मेरा
चार वर्षीय पुत्र बहुत बातूनी है और सदा प्रश्नों से भरा रहता है। मुझे उससे बातें
करना अच्छा लगता है, परन्तु उसमें एक आपत्तिजनक आदत आती जा रही है – वह अपनी पीठ
मेरी ओर करके भी मुझ से बोलता रहता है, जिससे मुझे अकसर उससे कहना पड़ता है, “मुझे
तुम्हारी बात सुनाई नहीं दे रही है, कृपया मेरी ओर मुँह करके बोलो।”
कभी-कभी
मुझे लगता है कि परमेश्वर भी हम से यही कहना चाहता है – इसलिए नहीं कि उसे हमारी
बात सुनाई नहीं देती है, परन्तु हमारी प्रवृत्ति हो सकती है कि उसकी ओर ध्यान किए
बिना ही हम उससे कुछ-कुछ कहते चले जाएँ। हम उससे प्रार्थनाएं तो करते हैं, किन्तु
हम अपने ही प्रश्नों और अपने ही बारे में सोचने में उलझे हुए रहते हैं, और उसके
चरित्र की जिससे हम प्रार्थना कर रहे हैं बिलकुल अनदेखी कर देते हैं। मेरे पुत्र
के समान हम प्रश्न तो पूछते हैं, किन्तु जिससे हम बात कर रहे हैं, उसकी ओर ध्यान
नहीं लगाते हैं।
हमारी
अनेकों चिंताओं का समाधान हमारे यह स्मरण रखने से ही हो जाता है कि परमेश्वर कौन
है और उसने हमारे लिए क्या कुछ किया है। केवल उसपर और उसके प्रेमी, क्षमाशील,
अनुग्रहकारी इत्यादि होने, तथा समस्त सृष्टि पर सार्वभौमिक प्रभुत्व रखने आदि गुणों
पर पुनः अपना ध्यान केंद्रित करने के द्वारा हम शान्ति और सांत्वना पा सकते हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा कि हमें परमेश्वर के चहरे को निरंतर निहारते रहना और
उसके कार्यों का बखान करते रहना चाहिए (भजन 105:4-5)। जब दाऊद ने आराधना और
प्रार्थना के लिए अगुवाई करने वालों को नियुक्त किया, तो उसने लोगों को
प्रोत्साहित किया कि वे परमेश्वर के चरित्र और गुणों का बखान करें और बीते समय में
उसके विश्वासयोग्य होने की बातों को अपनी संतानों को सुनाएं (1 इतिहास 16:8-27)।
जब
हम अपनी दृष्टि परमेश्वर के सुन्दर और मनोहर चेहरे की ओर लगाते हैं, तो अनुत्तरित
प्रश्नों के मध्य भी हम उससे हमें संभाले रखने वाली सामर्थ्य और शान्ति को पाते
हैं। - एमी पीटर्सन
परमेश्वर के चेहरे को निहारने से हम
विश्वास में बलवन्त बनते हैं।
यहोवा और उसकी सामर्थ्य को खोजो, उसके दर्शन के लगातार खोजी बने रहो! उसके किए हुए आश्चर्यकर्म स्मरण करो,
उसके चमत्कार और निर्णय स्मरण करो! – भजन 105:4
बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:8-27
1 Chronicles 16:8
यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो।
1 Chronicles 16:9
उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब
आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो।
1 Chronicles 16:10
उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय
आनन्दित हो।
1 Chronicles 16:11
यहोवा और उसकी सामर्थ्य की खोज करो; उसके दर्शन के लिये
लगातार खोज करो।
1 Chronicles 16:12
उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण
करो।
1 Chronicles 16:13
हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके
चुने हुए हो!
1 Chronicles 16:14
वही हमारा परमेश्वर यहोवा है, उसके न्याय के काम पृथ्वी भर
में होते हैं।
1 Chronicles 16:15
उसकी वाचा को सदा स्मरण रखो, यह वही वचन है जो उसने हज़ार
पीढिय़ों के लिये ठहरा दिया।
1 Chronicles 16:16
वह वाचा उसने इब्राहीम के साथ बान्धी, उौर उसी के विषय उसने
इसहाक से शपथ खाई,
1 Chronicles 16:17
और उसी को उसने याकूब के लिये विधि कर के और इस्राएल के लिये सदा की वाचा बान्ध कर
यह कह कर दृढ़ किया, कि
1 Chronicles 16:18
मैं कनान देश तुझी को दूंगा, वह बांट में तुम्हारा निज भाग
होगा।
1 Chronicles 16:19
उस समय तो तुम गिनती में थोड़े थे, वरन बहुत ही थोड़े और उस
देश में परदेशी थे।
1 Chronicles 16:20
और वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे में
फिरते तो रहे,
1 Chronicles 16:21
परन्तु उसने किसी मनुष्य को उन पर अन्धेर करने न दिया; और वह
राजाओं को उनके निमित्त यह धमकी देता था, कि
1 Chronicles 16:22
मेरे अभिषिक्तों को मत छुओ, और न मेरे नबियों की हानि करो।
1 Chronicles 16:23
हे समस्त पृथ्वी के लोगो यहोवा का गीत गाओ। प्रतिदिन उसके किए हुए उद्धार का शुभ
समाचार सुनाते रहो।
1 Chronicles 16:24
अन्यजातियों में उसकी महिमा का, और देश देश के लोगों में
उसके आश्चर्य-कर्मों का वर्णन करो।
1 Chronicles 16:25
क्योंकि यहोवा महान और स्तुति के अति योग्य है, वह तो सब
देवताओं से अधिक भययोग्य है।
1 Chronicles 16:26
क्योंकि देश देश के सब देवता मूतिर्यां ही हैं; परन्तु यहोवा
ही ने स्वर्ग को बनाया है।
1 Chronicles 16:27
उसके चारों ओर वैभव और ऐश्वर्य है; उसके स्थान में सामर्थ्य
और आनन्द है।
एक साल में बाइबल:
- यहोशू 16-18
- लूका 2:1-24