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शनिवार, 31 दिसंबर 2016

भरोसा


   मेरी छोटी बेटी तैराकी के ताल के किनारे पर आशंकित होकर खड़ी थी। उसे तैरना नहीं आता था, वह अभी पानी में जाने के भय से निकलने के प्रयास कर रही थी। उसके सामने ताल में पानी के अन्दर उसका प्रशिक्षक अपनी बाहें फैलाए खड़ा था, कि जब वह पानी में कूदे तो उसे पकड़ ले। मेरी बेटी की हिचकिचाहट में मुझे उसकी आँखों में प्रशिक्षक को लेकर उसके अन्दर के प्रश्न दिखाई दे रहे थे: क्या वह मुझे पकड़ लेगा? यदि मेरा सिर पानी के अन्दर चला गया तो क्या होगा?

   इसी प्रकार परमेश्वर के लोगों, इस्त्राएलियों के मन भी शंका उठ रही होगी - क्या होगा जब वे यरदन पार कर के कनान देश में प्रवेश करेंगे? क्या वे परमेश्वर पर भरोसा रख सकते हैं कि उनके पार उतर जाने के लिए वह यरदन नदी के जल को रोक कर वहाँ सूखी भूमि और मार्ग प्रदान करेगा? जैसा परमेश्वर ने मूसा में होकर उनकी अगुवाई की थी, क्या वैसे ही उनके नए अगुवे यहोशू में होकर भी करेगा? क्या परमेश्वर अपने लोगों की सहायता करेगा कि वे उन कनानियों को पराजित कर सके जो यरदन के पार रहते थे?

   इन प्रश्नों का उत्तर पाने का एक ही तरीका था, इस्त्राएलियों को विश्वास की परीक्षा से होकर निकलना था - उन्हें कहे गए कार्य को करना था। इसलिए "सो जब प्रजा के लोगों ने अपने डेरों से यरदन पार जाने को कूच किया, और याजक वाचा का सन्दूक उठाए हुए प्रजा के आगे आगे चले" (यहोशू 3:14)। अपने विश्वास को कार्यान्वित करने के द्वारा वे अनुभव से जान सके कि परमेश्वर उनके साथ है; वह यहोशू में होकर उनकी अगुवाई कर रहा है, और कनान में बस जाने में उनकी सहायता करेगा (पद 7, 10, 17)।

   यदि आज आप अपने विश्वास की परीक्षा लेने वाली परिस्थिति में हैं, तो परमेश्वर के कभी ना बदलने वाले चरित्र और कभी ना टलने वाली प्रतिज्ञाओं पर भरोसा करके, उन इस्त्राएलियों के समान आप भी आगे बढ़ सकते हैं। परमेश्वर पर भरोसा रख कर, उसके मार्गदर्शन में आगे बढ़ने से, वह आपको जहाँ आप हैं वहाँ से उस स्थान पर ले जाएगा जहाँ वह आपको पहुँचाना चाहता है। - जेनिफ़र बेन्सन शुल्ट


जब हम अपने पिता परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं तो भय जाता रहता है।

अब विश्वास आशा की हुई वस्‍तुओं का निश्‍चय, और अनदेखी वस्‍तुओं का प्रमाण है। - इब्रानियों 11:1

बाइबल पाठ: यहोशू 3:9-17
Joshua 3:9 तब यहोशू ने इस्राएलियों से कहा, कि पास आकर अपने परमेश्वर यहोवा के वचन सुनो। 
Joshua 3:10 और यहोशू कहने लगा, कि इस से तुम जान लोगे कि जीवित ईश्वर तुम्हारे मध्य में है, और वह तुम्हारे सामहने से नि:सन्देह कनानियों, हित्तियों, हिव्वियों, परिज्जियों, गिर्गाशियों, एमोरियों, और यबूसियों को उनके देश में से निकाल देगा। 
Joshua 3:11 सुनो, पृथ्वी भर के प्रभु की वाचा का सन्दूक तुम्हारे आगे आगे यरदन में जाने पर है। 
Joshua 3:12 इसलिये अब इस्राएल के गोत्रों में से बारह पुरूषों को चुन लो, वे एक एक गोत्र में से एक पुरूष हो। 
Joshua 3:13 और जिस समय पृथ्वी भर के प्रभु यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाने वाले याजकों के पांव यरदन के जल में पड़ेंगे, उस समय यरदन का ऊपर से बहता हुआ जल थम जाएगा, और ढेर हो कर ठहरा रहेगा। 
Joshua 3:14 सो जब प्रजा के लोगों ने अपने डेरों से यरदन पार जाने को कूच किया, और याजक वाचा का सन्दूक उठाए हुए प्रजा के आगे आगे चले, 
Joshua 3:15 और सन्दूक के उठाने वाले यरदन पर पहुंचे, और सन्दूक के उठाने वाले याजकों के पांव यरदन के तीर के जल में डूब गए (यरदन का जल तो कटनी के समय के सब दिन कड़ारों के ऊपर ऊपर बहा करता है), 
Joshua 3:16 तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर, अर्थात आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रूककर एक ढेर हो गया, और दीवार सा उठा रहा, और जो जल अराबा का ताल, जो खारा ताल भी कहलाता है, उसकी ओर बहा जाता था, वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लाग यरीहो के साम्हने पार उतर गए। 
Joshua 3:17 और याजक यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाए हुए यरदन के बीचोंबीच पहुंचकर स्थल पर स्थिर खड़े रहे, और सब इस्राएली स्थल ही स्थल पार उतरते रहे, निदान उस सारी जाति के लोग यरदन पार हो गए।

एक साल में बाइबल: 
  • मलाकी 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 22



शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

अगुवा


   टर्की के इस्तानबुल शहर में, सन 2005 में एक भेड़ खाई में कूद गई, और देखते ही देखते, उसके पीछे-पीछे लगभग 1500 और भेड़ें भी खाई में कूद गईं! अन्ततः उन में से लगभग एक तिहाई की मृत्यु हो गई। ना जानते हुए कि सही मार्ग कौन सा है, भेड़ बिना सूझ-बूझ के झुण्ड के अन्य सदस्यों के पीछे चल पड़ती हैं।

   भेड़ को छोड़ कोई और शब्द, सही अगुवे की हमारी आवश्यकता को नहीं जता सकता है। परमेश्वर के वचन में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने हम मनुष्यों के लिए लिखा कि "हम तो सब के सब भेड़ों की नाईं भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया" (यशायाह 53:6)। हमारी प्रवृत्ति है कि हम अपनी ही मार्ग पर चल निकलते हैं, इसीलिए हमें एक अच्छे चरवाहे का मार्गदर्शन चाहिए जो हमें सही राह दिखाए तथा उस पर हमें बनाए भी रखे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 23 हमारे अच्छे और विश्वासयोग्य चरवाहे का वर्णन करता है। यह चरवाहा हमारी चिन्ता करता है (पद 1); हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है (पद 2); वह हमें पवित्रता का जीवन जीना सिखाता है (पद 3); वह हमें प्रफुलित करता है, सान्तवना देता है, चंगाई देता है और बहुतायत से आशीषें देता है (पद 3-5); वह सदा हमारे साथ बना रहता है (पद 6)।

   यह जानना कितनी दिलासा देता है कि हमारा प्रभु परमेश्वर ही हमारा अच्छा चरवाहा है जो हमें कोमलता परन्तु दृढ़ता के साथ जीवन के सही मार्ग पर लिए चलता है। वह ऐसा हमें अपने पवित्र आत्मा की प्रेरणा, अपने वचन के अध्ययन, और प्रार्थना के द्वारा करता है। परमेश्वर ही वह विश्वासयोग्य अगुवा है जिस की हमें आवश्यकता है।

   प्रभु परमेश्वर पर हमारी निर्भरता का, और उसकी सदा उपलब्ध अगुवाई का अंगीकार करते हुए हम भी भजनकार के साथ कह सकते हैं, "यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है"। - डेव एग्नर


