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रविवार, 25 जुलाई 2010

रुको और जांचो

मेरे मनपसन्द और लोक्प्रीय कॉमिक पीनट्स (Peanuts) के एक अंक में, चार्ली ब्राउन स्नूपी से पुछता है, "सुना है कि तुम आध्यत्म पर एक पुस्तक लिखने जा रहे हो। आशा है कि तुम ने उसका अच्छा शीर्षक सोचा होग।" स्नूपी उत्तर देता है, "मैं ने बिलकुल सिद्ध शीर्षक सोचा है: ’क्या आपने कभी सोचा कि आप गलत हो सकते हैं?’ "

स्नूपी का यह शीर्षक याद दिलाता है कि परमेश्वर के बारे में और इस बारे में कि परमेश्वर हम से क्या चाहता है, हमारी सोच-समझ कभी कुछ गलत भी हो सकती है। हमारे यही गलत विचार हमें गलत व्यवहार की ओर ले जाते हैं। इसलिये उचित है कि हम रुक कर पौलुस की शिक्षा: "...मन फिराओ और परमेश्वर की ओर फिर कर मन फिराव के योग्य काम करो" (प्रेरितों के काम २६:२०) का पालन करें।

पौलुस द्वारा प्रयुक्त जिस शब्द का अनुवाद ’मन फिराओ’ किया गया है, मूल युनानी भाषा में वह है मैटानोइयो (metanoeo), जिसका अर्थ होता है ’अपना मन बदलो’। जैसा पौलुस ने सिखाया, मन फिराओ का अर्थ केवल बाहरी तौर से नम्रता सहित परमेश्वर के साथ सहमति में सर हिलाना, और फिर पहले जैसे ही व्यवहार किये जाना नहीं है। यदि हम वास्तव में परमेश्वर से सहमत हैं और अपने मन को उसकी ओर लगाते हैं तो हमारा व्यवहार भी उसके अनुरूप होना चाहिये। जैसे एक कार, जो उसी ओर जायेगी जिस ओर उसे मोड़ दिया जायेगा। ऐसे ही यदि हम सचमुच अपने मन और विचारों को परमेश्वर की ओर मोड़ेंगे, तो हमारे व्यवहार में दिशा-परिवर्तन इस बात को दिखायेगा।

बजाये इसके कि हम अपने में मगन और यह मानते हुए कि हमारे विचार और कार्य सही हैं निरन्तर चलते रहें, हमें थोड़े थोड़े समय बाद रुक कर अपने आप को जांचना चाहिये और अपने आप से स्नूपी का प्रश्न पूछना चहिये। जैसा पौलुस ने सिखाया, जब हम यह स्वीकार करने को तैयार रहते हैं कि हम गलत हो सकते हैं तो हम परमेश्वर के साथ सही रहने के लिये तैयार होते हैं। - जूली ऐकैरमैन लिंक


यदि हम अपनी इच्छाओं को सत्य के अनुरूप नहीं करेंगे, तो हम सत्य को ही अपनी इच्छाओं के अनुरूप कर लेंगे।


बाइबल पाठ: प्रेरितों के काम २६:१२-२३
इसी धुन में जब मैं महायाजकों से अधिकार और परवाना लेकर दमिश्‍क को जा रहा था।
तो हे राजा, मार्ग में दोपहर के समय मैं ने आकाश से सूर्य के तेज से भी बढ़कर एक ज्योति अपने और अपने साथ चलने वालों के चारों ओर चमकती हुई देखी।
और जब हम सब भूमि पर गिर पड़े, तो मैं ने इब्रानी भाषा में, मुझ से यह कहते हुए यह शब्‍द सुना, कि हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्‍यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है।
मैं ने कहा, हे प्रभु तू कौन है? प्रभु ने कहा, मैं यीशु हूं: जिसे तू सताता है।
परन्‍तु तू उठ, अपने पांवों पर खड़ा हो, क्‍योंकि मैं ने तुझे इसलिये दर्शन दिया है, कि तुझे उन बातों पर भी सेवक और गवाह ठहराऊं, जो तू ने देखी हैं, और उन का भी जिन के लिये मैं तुझे दर्शन दूंगा।
और मैं तुझे तेरे लोगों से और अन्यजातियों से बचाता रहूंगा, जिन के पास मैं अब तुझे इसलिये भेजता हूं।
कि तू उन की आंखे खोले, कि वे अंधकार से ज्योति की ओर, और शैतान के अधिकार से परमेश्वर की ओर फिरें; कि पापों की क्षमा, और उन लोगों के साथ जो मुझ पर विश्वास करने से पवित्र किए गए हैं, मीरास पाएं।
सो हे राजा अग्रिप्‍पा, मैं ने उस स्‍वर्गीय दर्शन की बात न टाली।
परन्‍तु पहिले दमिश्‍क के, फिर यरूशलेम के रहने वालों को, तब यहूदिया के सारे देश में और अन्यजातियों को समझाता रहा, कि मन फिराओ और परमेश्वर की ओर फिर कर मन फिराव के योग्य काम करो।
इन बातों के कारण यहूदी मुझे मन्‍दिर में पकड़ के मार डालने का यत्‍न करते थे।
सो परमेश्वर की सहायता से मैं आज तक बना हूं और छोटे बड़े सभी के साम्हने गवाही देता हूं और उन बातों को छोड़ कुछ नहीं कहता, जो भविष्यद्वक्ताओं और मूसा ने भी कहा कि होने वाली हैं।
कि मसीह को दुख उठाना होगा, और वही सब से पहिले मरे हुओं में से जी उठकर, हमारे लोगों में और अन्यजातियों में ज्योति का प्रचार करेगा।

एक साल में बाइबल:
  • भजन ३७ - ३९
  • प्रेरितों के काम २६