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मंगलवार, 7 मई 2019

आराधना



      यद्यपि मेरे मित्र मिकी की दृष्टि क्षीण होती चली जा रही थी, और जाने पर थी, फिर भी उसने कहा कि वह प्रतिदिन परमेश्वर की आराधना करता रहेगा क्योंकि परमेश्वर ने उसके लिए बहुत कुछ किया है।

      प्रभु यीशु ने मिकी को तथा हम को ऐसी अविरल आराधना करते रहने का कारण दिया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती रचित सुसमाचार का छबीस्वां अध्याय हमें बताता है कि किस प्रकार प्रभु यीशु ने क्रूसित होने से पहले की रात को अपने शिष्यों के साथ फसह का पर्व खाया था। उस अध्याय का पद 30 बताता है कि उन्होंने उस भोज का अन्त किस प्रकार से किया: “फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।

      जो प्रभु और उनके शिष्यों ने गाया था वह कोई भी स्तुति का भजन नहीं था – वह आराधना का भजन था। हज़ारों वर्षों से यहूदी बाइबल में भजन संहिता में दिए हुए “हल्लेल” भजनों के संग्रह में से फसह के पर्व के समय गाया करते हैं। “हल्लेल” इब्रानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है “परमेश्वर की आराधना या स्तुति।” इन भजनों के अंतिम तीन भजन, भजन 113-118 परमेश्वर के उद्धारकर्ता होने के लिए उसकी आराधना और स्तुति करते हैं (118:21)। भजन 118 उस निकम्मे ठहराए गए पत्थर के बारे में कहता है जो कोने के सिरे का पत्थर बन गया (पद 22), और उसके विषय जो प्रभु के नाम में आता है (पद 26)। संभव है कि प्रभु और शिष्यों ने यह भी गाया हो, “आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस में मगन और आनन्दित हों” (पद 24)।

      जब प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस फसह के पर्व की रात को भजन गाए, तब वह हमें अपनी परिस्थितियों पर से अपनी आँखें उठाकर उसकी ओर देखने के लिए सर्वोत्तम कारण प्रदान कर रहे थे। वे परमेश्वर के अनन्त प्रेम और विश्वासयोग्यता के लिए उसकी आराधना और स्तुति करने में हमारी अगुवाई कर रहे थे। - जेम्स बैंक्स


परमेश्वर की आराधना करने से हम उसके अनन्त भलाई को स्मरण करते हैं।

इसलिये हम उसके द्वारा स्‍तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें। - इब्रानियों 13:15

बाइबल पाठ: मत्ती 26:17-30
Matthew 26:17 अखमीरी रोटी के पर्व्‍व के पहिले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे; तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?
Matthew 26:18 उसने कहा, नगर में फलाने के पास जा कर उस से कहो, कि गुरू कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व्‍व मनाऊंगा।
Matthew 26:19 सो चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया।
Matthew 26:20 जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ भोजन करने के लिये बैठा।
Matthew 26:21 जब वे खा रहे थे, तो उसने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।
Matthew 26:22 इस पर वे बहुत उदास हुए, और हर एक उस से पूछने लगा, हे गुरू, क्या वह मैं हूं?
Matthew 26:23 उसने उत्तर दिया, कि जिसने मेरे साथ थाली में हाथ डाला है, वही मुझे पकड़वाएगा।
Matthew 26:24 मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।
Matthew 26:25 तब उसके पकड़वाने वाले यहूदा ने कहा कि हे रब्बी, क्या वह मैं हूं?
Matthew 26:26 उसने उस से कहा, तू कह चुका: जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांग कर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, लो, खाओ; यह मेरी देह है।
Matthew 26:27 फिर उसने कटोरा ले कर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ।
Matthew 26:28 क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।
Matthew 26:29 मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं।।
Matthew 26:30 फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 1-3
  • लूका 24:1-35