वह मेमना जो हमें बचाने के लिए बलिदान हुआ, 
वही हमारा चरवाहा भी है जो हमारे मार्गदर्शन के लिए हमारे साथ चलता है।

चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। - यूहन्ना 10:10-11

बाइबल पाठ: भजन 23
Psalms 23:1 यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। 
Psalms 23:2 वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; 
Psalms 23:3 वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है। 
Psalms 23:4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।
Psalms 23:5 तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है। 
Psalms 23:6 निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 13-14
  • प्रकाशितवाक्य 21


गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

आश्चर्यकर्म


   मेरे बेटों एन्गस और डेविड के जन्मदिन दिसंबर माह में आते हैं। अपनी बाल्यावस्था में ही उन्होंने अपने अनुभवों से सीख लिया था कि यदि एन्गस को दिसंबर माह के आरंभ में अपने जन्म दिन के अवसर पर उसकी पसन्द का खिलौना नहीं मिला है तो वह उसके क्रिसमस के उपहार में होगा। और डेविड को जो उसके क्रिसमिस के उपहार में नहीं मिला, वह 4 दिन बाद आने वाले उसके जन्म दिन के अवसर पर आ जाएगा। विलंब का अर्थ इन्कार नहीं था।

   जब मार्था और मरियम का भाई लाज़र, जिससे प्रभु यीशु प्रेम करते थे, गंभीर रूप से बीमार हुआ, तो उन्होंने प्रभु यीशु को आने का सन्देश भेजा (यूहन्ना 11:1-3)। संभवतः वे आशा और आशंका के साथ मार्ग की ओर प्रभु यीशु के आने की आँखें लगाए उसकी बाट जोहते रहे होंगे, परन्तु प्रभु यीशु नहीं आए। अन्तिम क्रियाकर्म को हुए भी 4 दिन बीत गए थे जब अन्ततः यीशु नगर में आए (पद 17)।

   मार्था उनसे मिलने गई और कुण्ठित होकर कहा, "...हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता" (पद 21), और फिर उसका विश्वास पुनः जागृत हुआ और वह आगे बोली, "और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा" (पद 22)। मैं सोचता हूँ कि उसने किस आशा के साथ यह कहा होगा? लाज़र अब मर चुका था, और वह उसकी कब्र को खोलने के लिए राज़ी नहीं थी (पद 39)। परन्तु फिर भी, प्रभु यीशु के एक कहने पर लाज़र की आत्मा उसके सड़ते हुए शरीर में वापस आ गई (पद 41-44)। प्रभु यीशु ने अपने बीमार मित्र को केवल चँगा कर देने की बजाए उससे भी बड़ा आश्चर्यकर्म करने के लिए विलंब किया था, कि उसे मृतकों में से वापस ला सके। उसके इस विलंब का परिणाम यह भी हुआ कि इस आश्चर्यकर्म के कारण अनेकों यहूदियों ने उस पर विश्वास किया (पद 45)।

   परमेश्वर के समय और विधि की धैर्य के साथ प्रतीक्षा करना, हमारे जीवनों में भी हमारी आशा से कहीं बढ़कर आश्चर्यकर्म ला सकता है। - मेरियन स्ट्राउड


परमेश्वर के लिए प्रतीक्षा में लगाया गया समय कभी गँवाया हुआ नहीं होता।

वरन जितने तेरी बाट जोहते हैं उन में से कोई लज्जित न होगा; परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही लज्जित होंगे। हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे। मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं। - भजन 25:3-5

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:20-45
John 11:20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही। 
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा। 
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा। 
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा। 
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। 
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है? 
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है। 
John 11:28 यह कहकर वह चली गई, और अपनी बहिन मरियम को चुपके से बुलाकर कहा, गुरू यहीं है, और तुझे बुलाता है। 
John 11:29 वह सुनते ही तुरन्त उठ कर उसके पास आई। 
John 11:30 (यीशु अभी गांव में नहीं पहुंचा था, परन्तु उसी स्थान में था जहां मारथा ने उस से भेंट की थी।) 
John 11:31 तब जो यहूदी उसके साथ घर में थे, और उसे शान्‍ति दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम तुरन्त उठके बाहर गई है और यह समझकर कि वह कब्र पर रोने को जाती है, उसके पीछे हो लिये। 
John 11:32 जब मरियम वहां पहुंची जहां यीशु था, तो उसे देखते ही उसके पांवों पर गिर के कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता तो मेरा भाई न मरता। 
John 11:33 जब यीशु न उसको और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है? 
John 11:34 उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, चलकर देख ले। 
John 11:35 यीशु के आंसू बहने लगे। 
John 11:36 तब यहूदी कहने लगे, देखो, वह उस से कैसी प्रीति रखता था। 
John 11:37 परन्तु उन में से कितनों ने कहा, क्या यह जिसने अन्धे की आंखें खोली, यह भी न कर सका कि यह मनुष्य न मरता?
John 11:38 यीशु मन में फिर बहुत ही उदास हो कर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था। 
John 11:39 यीशु ने कहा; पत्थर को उठाओ: उस मरे हुए की बहिन मारथा उस से कहने लगी, हे प्रभु, उस में से अब तो र्दुगंध आती है क्योंकि उसे मरे चार दिन हो गए। 
John 11:40 यीशु ने उस से कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था कि यदि तू विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी। 
John 11:41 तब उन्होंने उस पत्थर को हटाया, फिर यीशु ने आंखें उठा कर कहा, हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं कि तू ने मेरी सुन ली है। 
John 11:42 और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है। 
John 11:43 यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, कि हे लाजर, निकल आ। 
John 11:44 जो मर गया था, वह कफन से हाथ पांव बन्‍धे हुए निकल आया और उसका मुंह अंगोछे से लिपटा हुआ था। यीशु ने उन से कहा, उसे खोल कर जाने दो।
John 11:45 तब जो यहूदी मरियम के पास आए थे, और उसका यह काम देखा था, उन में से बहुतों ने उस पर विश्वास किया।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 9-12
  • प्रकाशितवाक्य 20


बुधवार, 28 दिसंबर 2016

आशा


   कोलेराडो में स्थित टेड रॉबर्टसन का घर जून 2013 में जंगल में लगी भीष्ण आग में जल कर स्वाहा हो जाने वाले 500 से भी अधिक घरों में से एक था। जब उसे वापस लौट कर राख और मलबे में अपने सामान को तलाशने की अनुमति मिली, उसकी आशा एक बहुमूल्य पारीवारिक स्मारक, उसकी पत्नि द्वारा चीनी मिट्टी से बनाई गई शिशु यीशु की छोटी सी मूर्ति को पा लेने की थी। अपने घर के जले हुए अवशेषों को टटोलते हुए, वह सोचता रहा, "क्या वह शिशु यीशु अभी भी यहाँ है?"

   जब हमारे जीवन निराशा तथा हानि के द्वारा झकझोरे जाते हैं, हमारे अन्दर यह विचार उत्पन्न हो सकता है कि क्या प्रभु यीशु अभी भी हमारे साथ विद्यमान है? परमेश्वर के वचन बाइबल का स्पष्ट तथा दृढ़ उत्तर है - हाँ! जैसा प्रेरित पौलुस ने रोम के मसीही विश्वासियों को लिखकर उन्हें आशा बन्धाई: "क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी" (रोमियों 8:38-39)।

   अपने जले हुए घर के उस भाग के एक कोने में, जो कभी गैरेज हुआ करता था, टेड रॉबर्टसन को प्रभु यीशु के जन्म को दिखाने वाले दृश्य के जले हुए अवशेष मिले, और वहाँ उनको शिशु यीशु की वह छोटी मूर्ति भी मिली जिसे उस आग से कोई हानि नहीं हुई थी। टेड ने के.आर.डी.ओ. न्यूज़ चैनेल को बताया, उस मूर्ति को पा लेने से, "हम आशंका से आशा में गए...हमें लगने लगा कि हम अपने जीवनों के खोए हुए कुछ भाग को पुनः प्राप्त कर लेंगे।"

