१९६० के दशक का एक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी गाना था "Getting Better" - अर्थात बेहतर होता जा रहा है। इस गीत में गायक अपनी जवानी तक के थोड़े से जीवन के बारे में सोचता है और उसे लगता है कि सब कुछ बेहतर ही होता जा रहा है। यह आशावादी गाना अवश्य है, किंतु इस आशा के किसी ठोस आधार के बिना।
इसकी तुलना में बाइबल हमें चिताती है कि हम एक ऐसे संसार में रहते हैं जो बदतर ही होता जा रहा है ( २ तिमुथियुस ३:१३)। प्रतिदिन हमें संसार के इस बिगाड़ के प्रमाण अधिकाधिक मिलते रहते हैं। तो इसे बिगड़े हुए संसार में हम जीवन की सच्चाईयों का सामना कैसे करेंगे? खोखले आशावाद के साथ? घोर निराशा के साथ? पौलूस प्रेरित हमें सिखाता है कि कैसे करें।
रोम में बन्दी बनाए जाने पर, बन्दीगृह में से फिलिप्पी की मण्डली को पौलुस ने पत्र लिखा, उन्हें इस बिगड़े संसार में सच्ची आशा देने के लिये। उसने अपने पाठकों का हौसला बढ़ाया, उन्हें बताकर कि इस संसार में जीवन अकसर कठिन और दुखदायी होता है लेकिन मसीही के लिये अन्तत: में सब कुछ अच्छा ही होगा। उसने लिखा, "जी चाहता है कि कूच करके मसीह के पास जा रहूं क्योंकि यह बहुत अच्छा है" (फिलिप्पियों १:२३)। यह हमें स्मरण दिलाता है कि मसीह के लिये जीने से संबंधित हर दुख हम झेल सकते हैं क्योंकि एक दिन हम उसके साथ होंगे महिमा और भरपूरी के अनन्त घर में।
जीवन कठिन हो सकता है, परन्तु एक दिन जब हम मसीह को देखेंगे तब वास्तव में बेहतर हो जायेगा। - बिल क्राउडर
मैं दोनो के बीच अधर में लटका हूं, जी तो चाहता हि कि कूच करके मसीह के पास रहूं, क्योंकि यह बहुत ही अच्छा है। - फिलिप्पियों १:२३
एक साल में बाइबल:
इसकी तुलना में बाइबल हमें चिताती है कि हम एक ऐसे संसार में रहते हैं जो बदतर ही होता जा रहा है ( २ तिमुथियुस ३:१३)। प्रतिदिन हमें संसार के इस बिगाड़ के प्रमाण अधिकाधिक मिलते रहते हैं। तो इसे बिगड़े हुए संसार में हम जीवन की सच्चाईयों का सामना कैसे करेंगे? खोखले आशावाद के साथ? घोर निराशा के साथ? पौलूस प्रेरित हमें सिखाता है कि कैसे करें।
रोम में बन्दी बनाए जाने पर, बन्दीगृह में से फिलिप्पी की मण्डली को पौलुस ने पत्र लिखा, उन्हें इस बिगड़े संसार में सच्ची आशा देने के लिये। उसने अपने पाठकों का हौसला बढ़ाया, उन्हें बताकर कि इस संसार में जीवन अकसर कठिन और दुखदायी होता है लेकिन मसीही के लिये अन्तत: में सब कुछ अच्छा ही होगा। उसने लिखा, "जी चाहता है कि कूच करके मसीह के पास जा रहूं क्योंकि यह बहुत अच्छा है" (फिलिप्पियों १:२३)। यह हमें स्मरण दिलाता है कि मसीह के लिये जीने से संबंधित हर दुख हम झेल सकते हैं क्योंकि एक दिन हम उसके साथ होंगे महिमा और भरपूरी के अनन्त घर में।
जीवन कठिन हो सकता है, परन्तु एक दिन जब हम मसीह को देखेंगे तब वास्तव में बेहतर हो जायेगा। - बिल क्राउडर
यीशु के साथ सदैव रहना सारे आनन्द का सार है।
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों १:१९-२६मैं दोनो के बीच अधर में लटका हूं, जी तो चाहता हि कि कूच करके मसीह के पास रहूं, क्योंकि यह बहुत ही अच्छा है। - फिलिप्पियों १:२३
एक साल में बाइबल:
- २ राजा १५, १६
- यूहन्ना ३:१-१८