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सोमवार, 30 मई 2016

आवश्यक


   जौर्डीन कैस्टर जन्म से ही दृष्टिहीन है, लेकिन यह उसके लिए एक भरपूर और उपयोगी जीवन जीने में बाधा नहीं बन सका। उन पर बनाया गया वृत चित्र Can You See How I see? उनकी जीवन-कहानी बताता है। उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान अपने स्कूल में अति श्रेष्ठ स्तर बना कर रखा, थोड़ी सी सहायता के साथ उन्हें साईकिल चलाना और बर्फ की ढालों पर स्की करके नीचे आना बहुत अच्छा लगता है। अब वे विश्वविद्यालय में कंप्यूटर तकनीकी की पढ़ाई कर रही हैं और उनका ध्येय है कि वे ऐसी कंप्यूटर प्रणालियाँ विकसित करें जो दृष्टिहीनों की सहायता में काम आ सकें।

   अपनी दृष्टिहीन्ता के विषय में जौर्डीन का कहना है: "यदि मेरे लिए संभव होता कि मैं अपनी दृष्टिहीनता वापस लौटा सकूँ, तो भी मैं ऐसा नहीं करती। मेरा मानना है कि परमेश्वर ने हम सब को जैसे हम हैं एक उद्देश्य और योजना के अन्तर्गत बनाया है...और मेरी दृष्टिहीनता मेरे भविष्य तथा मेरे जीवन की उपलब्धियों का भाग है।" जौर्डीन जीवन के प्रति इतना सकारात्मक रवैया कैसे बनाए रख सकती हैं? वे एक मसीही विश्वासी भी हैं, और प्रभु यीशु की अनुयायी होने के नाते वे यह भली-भांति जानती और समझती हैं कि उनके जीवन तथा जीवन की सभी परिस्थितियों का समपूर्ण नियंत्रण तथा संचालन प्रभु परमेश्वर के हाथों में है, जो सदा उनके भले के लिए ही कार्य करता है, हर बात और हर परिस्थिति में उनके लिए भलाई ही उत्पन्न करता है। उनका यह विश्वास उन्हें वह अवसर प्रदान करता है जो अन्य लोगों को संभव नहीं लगते। जौर्डीन का जीवन परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखी गई बात: "जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं" (फिलिप्पियों 4:13) को चरितार्थ करता है।

   हमारी कमज़ोरियाँ और ताकत चाहे जो भी हों, परमेश्वर का सामर्थी हाथ हमें वह सब कुछ प्रदान कर सकता है जो हमें परमेश्वर के लिए उपयोगी होने और संसार में उसकी महिमा के लिए कार्य करने के लिए आवश्यक है। आपकी परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, विश्वास के साथ परमेश्वर के हाथ को थामें रहें और वह आप के लिए जो आवश्यक है आपको देता रहेगा, आपकी भरपूरी और उपयोगिता को बनाए रखेगा। - डेनिस फिशर


परमेश्वर जब किसी कार्य के लिए बुलाता है तो उसके लिए आवश्यक सामर्थ भी प्रदान करता है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-13
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। 
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है। 
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। 
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो। 
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
Philippians 4:10 मैं प्रभु में बहुत आनन्‍दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्‍चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला। 
Philippians 4:11 यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूं; क्योंकि मैं ने यह सीखा है कि जिस दशा में हूं, उसी में सन्‍तोष करूं। 
Philippians 4:12 मैं दीन होना भी जानता हूं और बढ़ना भी जानता हूं: हर एक बात और सब दशाओं में तृप्‍त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है। 
Philippians 4:13 जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 10-12
  • यूहन्ना 11:30-57