   क्या प्रभु यीशु अभी भी है? जी हाँ, वह सदा साथ बना रहता है! यही क्रिसमस की कभी समाप्त ना होने वाली आशा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


यदि आप ने प्रभु यीशु के साथ अपना संबंध बना लिया है तो आप कभी अकेले नहीं रहेंगे।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-39
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। 
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है। 
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? 
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। 
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। 
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार? 
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं; हम वध होने वाली भेंड़ों की नाईं गिने गए हैं। 
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं। 
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, 
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 19


मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

निकल आना


   एक बार जब हमारा परिवार यात्रा में था, तो यात्रा के दौरान जिस स्थान पर जहाँ हम पहुँचे ही थे, वहाँ भीषण चक्रवादी तूफान आने की चेतावनी ज़ारी की गई। हमारे लिए अचानक ही सब कुछ बदल गया क्योंकि हमें लगा कि हमारे बच्चे खतरे में हैं।

   मैंने इस घटना का उल्लेख इसलिए किया है जिससे कि हम समझ सकें कि यूसुफ और मरियम के लिए कैसा रहा होगा जब वे अपने साथ छोटे बालक यीशु को लेकर मिस्त्र को गए। उन पर किसी चक्रवादी तूफान नहीं वरन राजा हेरोदेस का खतरा था, जो उनके बालक को मार डालना चाहता था। कल्पना कीजिए कि उनके लिए कितना भयावह रहा होगा, यह जानते हुए यात्रा करते जाना कि "...हेरोदेस इस बालक को ढूंढ़ने पर है कि उसे मरवा डाले" (मत्ती 2:13)।

   सामान्यतः हम क्रिसमस के समय का बड़ा साधारण और सुचारू दृष्टिकोण रखते हैं - शान्तिमय दृश्य में रंभाते हुए गाय-बैल, प्रभु यीशु की चरनी के पास दण्डवत करते हुए चरवाहे, आदि। परन्तु प्रभु यीशु के परिवार के लिए, हेरोदेस के भय से भागते हुए, ऐसी कोई शान्ति नहीं थी। जब तक स्वर्गदूत ने उन्हें सुरक्षित हो जाने तथा मिस्त्र से निकल आने के लिए नहीं कहा वे वापस अपने घर नासरत नहीं आ सके (पद 20-23)।

   प्रभु यीशु के देहधारण करने के लिए हमारे अन्दर कैसी श्रद्धा होनी चाहिए; वह प्रभु जो अपने पिता परमेश्वर के साथ स्वर्ग की महिमा का पात्र था, उस स्वर्गीय महिमा को छोड़कर पृथ्वी पर आ गया, उसने निर्धनता में जन्म लिया, यद्यपि वह सदा ही सच्चा, खरा और निर्दोष था और सबका भला करता था फिर भी उसने जीवन में अनेकों कठिन परिस्थितियों, झूठे दोषारोपणों और प्राण के खतरों का सामना किया, और अन्ततः हमारे पापों की क्षमा तथा उद्धार के लिए स्वेच्छा से क्रूस पर बलिदान हो गया।

   मिस्त्र से निकल आना तो एक बात है, परन्तु स्वर्ग की महिमा और आदर छोड़कर हम पापी मनुष्यों के लिए अपमानित होने और मारे जाने के लिए निकल आना और ही बात है - यही इस घटना का महान और विलक्षण भाग है। - डेव ब्रैनन


प्रभु यीशु हमारे लिए पृथ्वी पर आ गया जिससे हम उसके साथ स्वर्ग जा सकें।

किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:7-8

बाइबल पाठ: मत्ती 2:13-23
Matthew 2:13 उन के चले जाने के बाद देखो, प्रभु के एक दूत ने स्‍वप्‍न में यूसुफ को दिखाई देकर कहा, उठ; उस बालक को और उस की माता को ले कर मिस्र देश को भाग जा; और जब तक मैं तुझ से न कहूं, तब तक वहीं रहना; क्योंकि हेरोदेस इस बालक को ढूंढ़ने पर है कि उसे मरवा डाले। 
Matthew 2:14 वह रात ही को उठ कर बालक और उस की माता को ले कर मिस्र को चल दिया। 
Matthew 2:15 और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो। 
Matthew 2:16 जब हेरोदेस ने यह देखा, कि ज्योतिषियों ने मेरे साथ ठट्ठा किया है, तब वह क्रोध से भर गया; और लोगों को भेज कर ज्योतिषियों से ठीक ठीक पूछे हुए समय के अनुसार बैतलहम और उसके आस पास के सब लड़कों को जो दो वर्ष के, वा उस से छोटे थे, मरवा डाला। 
Matthew 2:17 तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हुआ, 
Matthew 2:18 कि रामाह में एक करूण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी, और शान्‍त होना न चाहती थी, क्योंकि वे हैं नहीं।
Matthew 2:19 हेरोदेस के मरने के बाद देखो, प्रभु के दूत ने मिस्र में यूसुफ को स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहा। 
Matthew 2:20 कि उठ, बालक और उस की माता को ले कर इस्राएल के देश में चला जा; क्योंकिं जो बालक के प्राण लेना चाहते थे, वे मर गए। 
Matthew 2:21 वह उठा, और बालक और उस की माता को साथ ले कर इस्राएल के देश में आया। 
Matthew 2:22 परन्तु यह सुनकर कि अरिखलाउस अपने पिता हेरोदेस की जगह यहूदिया पर राज्य कर रहा है, वहां जाने से डरा; और स्‍वप्‍न में चितौनी पाकर गलील देश में चला गया। 
Matthew 2:23 और नासरत नाम नगर में जा बसा; ताकि वह वचन पूरा हो, जो भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा गया था, कि वह नासरी कहलाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • ज़कर्याह 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 18


सोमवार, 26 दिसंबर 2016

निवास स्थान


   हमारे पड़ौस में यह चर्चा का विषय हो गया था; एक प्रसिद्ध व्यवसायिक फुटबॉल खिलाड़ी हमारे पड़ौस में रहने के लिए आया था, उसका घर हमारे घर से बस दो घर छोड़कर था। हम ने उसे टेलिविज़न पर देखा था और खेल के मैदान पर उसके कौशल के बारे में पढ़ा था; परन्तु हमने कभी यह सोचा भी नहीं था कि वह हमारे पड़ौस में आकर रहने लगेगा। आरंभ में हमारी आशा थी कि अपने पड़ौस में हम उसका स्वागत करेंगे, और हम उसके साथ अच्छे मित्र हो जाएंगे। परन्तु उसकी दिनचर्या इतनी व्यस्त थी कि हम में से कोई भी उसे व्यक्तिगत रीति से जान भी नहीं पाया।

 अब ज़रा इस पर विचार कीजिए: प्रभु यीशु - इस सृष्टि के प्रभु और सृष्टिकर्ता - ने चुना कि वह हमारे मध्य निवास करेगा! वह स्वर्ग छोड़कर इस पृथ्वी पर आ गया। जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना द्वारा लिखा गया, "और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा" (यूहन्ना 1:14)। प्रभु यीशु ने चुना कि प्रत्येक उस जन के साथ, जो उसमें लाए गए विश्वास के साथ उसके निकट आएगा, वह एक बहुत निकट का संबंध बनाएगा। और इससे भी बढ़कर, हम में से प्रत्येक के लिए, जिन्होंने पापों से मुक्ति देने वाले उसके प्रेम को स्वीकार कर लिया है, प्रभु यीशु का पवित्र आत्मा उनके हृदयों में अपना निवास स्थान बना लेता है जिससे कि हमें सांत्वना, परामर्श, मार्गदर्शन एवं शिक्षा दे सके और प्रत्येक बुराई के विषय सचेत तथा कायल कर सके।

   जब आप चरनी में जन्में उस शिशु यीशु के बारे में विचार करें, तो इस बात पर भी विचार करें कि यह कितना विशेष है कि ना केवल वह हमारे "पड़ौस" में आया है, वरन यह कि वह इसलिए आया कि हमारे साथ निकट संबंध बना सके, हमें आशीषित कर सके, हमारे हृदयों के अन्दर अपना निवास स्थान पा सके। - जो स्टोवैल


