियाँ, टी-शर्ट्स, और मेरे द्वारा उनकी प्रशंसा में लिखी गई टिप्पणियाँ हैं। खेल और खिलाड़ियों के प्रति हमारी निष्ठा हमें इस बात की भी याद दिलाती है कि हमारी सबसे उच्च तथा सच्ची निष्ठा हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रति होनी चाहिए।

      जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल को पढ़ता हूँ, तो दाऊद द्वारा लिखित भजन 34 एक ऐसी ही निःसंकोच निष्ठा का भजन है, जहाँ दाऊद हमारा ध्यान उस की और खींचता है जो संसार की किसी भी अन्य चीज़ से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। दाऊद कहता है, “मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा” (पद 1), जो हमारा ध्यान हमारे जीवन की उन कमियों की ओर ले जाता है जो हमारे जीवनों में परमेश्वर के सत्य, ज्योति, और उद्धार का स्त्रोत न होने के कारण आ जाती हैं। जब दाऊद कहता है, “उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी” (पद 1), तो हमारा ध्यान इस पर जाता है कि हम कितनी बार संसार और संसार के लोगों, संसार की बातों की प्रशंसा करते हैं, और कितनी बार हमारे मुख से हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम, उसके कार्यों, उसकी देखभाल और उसके प्रावधानों की प्रशंसा होती है। जब दाऊद कहता है, “मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा”(पद 2), तो हमें एहसास होता है कि हम अपनी छोटी-छोटी सफलताओं और उपलब्धियों पर तो बहुत घमण्ड करते हैं, परन्तु प्रभु यीशु से मिले उद्धार और परमेश्वर की संतान होने के दर्जे को लेकर हम कितना घमण्ड करते हैं?

      हमारा अपनी पसंदीदा खेल की टीमों में, अपनी रुचियों में, और अपनी उपलब्धियों में आनन्द लेना गलत नहीं है। परन्तु हमारी सर्वोच्च प्रशंसा और निष्ठा हमारे प्रभु परमेश्वर के लिए होनी चाहिए। - डेव ब्रैनन

सच्चे प्रेम की कसौटी सच्ची निष्ठा है।

हे देश देश के लोगो, हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ – भजन 66:8

बाइबल पाठ: भजन 34:1-7
Psalms 34:1 मैं हर समय यहोवा को धन्य कहा करूंगा; उसकी स्तुति निरन्तर मेरे मुख से होती रहेगी।
Psalms 34:2 मैं यहोवा पर घमण्ड करूंगा; नम्र लोग यह सुनकर आनन्दित होंगे।
Psalms 34:3 मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें।
Psalms 34:4 मैं यहोवा के पास गया, तब उसने मेरी सुन ली, और मुझे पूरी रीति से निर्भय किया।
Psalms 34:5 जिन्होंने उसकी ओर दृष्टि की उन्होंने ज्योति पाई; और उनका मुंह कभी काला न होने पाया।
Psalms 34:6 इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया।
Psalms 34:7 यहोवा के डरवैयों के चारों ओर उसका दूत छावनी किए हुए उन को बचाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 14-16
  • मरकुस 12:28-44