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मंगलवार, 16 मई 2017

प्रेरक


   1920 के दशक में, व्यवसायिक खिलाड़ी न होते हुए भी, बॉबी जोन्स ने गोल्फ के संसार में अपना वर्चस्व बना रखा था। उनके जीवन पर बनी एक फिल्म Bobby Jones: Stroke of Genius में एक दृश्य है जहाँ एक व्यवसायिक गोल्फ खिलाड़ी उनसे पूछता है कि वे कब व्यवसायिक खिलाड़ी बनकर अन्य खिलाड़ियों के समान पैसे के लिए खेलना आरंभ करेंगे? जोन्स ने उसे उत्तर दिया कि वह गोल्फ पैसे के लिए नहीं खेलते, वरन इसलिए क्योंकि उन्हें गोल्फ से प्रेम है। उनका यह प्रेम ही उनके उत्कृष्ठ खेल का प्रेरक था।

   हमारे उद्देश्य ही हमारे कार्य, हम जो करते हैं वह क्यों करते हैं, में अन्तर लाते हैं। यह बात प्रभु यीशु के अनुयायियों पर भी लागू होती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में, कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी दूसरी पत्री में, प्रेरित पौलुस अपने जीवन से इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस पूरी पत्री में पौलुस ने अपने आचरण, चरित्र और मसीह यीशु की सेवकाई के लिए अपने बुलाए जाने का बचाव किया है। उसकी इस मसीही सेवकाई के लिए जो उसके उद्देश्यों पर प्रश्न उठाते थे, उन्हें प्रत्युत्तर में पौलुस ने लिखा, "क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा" (2 कुरिन्थियों 5:14-15)।

   प्रभु यीशु का प्रेम अन्य हर प्रेरणा देने वाली बात से कहीं अधिक प्रेरक है। इस प्रेम के अन्तर्गत प्रभु यीशु के अनुयायी अपने लिए नहीं वरन उसके लिए, जिसने अपने प्राण उनके उध्दार के लिए बलिदान कर दिए, जीवन व्यतीत करते हैं। - बिल क्राउडर


जिस से हम सबसे अधिक प्रेम करते हैं, 
वही हमारे व्यवहार और चरित्र को प्रभावित करता है।

और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ। - इफिसियों 3:19 

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 5:9-21
2 Corinthians 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें। 
2 Corinthians 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उसने देह के द्वारा किए हों पाए।
2 Corinthians 5:11 सो प्रभु का भय मानकर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा। 
2 Corinthians 5:12 हम फिर भी अपनी बड़ाई तुम्हारे साम्हने नहीं करते वरन हम अपने विषय में तुम्हें घमण्‍ड करने का अवसर देते हैं, कि तुम उन्हें उत्तर दे सको, जो मन पर नहीं, वरन दिखवटी बातों पर घमण्‍ड करते हैं। 
2 Corinthians 5:13 यदि हम बेसुध हैं, तो परमेश्वर के लिये; और यदि चैतन्य हैं, तो तुम्हारे लिये हैं। 
2 Corinthians 5:14 क्योंकि मसीह का प्रेम हमें विवश कर देता है; इसलिये कि हम यह समझते हैं, कि जब एक सब के लिये मरा तो सब मर गए। 
2 Corinthians 5:15 और वह इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। 
2 Corinthians 5:16 सो अब से हम किसी को शरीर के अनुसार न समझेंगे, और यदि हम ने मसीह को भी शरीर के अनुसार जाना था, तौभी अब से उसको ऐसा नहीं जानेंगे। 
2 Corinthians 5:17 सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। 
2 Corinthians 5:18 और सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेल-मिलाप कर लिया, और मेल-मिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। 
2 Corinthians 5:19 अर्थात परमेश्वर ने मसीह में हो कर अपने साथ संसार का मेल मिलाप कर लिया, और उन के अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया और उसने मेल मिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।
2 Corinthians 5:20 सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। 
2 Corinthians 5:21 जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में हो कर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 24-25
  • यूहन्ना 5:1-24