परमेश्वर का निवास स्थान बन जाने के उपहार का लाभ अवश्य ही उठाएं।

द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। - यूहन्ना 10:9-10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-14
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं। 
John 1:8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। 
John 1:9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी। 
John 1:10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना। 
John 1:11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 
John 1:12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। 
John 1:13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। 
John 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।

एक साल में बाइबल: 
  • हाग्गै 1-2
  • प्रकाशितवाक्य 17


रविवार, 25 दिसंबर 2016

ज्योति


   एक गौशाला? भला जगत के मसीहा के जन्म के लिए यह कैसा स्थान? हमारे तथा समस्त संसार के उद्धारकर्ता, मुक्तिदाता का अपने मानवीय शरीर में पहला अनुभव गौशाला की गन्ध तथा ध्वनियाँ थीं। अन्य शिशुओं के समान ही, वहाँ के जानवरों की आवाज़ों तथा उसके अस्थायी पालने के आस-पास आने-जाने वाले अपरिचित लोगों के कारण संभव है कि, वह भी रोया होगा। यदि वह रोया था, तो आने वाले समय के साथ बहने वाले आँसुओं में उसके ये पहले आँसू थे। समय के साथ प्रभु यीशु ने मानवीय हानि और दुःख को, तथा उस सन्देह को जो उसके भाई और परिवार जन उसके प्रति रखते थे, अनुभव किया था। उन्होंने उस वेदना को भी देखा तथा अनुभव किया जो उनके सताए जाने तथा क्रूस पर बलिदान किए जाने के समय में उनकी माता ने अनुभव की थी।

   अपने जीवन की पहली रात्रि में सो जाने का प्रयास कर रहे उस शिशु के सामने उपरोक्त सभी तथा अनेक अन्य कठिनाईयाँ मुँह बाए खड़ी थीं। लेकिन फिर भी, अपने जन्म के पहले पल से ही, प्रभु यीशु समस्त मानव जाति के लिए "परमेश्वर हमारे साथ" (मत्ति 1:23) थे; और वे जानते थे कि मनुष्य होने का अर्थ क्या होता है। मनुष्य होने के उनके ये अनुभव तीन दशक से अधिक समय तक ज़ारी रहे, और क्रूस पर उनकी मृत्यु के साथ समाप्त हुए।

   मेरे और आपके प्रति उनके प्रेम के कारण ही प्रभु यीशु पूर्णतः मनुष्य बने। उनके मनुष्य होने के और मनुष्यों के सभी अनुभवों से होकर निकलने के कारण वे हमारी प्रत्येक परिस्थिति भली-भांति समझते हैं और उनके तथा हमारे मध्य एकात्मता संभव है। हम यह कभी नहीं कह सकते हैं कि कोई हमें तथा हमारी व्यथा को समझ नहीं सकता है; क्योंकि प्रभु यीशु सब जानते और समझते हैं।

   जीवन की वह ज्योति जो उस रात मानव रूप में अवतरित होकर संसार में आई, आपके जीवन के प्रत्येक स्थान, आत्मा के छिपे हुए गहरे से गहरे कोने को भी रौशन कर दे, अपनी शान्ति और प्रेम की ज्योति से भर दे, और वह शान्ति प्रदान करे जिस के बारे में उस रात स्वर्गदूतों ने कहा था। - रैंडी किलगोर


प्रभु यीशु सब जानता और समझता है

कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। - मत्ती 1:23

बाइबल पाठ: लूका 2:6-20
Luke 2:6 उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luke 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
Luke 2:15 जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जा कर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। 
Luke 2:16 और उन्होंने तुरन्त जा कर मरियम और यूसुफ को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। 
Luke 2:17 इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, प्रगट की। 
Luke 2:18 और सब सुनने वालों ने उन बातों से जो गड़िरयों ने उन से कहीं आश्चर्य किया। 
Luke 2:19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। 
Luke 2:20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16


शनिवार, 24 दिसंबर 2016

स्थायी शान्ति


   प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, 1914 के क्रिसमस की पूर्व-संध्या पर, पश्चिमी मोर्चे के एक तीस मील लंबी सरहद पर बन्दूकें शान्त हो गईं। सैनिकों ने सावधानी पूर्वक अपनी खंदकों के ऊपर होकर झांका, और फिर कुछ अपनी खंदकों से बाहर निकलकर अपने स्थानों की मरम्मत करने लगे तो कुछ अन्य मृतकों को दफनाने लगे। जब अंधेरा हुआ, कुछ जर्मन सैनिकों ने लालटेनें जलाईं और क्रिसमस के गीत गाने लगे। दूसरी ओर के अंग्रेज़ी सैनिकों ने इसे सराहा, तलाई बजाई और ऊँची आवाज़ में पुकार कर अपने अभिनदन उन तक सरहद पार पहुँचाए।

   अगले दिन जर्मन, फ्रैंच और अंग्रेज़ी सैनिक एक दूसरे के साथ तटस्थ भूमि पर मिले, परस्पर हाथ मिलाए, एक-दूसरे के साथ भोजन सामग्री बाँटी, और भेंटों का आदान-प्रदान किया। यह युद्ध से थोड़ी देर का अवकाश था, जो शीघ्र ही समाप्त भी हो गया और तोपें तथा मशीन गनें फिर से एक दूसरे पर प्रहार करने लग गईं। लेकिन जितनों ने उस अनाधिकारिक ’क्रिसमस युद्धविराम’ का, जैसा कि वह जाना गया, अनुभव किया, वे कभी ना तो अपने उस अनुभव को, और ना ही शान्ति के लिए उनके मनों में उससे जागृत हुई लालसा को भुला पाए।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा आने वाले मसीहा के संबंध में की गई भविष्यवाणी में उसके विषय में लिखा गया है: "क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा" (यशायाह 9:6)। क्रूस पर अपने बलिदान के द्वारा प्रभु यीशु ने हमारे तथा परमेश्वर के मध्य आई दूरी को पाट दिया, और स्वयं हमारी शान्ति, हमारा मेल-मिलाप करवाने वाला बन गया (इफिसियों 2:14)।

   प्रभु यीशु मसीह में हम परमेश्वर के तथा परस्पर एक-दूसरे के साथ स्थायी शान्ति और मिल-मिलाप पाते हैं। यही क्रिसमस का जीवन परिवर्तित कर देने वाला सन्देश है। - डेविड मैक्कैसलैंड


केवल मसीह यीशु में ही सच्ची शान्ति प्राप्त हो सकती है।

सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। - रोमियों 5:1

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:13-19
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। 
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। 
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। 
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए। 
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। 
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है। 
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।

एक साल में बाइबल: 
  • हबक्कूक 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 15


शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016

उपहार


   जब हमारे बच्चे छोटे थे और हमारे साथ घर पर रहा करते थे, तब क्रिसमस की प्रातः की हमारी पारिवारिक परंपरा बड़ी साधारण परन्तु बहुत अर्थपूर्ण होती थी। हम अपने परिवार को क्रिसमस ट्री के चारों ओर एकत्रित करते, जहाँ वे सारे उपहार रखे होते थे जिन्हें हम एक दूसरे को देने के लिए लाए थे; और हम सब मिलकर क्रिसमस की कहानी को पढ़ते थे। यह एक कोमल स्मरण करवाना होता था कि हम एक दूसरे को उपहार इसलिए नहीं देते हैं क्योंकि मसीह यीशु के जन्म के समय उससे मिलने आने वाले लोग उपहार लेकर आए थे। वरन, हमारा एक दूसरे को प्रेम की भेंटों का उपहार देना, परमेश्वर के हमारे प्रति व्यक्त किए गए अति महान प्रेम की एक छोटी झलक को दिखाना था।

