हेनरी
नोवेन ने कहा, “समाज वह स्थान है जहाँ वे व्यक्ति रहते हैं जिनके साथ रहना आप सबसे
कम पसन्द करते हैं।” बहुधा हम अपने चारों ओर ऐसे लोगों को एकत्रित रखते हैं जिनके
साथ रहना हम पसन्द करते हैं। ऐसे छोटे से समूह से क्लब या गुट बनता है, समाज नहीं।
क्लब तो कोई भी बना सकता है, परन्तु ‘समाज’ बनाने के लिए कृपालुता, साझा दर्शन
होना, और कठिन साथ मिलकर परिश्रम करना आवश्यक है।
इतिहास
में मसीही मण्डली या चर्च वह पहली व्यवस्था थी जहाँ यहूदी और अन्यजाति, स्त्री और
पुरुष, दास और स्वतंत्र, एक समान होकर, एक साथ आए। परमेश्वर के वचन बाइबल में
प्रेरित पौलुस इस के विषय बहुत प्रफुल्लित होकर बताता है। पौलुस ने कहा कि असमान
व्यक्तियों से समाज बनाने के द्वारा, हमारे पास अवसर है कि सँसार का, और अलौकिक सँसार
का भी, ध्यान अपनी ओर खींचें (इफिसियों 3:9-10)।
दुःख
की बात है कि कुछ बातों में चर्च इस कार्य में असफल रहा है। फिर भी चर्च वह एक
स्थान है जहाँ मैं पीढ़ियों को एक साथ एकत्रित होते हुए देखता हूँ। वहाँ माँ की गोद
में खेलते हुए शिशु, अटखेलियाँ करते तथा अनुचित समयों पर विचित्र ध्वनियाँ निकालते
हुए हुए बच्चे, ज़िम्मेदार व्यसक जो समयानुसार उचित व्यवहार करना जानते हैं, तथा वे
लोग भी होते हैं जो यदि पास्टर का सन्देश कुछ लंबा हो जाए तो ऊंघना भी जानते हैं,
सभी होते हैं।
यदि
हमें वास्तव में समाज का अनुभाव लेना है, जो परमेश्वर हमें देना चाहता है, तो हमें
अपने से असमान लोगों की मण्डली का भाग होना होगा। - फिलिप यैन्सी
छोटे समाज में रहने वाला व्यक्ति भी विशाल
सँसार का भाग है। - जी. के. चेस्टरटन
क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या
स्वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम सब को एक ही आत्मा पिलाया गया। - 1 कुरिन्थियों 12:13
बाइबल पाठ: इफिसियों 2:19-3:11
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और
मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्वदेशी और
परमेश्वर के घराने के हो गए।
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और
भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ
मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के
द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।
Ephesians 3:1 इसी कारण मैं पौलुस जो तुम
अन्यजातियों के लिये मसीह यीशु का बन्धुआ हूं
Ephesians 3:2 यदि तुम ने परमेश्वर के उस
अनुग्रह के प्रबन्ध का समाचार सुना हो, जो तुम्हारे लिये
मुझे दिया गया।
Ephesians 3:3 अर्थात यह, कि वह भेद मुझ पर प्रकाश के द्वारा प्रगट हुआ, जैसा
मैं पहिले संक्षेप में लिख चुका हूं।
Ephesians 3:4 जिस से तुम पढ़ कर जान सकते
हो, कि मैं मसीह का वह भेद कहां तक समझता हूं।
Ephesians 3:5 जो और और समयों में मनुष्यों
की सन्तानों को ऐसा नहीं बताया गया था, जैसा कि आत्मा के
द्वारा अब उसके पवित्र प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं पर प्रगट किया गया है।
Ephesians 3:6 अर्थात यह, कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा अन्यजातीय लाग मीरास में साझी,
और एक ही देह के और प्रतिज्ञा के भागी हैं।
Ephesians 3:7 और मैं परमेश्वर के अनुग्रह
के उस दान के अनुसार, जो उसकी सामर्थ के प्रभाव के अनुसार
मुझे दिया गया, उस सुसमाचार का सेवक बना।
Ephesians 3:8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगों
में से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं।
Ephesians 3:9 और सब पर यह बात प्रकाशित
करूं, कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो
सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था।
Ephesians 3:10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा,
परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन
प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्वर्गीय स्थानों में हैं
प्रगट किया जाए।
Ephesians 3:11 उस सनातन मनसा के अनुसार,
जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी।
एक साल में बाइबल:
- भजन 35-36
- प्रेरितों 25