ईस्टर के अगले दिन अखबार की सुर्खियाँ थीं "सारे संसार ने मसीह का पुनरुत्थान मनाया"; और उसी मुख्यपृष्ठ पर अन्य समाचार संसार में विभिन्न स्थानों पर चल रहे युद्ध, जातिवाद की हिंसा, संघर्ष एवं मृत्यु के थे। इन सब निराशाजनक समाचारों को पढ़कर मुझे लगा, "यह सब परसपर कितना विरोधी है!" समाचार सुर्खियाँ बताती हैं कि संसार मसीह का पुनरुत्थान मना रहा है, लेकिन शेष पृष्ठ दर्षा रहा है कि कैसे संसार के लोग मसीह के पुनरुत्थान से मिलने वाले अनुग्रह, शांति और आशीश को व्यर्थ कर रहे हैं। संसार भर के वो करोड़ों लोग जो ईस्टर के दिन चर्च जाकर मसीह के पुनरुत्थान का पर्व मनाते हैं, उनमें से अधिकांश्तः अपने जीवनों द्वारा इस एतिहासिक तथ्य को और उसके आत्मिक अभिप्राय को दर्शाते ही नहीं हैं।
कई बार हम मसीह में अपने विश्वास को दर्शाने के बाहरी हाव-भाव तो दिखाते हैं, लेकिन मसीह के साथ अपने जोड़े जाने के अर्थ को जी कर नहीं दिखाते। रोमियों के नाम अपनी पत्री के ६ अध्याय में पौलुस बताता है कि हम मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ा दिये गए हैं और अब पाप के लिए मर गए हैं, लेकिन हम मसीह के साथ जीवित भी किए गए हैं कि हम एक नया जीवन जी कर दिखाएं। इसलिए वह अपनी एक अन्य पत्री में कहता है, "सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ।" (कुलिस्सियों ३:१, २)
मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाए जाने के कारण अब हमें यह सौभाग्य है कि हम उसके लिए जिएं भी। ऐसा करके हम मसीह के पुनरुत्थान से मिली आशीश और सामर्थ के लिए उसे अपना आभार प्रगट करते हैं। - रिचर्ड डी हॉन
...जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। - रोमियों ६:४
बाइबल पाठ: रोमियों ६:१-१३
Rom 6:1 सो हम क्या कहें क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
Rom 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्यों कर जीवन बिताएं?
Rom 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
Rom 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
Rom 6:5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुड़ गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुड़ जाएंगे।
Rom 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
Rom 6:7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9 क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10 क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया, परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमश्ेवर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
एक साल में बाइबल:
कई बार हम मसीह में अपने विश्वास को दर्शाने के बाहरी हाव-भाव तो दिखाते हैं, लेकिन मसीह के साथ अपने जोड़े जाने के अर्थ को जी कर नहीं दिखाते। रोमियों के नाम अपनी पत्री के ६ अध्याय में पौलुस बताता है कि हम मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ा दिये गए हैं और अब पाप के लिए मर गए हैं, लेकिन हम मसीह के साथ जीवित भी किए गए हैं कि हम एक नया जीवन जी कर दिखाएं। इसलिए वह अपनी एक अन्य पत्री में कहता है, "सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्वर्गीय वस्तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। पृथ्वी पर की नहीं परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं पर ध्यान लगाओ।" (कुलिस्सियों ३:१, २)
मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाए जाने के कारण अब हमें यह सौभाग्य है कि हम उसके लिए जिएं भी। ऐसा करके हम मसीह के पुनरुत्थान से मिली आशीश और सामर्थ के लिए उसे अपना आभार प्रगट करते हैं। - रिचर्ड डी हॉन
जिस सामर्थ ने मसीह की कब्र को खोल दिया, वही सामर्थ हमारे लिए जीवन की भरपूरी के द्वार भी खोलती है।
...जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें। - रोमियों ६:४
बाइबल पाठ: रोमियों ६:१-१३
Rom 6:1 सो हम क्या कहें क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
Rom 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्यों कर जीवन बिताएं?
Rom 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया?
Rom 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
Rom 6:5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुड़ गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुड़ जाएंगे।
Rom 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
Rom 6:7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Rom 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Rom 6:9 क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठकर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Rom 6:10 क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया, परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Rom 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Rom 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरणहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के अधीन रहो।
Rom 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जान कर परमश्ेवर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
एक साल में बाइबल:
- २ शमूएल १९-२०
- लूका १८:१-२३