   जब हम क्रिसमस कथा की उन परिचित घटनाओं - स्वर्गदूतों का सन्देश देना, चरवाहों का आना, चरनी का दृश्य आदि को दोहराते थे, हमारी आशा होती थी कि उस प्रथम क्रिसमस पर जो परमेश्वर ने हमारे लिए किया उसकी महानता और महत्वता का एहसास, एक दूसरे के प्रति हमारे प्रेम प्रदर्शित करने के प्रत्येक प्रयास से कहीं अधिक बढ़कर होने पाए।

   अपने पुत्र को हमारे पापों से छुटकारे के लिए बलिदान होने भेजने के उपहार के सामने अन्य प्रत्येक उपहार बहुत छोटा और नगण्य है; यह वह यथार्थ है जिसे प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी अपने पत्री व्यक्त करते हुए कहा: "परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो" (2 कुरिन्थियों 9:15)।

   स्पष्ट है कि परमेश्वर का अपने पुत्र को हमारा मुक्तिदाता, उद्धारकर्ता बनाकर भेजना एक ऐसा उपहार है जिसे हम शब्दों में कभी पूर्णतया बयान नहीं कर सकेंगे। लेकिन हम इसी उपहार के उपलक्ष्य में क्रिसमस का उत्सव मनाते हैं; क्रिसमस पर महत्वपूर्ण वे उपहार नहीं है जो हम एक दूसरे को देते हैं, वरन सबसे अधिक महत्वपूर्ण वह उपहार है जो परमेश्वर ने हम मनुष्यों को दिया है। - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु स्वयं वह सर्वोत्तम तथा महानतम उपहार हैं 
जो मानव जाति को कभी भी दिया गया हो।

क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। - रोमियों 6:23

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-35
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। 
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है। 
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? 
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? 
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। 
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। 
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?

एक साल में बाइबल: 
  • नहूम 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 14


गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

आवरण


   हमारे घर में क्रिसमस से जुड़ी कुछ बातें प्रत्येक वर्ष एक समान ही रहती हैं। उनमें से एक है मेरी पत्नि मार्टी द्वारा बच्चों और नाती-पोतों से उपहार खोलते हुए आग्रह करना कि वे उपहार पर लपेटे गए आवरण को ध्यान से खोलें और संभाल कर रखें क्योंकि उन्हें फिर से उपयोग किया जा सकता है। मार्टी को अच्छे उपहार देना बहुत पसन्द है, परन्तु उसे उन उपहारों पर चढ़ाया जाने वाला आवरण भी अच्छा लगता है। उपहार की सुन्दरता का एक भाग उसका वह आवरण है जिसमें लपेट कर उसे दिया जाता है।

   यह मेरा ध्यान उस आवरण पर ले जाता है जिस में लिपट कर मसीह यीशु संसार का उद्धारकर्ता बन कर आया ताकि हम मनुष्यों को हमारे पापों से छुड़ा सके। अपने आगमन को प्रभु यीशु अपने विलक्षण बल-सामर्थ के प्रदर्शन तथा आकाश-मण्डल को अपनी स्वर्गीय महिमा की दिव्य ज्योति से प्रकाशित कर देने के आवरण से भी लपेट सकते थे। परन्तु, इसके स्थान पर उन्होंने अपनी सारी स्वर्गीय सामर्थ और महिमा छोड़कर, हम मनुष्यों की समानता में आना पसन्द किया (फिलिप्पियों 2:7)।

   उनके पृथ्वी पर आगमन के इस साधारण से आवरण का क्या महत्व है? उन्होंने हमारे समान ही ऐसा साधारण बन कर हमें आश्वस्त किया कि वे हमारे जीवन के संघर्षों से अनभिज्ञ नहीं हैं। पृथ्वी के अपने जीवन में उन्होंने गहरे एकाकीपन और अपने निकट-मित्र के जान-लेवा धोखे का अनुभव किया। उन्हें सार्वजनिक रूप से लज्जित किया गया, गलत समझा और समझाया गया, उन पर झूठा दोषारोपण किया गया। संक्षिप्त में, वह हमारी पीड़ाओं को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से जानते हैं। परिणामस्वरूप, जैसे इब्रानियों का लेखक हमें बताता है, "क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला" (इब्रानियों 4:15); और यही हमें प्रोत्साहित करता है कि हम निर्भीक होकर प्रभु यीशु मसीह के पास आएं, क्योंकि वह हमारी सब बात जानता और समझता है (इब्रानियों 4:16)।

   इस क्रिसमस के समय में जब आप प्रभु यीशु के बारे में विचार करें तो उस आवरण पर भी ध्यान करें जिसमें होकर उन्होंने अपने आप को हमारे लिए प्रस्तुत किया। - जो स्टोवैल


क्रिसमस के सर्वोत्तम उपहार के आवरण की उपेक्षा ना करें।

इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे। - इब्रानियों 4:16

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:1-11
Philippians 2:1 सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। 
Philippians 2:2 तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। 
Philippians 2:3 विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। 
Philippians 2:4 हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दूसरों के हित की भी चिन्‍ता करे। 
Philippians 2:5 जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। 
Philippians 2:6 जिसने परमेश्वर के स्‍वरूप में हो कर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा। 
Philippians 2:7 वरन अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्‍वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। 
Philippians 2:8 और मनुष्य के रूप में प्रगट हो कर अपने आप को दीन किया, और यहां तक आज्ञाकारी रहा, कि मृत्यु, हां, क्रूस की मृत्यु भी सह ली। 
Philippians 2:9 इस कारण परमेश्वर ने उसको अति महान भी किया, और उसको वह नाम दिया जो सब नामों में श्रेष्ठ है। 
Philippians 2:10 कि जो स्वर्ग में और पृथ्वी पर और जो पृथ्वी के नीचे है; वे सब यीशु के नाम पर घुटना टेकें। 
Philippians 2:11 और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 6-7
  • प्रकाशितवाक्य 13


बुधवार, 21 दिसंबर 2016

तैयार


   संचालक अपने मंच पर खड़ा था, उसकी आँखें संगीत मण्डली और वाद्य-मण्डली के सदस्यों का सर्वेक्षण कर रही थीं। गायकों ने संगीत के अपने कागज़ व्यवस्थित करके सही स्थान पर किए जिससे वे उन कागज़ों के ऊपर से संचालक को देख सकें तथा अपने खड़े रहने के लिए आरामदायक मुद्रा बनाई। वाद्य-मण्डली के सदस्यों ने भी संगीत के अपने कागज़ों को उनके स्थानों पर व्यवस्थित किया, आराम से बैठने के लिए अपने स्थान को ठीक किया; और तैयार होने के पश्चात सब शांत होकर संचालक की ओर देखने लगे। संचालक प्रतीक्षा में था कि सभी तैयार हो जाएं; सब के तैयार होते ही संचालन करने वाली छड़ी के साथ उसका हाथ नीचे को आया, और हैण्डल का प्रसिद्ध संगीत "Overture to Messiah" चर्च भवन में भर गया।

   उस संगीत की धुन को अपने चारों ओर गूँजते हुए सुनकर मुझे ऐसा प्रतीत हुआ मानो मैं क्रिसमस में डूब गई हूँ; जब परमेश्वर के इशारे पर, संसार के इतिहास के सही पल में, मसीहा, जो "...आने वाली अच्छी अच्छी वस्‍तुओं का महायाजक हो कर आया..." (इब्रानियों 9:11) के जन्म की प्रक्रिया का आरंभ हो गया।

   प्रत्येक क्रिसमस पर, जब हम मसीह यीशु के जन्म के उत्सव को संगीत के साथ मनाते हैं, मुझे यह भी स्मरण आता है कि परमेश्वर के लोग अपने आप को तैयार कर रहे हैं हमारे महान संचालक परमेश्वर पिता के उस इशारे का जिस से हमारे उद्धार के संगीत की अन्तिम पंक्ति का आरंभ होगा, और मसीह यीशु अपने विश्वासियों को अपने साथ ले जाने के लिए आ जाएगा, जिसके बाद वह सब कुछ नया कर देगा (प्रकाशितवाक्य 21:5)। उस दिन हम मसीही विश्वासियों के लिए अनन्तकाल तक उसके साथ रहने के आनन्द का आरंभ होगा। जैसे परमेश्वर हमारे तैयार हो जाने की प्रतीक्षा में है, वैसे ही हमें भी अपने संचालक परमेश्वर पिता के उस इशारे के लिए तैयार हो जाना चाहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक


मसीह के आगमन और जन्म का उत्सव उस के पुनःआगमन और 
मसीही विश्वासियों के अनन्त आनन्द की प्रत्याशा है।

और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्‍त आ जाएगा। - मत्ती 24:14

बाइबल पाठ: इब्रानियों 9:11-22
Hebrews 9:11 परन्तु जब मसीह आने वाली अच्छी अच्छी वस्‍तुओं का महायाजक हो कर आया, तो उसने और भी बड़े और सिद्ध तम्बू से हो कर जो हाथ का बनाया हुआ नहीं, अर्थात इस सृष्‍टि का नहीं। 
Hebrews 9:12 और बकरों और बछड़ों के लोहू के द्वारा नहीं, पर अपने ही लोहू के द्वारा एक ही बार पवित्र स्थान में प्रवेश किया, और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया। 
Hebrews 9:13 क्योंकि जब बकरों और बैलों का लोहू और कलोर की राख अपवित्र लोगों पर छिड़के जाने से शरीर की शुद्धता के लिये पवित्र करती है। 
Hebrews 9:14 तो मसीह का लोहू जिसने अपने आप को सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के साम्हने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीवते परमेश्वर की सेवा करो। 
Hebrews 9:15 और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहिली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त मीरास को प्राप्त करें। 
Hebrews 9:16 क्योंकि जहां वाचा बान्‍धी गई है वहां वाचा बान्‍धने वाले की मृत्यु का समझ लेना भी अवश्य है। 
Hebrews 9:17 क्योंकि ऐसी वाचा मरने पर पक्की होती है, और जब तक वाचा बान्‍धने वाला जीवित रहता है, तब तक वाचा काम की नहीं होती। 
Hebrews 9:18 इसी लिये पहिली वाचा भी बिना लोहू के नहीं बान्‍धी गई। 
Hebrews 9:19 क्योंकि जब मूसा सब लोगों को व्यवस्था की हर एक आज्ञा सुना चुका, तो उसने बछड़ों और बकरों का लोहू ले कर, पानी और लाल ऊन, और जूफा के साथ, उस पुस्‍तक पर और सब लोगों पर छिड़क दिया। 
Hebrews 9:20 और कहा, कि यह उस वाचा का लोहू है, जिस की आज्ञा परमेश्वर ने तुम्हारे लिये दी है। 
Hebrews 9:21 और इसी रीति से उसने तम्बू और सेवा के सारे सामान पर लोहू छिड़का। 
Hebrews 9:22 और व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्तुएं लोहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं; और बिना लोहू बहाए क्षमा नहीं होती।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5
  • प्रकाशितवाक्य 12


मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

यीशु के नाम में


   परिवार की तस्वीरों के संग्रह में मेरी मनपसन्द फोटो एक पारिवारिक भोजन के समय की है। उस फोटो में पिताजी, उनके बेटे और बेटों की पत्नियाँ और उन सभी के बच्चे सब एक साथ धन्यवादी समारोह और प्रार्थना के अवसर पर एक साथ एकत्रित हैं। पिताजी को पक्षाघात के कई दौरे पड़ चुके थे, और अब वे पहले के समान बोल नहीं पाते थे। परन्तु प्रार्थना के उस समय में, मैंने उन्हें पूरे मन से कहते सुना, "हम प्रभु यीशु के नाम में माँगते हैं!" इसके लगभग एक वर्ष पश्चात, पिताजी इस संसार से कूच कर के उसके पास चले गए जिसके नाम में उन्होंने ऐसा दृढ़ विश्वास रखा था।

   प्रभु यीशु ने हमें अपने नाम में प्रार्थना करके परमेश्वर से आग्रह करना सिखाया है। अपने क्रूस पर बलिदान होने की पूर्व-संध्या को उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा: "अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए" (यूहन्ना 16:24)। परन्तु प्रभु यीशु की उनके नाम में माँगने से परमेश्वर से प्राप्त कर लेने की यह प्रतिज्ञा बैंक के किसी कोरे चेक के समान नहीं है, जिसे भुनाने वाला अपनी मर्ज़ी से चाहे जितनी रकम भर सकता है और वह रकम प्राप्त कर सकता है। इस प्रतिज्ञा में होकर हमें भी अपनी सनक के अनुसार परमेश्वर से कुछ भी माँग लेने और परमेश्वर का उस माँग को पूरा करने के लिए बाध्य होने की छूट प्रभु की इस प्रतिज्ञा से नहीं मिलती है।

   उस ही संध्या को, प्रभु ने यह भी सिखाया कि उसके नाम में माँगी गई बातों को इसलिए दिया जाता है जिससे परमेश्वर पिता की महिमा हो (यूहन्ना 14:13)। बाद में, उसी रात में प्रभु ने अपनी व्यथा में परमेश्वर से प्रार्थना की, "फिर वह थोड़ा और आगे बढ़कर मुंह के बल गिरा, और यह प्रार्थना करने लगा, कि हे मेरे पिता, यदि हो सके, तो यह कटोरा मुझ से टल जाए; तौभी जैसा मैं चाहता हूं वैसा नहीं, परन्तु जैसा तू चाहता है वैसा ही हो" (मत्ती 26:39)। तात्पर्य यह है कि प्रभु ने अपने उदाहरण से दिखाया कि माँगने में परमेश्वर पिता की महिमा और आज्ञाकारिता के अनुसार माँगी गई बात ही पूरी हो सकती है (1 यूहन्ना 5:14)।

   जब हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, तो चाहिए कि हम परमेश्वर की इच्छा, समझ-बूझ, प्रेम और सार्वभौमिकता के प्रति समर्पित भी रहें; तब ही हम निःसंकोच होकर प्रार्थना में कह सकते हैं "यीशु के नाम में"। - डेनिस फिशर


प्रार्थना की पहुँच से बाहर कुछ भी नहीं है, 
बशर्ते कि वह परमेश्वर की इच्छा के बाहर ना हो।

और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है। - 1 यूहन्ना 5:14

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:12-21
John 14:12 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वह भी करेगा, वरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं। 
John 14:13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो। 
John 14:14 यदि तुम मुझ से मेरे नाम से कुछ मांगोगे, तो मैं उसे करूंगा। 
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। 
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। 
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। 
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। 
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे। 
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में। 
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 11


सोमवार, 19 दिसंबर 2016

क्रिसमस


   चार्ल्स डिकिन्स का उपन्यास A Christmas Carol सर्वप्रथम 19 दिसंबर 1843 को प्रकाशित हुआ, और तब से लेकर आज तक उसकी माँग बनी रही है, तथा वह प्रकाशन में रहा है। यह उपन्यास एबेनेज़र स्क्रूज नामक एक धनी परन्तु रूखे और कंजूस व्यक्ति की कहानी है जो कहता था, "प्रत्येक ’मेरी क्रिसमस’ कहने वाले मूर्ख को उसकी ही पुडिंग में पका देना चाहिए!" लेकिन एक क्रिसमस की शाम, स्क्रूज एक उदार और प्रसन्नचित व्यक्ति बन जाता है। डिकिन्स के इस उपन्यास ने संसार के सभी लोगों के अन्दर व्याप्त शांति की लालसा को बड़े ही हास्यस्पद और गहरी अन्तःदृष्टि के साथ व्यक्त किया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस, जब युवा था और शाऊल नाम से जाना जाता था, तब वह प्रभु यीशु और उनके अनुयायियों का कट्टर बैरी था; बाइबल बताती है कि, "शाऊल कलीसिया को उजाड़ रहा था; और घर घर घुसकर पुरूषों और स्‍त्रियों को घसीट घसीट कर बन्‍दीगृह में डालता था" (प्रेरितों 8:3)। लेकिन एक दिन उसका साक्षात्कार पुनरुत्थान हुए प्रभु यीशु मसीह से हो गया, जिससे उसके जीवन की दिशा तथा दशा दोनों ही पूर्णतया परिवर्तित हो गए (प्रेरितों 9:1-16)।

   मसीही विश्वास में उसके पुत्र समान तिमुथियुस को लिखी अपनी पत्री में पौलुस प्रभु यीशु से हुए अपने जीवन परिवर्तित कर देने वाले साक्षात्कार के संबंध में लिखता है: "मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ" (1 तिमुथियुस 1:13-14)।

   प्रभु यीशु मसीह ने इस संसार में जन्म इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिया, उन्होंने अपना बलिदान इसीलिए दिया जिससे कि हम मनुष्य, उनमें लाए गए साधारण विश्वास के द्वारा, सेंत-मेंत ही अपने पापी स्वभाव और प्रवृत्ति से परिवर्तित होकर उनसे अपने पापों की क्षमा और उद्धार प्राप्त कर सकें, उनकी समानता में आ सकें, परमेश्वर की संतान होने का अधिकार प्राप्त कर सकें।

   मसीही विश्वास किसी धर्म परिवर्तन का नहीं वरन मनुष्य के पापी मन के परिवर्तन का नाम है; और क्रिसमस का बस यही तात्पर्य है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब हम प्रभु यीशु को अपना हृदय परिवर्तित करने देते हैं, 
जीवन में परिवर्तन स्वतः ही आ जाता है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: 1 तिमुथियुस 1:12-17
1 Timothy 1:12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिसने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उसने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया। 
1 Timothy 1:13 मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे। 
1 Timothy 1:14 और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ। 
1 Timothy 1:15 यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। 
1 Timothy 1:16 पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं। 
1 Timothy 1:17 अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • योना 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 10


रविवार, 18 दिसंबर 2016

मित्र


   कॉन्सटैनटिनोपोल के प्रधान बिशप जौन क्राएसोस्तोम (347-407 ई०) ने मित्रता के बारे कहा: "मित्रता ऐसी होती है कि उसके द्वारा हम स्थानों और ऋतुओं को भी चाहने लगते हैं; जैसे कि फूल अपने नीचे की ज़मीन पर अपनी सुगन्धित पंखुड़ियाँ बिखेर देते हैं, उसी प्रकार मित्र जन, जहाँ भी वे रहते हैं, उन स्थानों पर अपनी कृपादृष्टि बिखेर देते हैं।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में योनातान और दाऊद सच्ची मित्रता की मधुर उदाहरण हैं। बाइबल बताती है कि उन दोनों के एक दुसरे से मिलने के साथ ही उनमें एक बंधन बंध गया (1 शमूएल 18:1-4)। उन्होंने एक दूसरे की देखभाल और चिंता के द्वारा, एक दूसरे के प्रति अपनी वफादारी को दिखाने के द्वारा अपनी मित्रता को ना केवल जीवित रखा वरन उसे बढ़ाया भी (18:3; 20:16, 42; 23:18)। योनातान ने दाऊद को उपहार दिए (18:4) और अनेक कठिन परिस्थितियों में उसका ध्यान रखा (19:1-2; 20:12-13)।

   उनकी मित्रता की पराकाष्ठा को हम 1 शमूएल 23:16-17 में देखते हैं जब दाऊद शाऊल से अपनी जान बचा कर भाग रहा था और "शाऊल का पुत्र योनातन उठ कर उसके पास होरेश में गया, और परमेश्वर की चर्चा कर के उसको ढाढ़स दिलाया"। जब आप अपने जीवन के किसी निम्न बिन्दु में होते हैं तब मित्र आपको परमेश्वर में सामर्थी होने में सहायक होते हैं।

   आज के इस संसार में जहाँ अधिकांश संबंध कुछ प्राप्त कर लेने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं, हम मसीही विश्वासी, अपने प्रभु परमेश्वर के समान, ऐसे मित्र बनें जो दूसरों को कुछ देने पर ध्यान लगाते हैं; क्योंकि हमारे प्रभु यीशु ने कहा है, "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो" (यूहन्ना 15:13-14)। - पोह फैंग चिया


जीवन की महिमा प्रेम तथा सेवा देने में है ना कि लेने में।

मित्र सब समयों में प्रेम रखता है, और विपत्ति के दिन भाई बन जाता है। - नीतिवचन 17:17

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 18:1-4; 23:15-18
1 Samuel 18:1 जब वह शाऊल से बातें कर चुका, तब योनातान का मन दाऊद पर ऐसा लग गया, कि योनातान उसे अपने प्राण के बराबर प्यार करने लगा। 
1 Samuel 18:2 और उस दिन से शाऊल ने उसे अपने पास रखा, और पिता के घर को फिर लौटने न दिया। 
1 Samuel 18:3 तब योनातान ने दाऊद से वाचा बान्धी, क्योंकि वह उसको अपने प्राण के बराबर प्यार करता था। 
1 Samuel 18:4 और योनातान ने अपना बागा जो वह स्वयं पहिने था उतारकर अपने वस्त्र समेत दाऊद को दे दिया, वरन अपनी तलवार और धनुष और कटिबन्ध भी उसको दे दिए। 
1 Samuel 23:15 और दाऊद ने जान लिया कि शाऊल मेरे प्राण की खोज में निकला है। और दाऊद जीप नाम जंगल के होरेश नाम स्थान में था; 
1 Samuel 23:16 कि शाऊल का पुत्र योनातन उठ कर उसके पास होरेश में गया, और परमेश्वर की चर्चा कर के उसको ढाढ़स दिलाया। 
1 Samuel 23:17 उसने उस से कहा, मत डर; क्योंकि तू मेरे पिता शाऊल के हाथ में न पड़ेगा; और तू ही इस्राएल का राजा होगा, और मैं तेरे नीचे हूंगा; और इस बात को मेरा पिता शाऊल भी जानता है। 
1 Samuel 23:18 तब उन दोनों ने यहोवा की शपथ खाकर आपस में वाचा बान्धी; तब दाऊद होरेश में रह गया, और योनातन अपने घर चला गया।

एक साल में बाइबल: 
  • ओबद्याह
  • प्रकाशितवाक्य 9


शनिवार, 17 दिसंबर 2016

प्रगति


   पाबेलो कैसल्स को 20वीं शताब्दी के प्रथम अर्ध-भाग का सबसे प्रख्यात चेलो-वायलिन वादक माना जाता है। वे अपने जीवन के दसवें दशक में भी चेलो-वायलिन बजाते थे; 95 वर्षीय पाबेलो से एक जवान पत्रकार ने पूछा, "श्रीमान कैसल्स, आप 95 वर्ष के हैं, और अभी तक के संसार के सबसे महानतम चेलो वादक हैं। फिर भी आप प्रतिदिन छः घंटे अभ्यास क्यों करते हैं?" पाबेलो कैसल्स ने उत्तर दिया, "क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा करने से मैं और प्रगति करता रहता हूँ।" कैसा महान दृष्टिकोण, तथा अपनी कला के प्रति कितना अद्भुत समर्पण!

   हम मसीही विश्वासियों को भी कभी यह सोच कर संतुष्ट हो कर थम नहीं जाना चाहिए, कि हम ने कोई आत्मिक सफलता प्राप्त कर ली है।, वरन हमें प्रेरित पतरस द्वारा लिखे निर्देश : "हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ" (2 पतरस 3:18) का पालन करते रहना चाहिए और प्रभु यीशु की पहचान में बढ़ते रहना चाहिए। प्रभु यीशु ने अपने चेलों को स्मरण कराया कि, "तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ" (यूहन्ना 15:16)। आत्मिक जीवन में स्वस्थ प्रगति होते रहने का परिणाम जीवन भर प्रभु के लिए आत्मिक फल लाते रहना होता है। हमारे प्रभु ने हमें सिखाया है: "मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते" (यूहन्ना 15:5)।

   हम जिस प्रभु परमेश्वर से प्रेम रखते हैं तथा हम जिस की सेवा करते हैं, उसकी समानता और गुणों में लगातार प्रगति करते जाने का हमें सतत परिश्रम करते रहना है, इस भरोसे के साथ कि जिसने हम में अपना कार्य आरंभ किया है वह अपने पुनः आगमन तक हमारे अन्दर अपने कार्य को बनाए रखेगा, उसमें प्रगति करते रहने में हमारा सहायक भी होगा (फिलिप्पियों 1:6)। - सिंडी हैस कैस्पर


हमारे हृदयों के अन्दर होने वाला परमेश्वर का अदृश्य कार्य, बाहर हमारे जीवनों में फल लाता है।

और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:8-17
John 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे। 
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • आमोस 7-9
  • प्रकाशितवाक्य 8


शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

सन्देश


   युक्रेन के लोग क्रिसमस के उत्सव के मनाने में कुछ अद्भुत बातें सम्मिलित करते हैं। कुछ लोग पारिवारिक खाने की मेज़ पर थोड़ा सा सूखी घास और भूसा रख देते हैं बैतलेहम की चरनी के स्मरण में जिसमें जन्म के बाद प्रभु यीशु को रखा गया था। उनके मनाने में एक और भिन्न बात होती है उस रात की घटनाओं का स्मरण जब सारे जगत के उद्धारकर्ता ने इस संसार में प्रवेश किया: क्रिसमस की प्रार्थना के पश्चात घराने का पुरनिया इस शुभ सन्देश को बताता है कि "मसीह पैदा हुआ है"; और प्रत्युत्तर में परिवार जन कहते हैं, "हम उसकी महिमा करें।"

   यह शब्द मेरा ध्यान प्रभु यीशु के जन्म की रात को बैतलेहम के आकाश में स्वर्गदूतों के आने की ओर ले जाते हैं। प्रभु के स्वर्गदूत ने चरवाहों को संबोधित करते हुए, सारे संसार के सभी लोगों के लिए सन्देश दिया, "आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है" (लूका 2:11); और उस स्वर्गदूत के साथ की स्वर्गीय सेना ने प्रत्युत्तर दिया, "आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो" (लूका 2:14)।

   ये दोनों सन्देश वर्ष के इस अद्भुत समय को एक बहुत गहरा अर्थ प्रदान करते हैं। जगत का उद्धारकर्ता आ गया है, और अपने साथ संसार के सभी लोगों के लिए पापों की क्षमा और अनन्त आनन्द के जीवन की आशा लाया है; और केवल वह ही है जो हमारी सारी आराधना, स्तुति और महिमा ग्रहण करने के सर्वथा योग्य है।

   संसार के वे सभी व्यक्ति जो साधारण विश्वास द्वारा उस से सेंत-मेंत उपहार के रूप में मिलने वाले इस उद्धार तथा अनन्त जीवन के बारे में जानते हैं, उन्हें चाहिए कि वे सारे संसार में इस शुभ सन्देश को फैला और सुना कर प्रभु परमेश्वर की महिमा करें।  - बिल क्राउडर


हम मनुष्यों प्रति परमेश्वर के अद्भुत प्रेम की भव्य महिमा, प्रभु यीशु में सदेह प्रकट हुई है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: लूका 2:6-14
Luke 2:6 उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए।
Luke 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।

एक साल में बाइबल: 
  • आमोस 4-6
  • प्रकाशितवाक्य 7


गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

भण्डारी


   बहुत से लोग यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि उनके पश्चात उनके संसाधनों का सही उपयोग होगा। वे उन संसाधनों के सदुपयोग के लिए वसीयत बनाते हैं, ट्रस्ट या संस्थाएं स्थापित करते हैं जिससे उनके शारीरिक जीवन की समाप्ति के पश्चात वे संसाधन भले कार्यों में उपयोग हों और उनके भले स्मारक बन जाएं। हम इसे अच्छा भण्डारीपन कहते हैं।

   सांसारिक संसाधनों की ऐसी भली उपयोगिता तथा अच्छे भण्डारीपन के समान ही आवश्यक हम मसीही विश्वासियों के मसीही जीवन की गवाही का उपयोग भी है। परमेश्वर ने अपने लोगों, इस्त्राएल को आज्ञा दी कि वे अपनी सन्तानों को ना केवल परमेश्वर की व्यवस्था और बातें सिखाएं वरन अपने परिवार का इतिहास भी सिखाएं। यह अभिभावकों का उत्तरदायित्व था कि वे अपनी अगली पीढ़ी को सिखाएं कि कैसे परमेश्वर ने उनके लिए कार्य किया, उन्हें सुरक्षित रखा और उन्हें अपने साथ लिए चला (व्यवस्थाविवरण 4:1-14)।

   आज, परमेश्वर ने हम सभी मसीही विश्वासियों को एक अनुपम जीवन-कथा दी है। हम में से प्रत्येक के लिए उसकी योजनाएं विशिष्ट और व्यक्तिगत हैं। आज क्या अन्य लोग यह जानते हैं कि आप ने क्यों और कैसे मसीह यीशु पर विश्वास किया और मसीही बनें? आपके मसीही विश्वास का आधार कौन से सिद्धांत हैं? परमेश्वर ने कैसे आपके जीवन में कार्य किया और आपके विश्वास को स्थिर तथा दृढ़ किया? क्या लोग जानते हैं कि कैसे बारंबार परमेश्वर ने अपने आप को आपके प्रति विश्वासयोग्य प्रमाणित किया है, और आपकी गलतियों, शंकाओं एवं निराशाओं के समयों में भी आपको कभी ना छोड़ने वाला, सदैव आपके साथ बना रहने वाला आपका सहायक और मार्गदर्शक रहा है?

   अपने प्रति परमेश्वर की विश्वासयोग्यता की कहानी को बताना हमारा ना केवल हमारा विशेषाधिकार है, वफ़्रन उत्तरदायित्व भी है। अपने जीवन में जो अनुभव आपने परमेश्वर से प्राप्त किए हैं उन्हें कहीं किसी प्रकार दर्ज करें, उन्हें परिवार जनों, मित्रों, लोगों के साथ बाँटें - यह ना केवल आपको परमेश्वर की आशीषों का अच्छा भण्डारी बनाएगा, वरन आपको शैतान के आक्रमणों पर जयवन्त भी करेगा (प्रकाशितवाक्य 12:10-11)। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर के लिए व्यतीत किया गया जीवन एक स्थाई विरासत छोड़ जाता है।

फिर मैं ने स्वर्ग पर से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, कि अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, और सामर्थ, और राज्य, और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है; क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगाने वाला, जो रात दिन हमारे परमेश्वर के साम्हने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया। और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्‍त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली। - प्रकाशितवाक्य 12:10-11

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 4:1-14
Deuteronomy 4:1 अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ। 
Deuteronomy 4:2 जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना। 
Deuteronomy 4:3 तुम ने तो अपनी आंखों से देखा है कि बालपोर के कारण यहोवा ने क्या क्या किया; अर्थात जितने मनुष्य बालपोर के पीछे हो लिये थे उन सभों को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे बीच में से सत्यानाश कर डाला; 
Deuteronomy 4:4 परन्तु तुम जो अपने परमेश्वर यहोवा के साथ लिपटे रहे हो सब के सब आज तक जीवित हो। 
Deuteronomy 4:5 सुनो, मैं ने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उस में तुम उनके अनुसार चलो। 
Deuteronomy 4:6 सो तुम उन को धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है। 
Deuteronomy 4:7 देखो, कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसका देवता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमेश्वर यहोवा, जब कि हम उसको पुकारते हैं? 
Deuteronomy 4:8 फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे साम्हने रखता हूं? 
Deuteronomy 4:9 यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो जो बातें तुम ने अपनी आंखों से देखीं उन को भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहे; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना। 
Deuteronomy 4:10 विशेष कर के उस दिन की बातें जिस में तुम होरेब के पास अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने खड़े थे, जब यहोवा ने मुझ से कहा था, कि उन लोगों को मेरे पास इकट्ठा कर कि मैं उन्हें अपने वचन सुनाऊं, जिस से वे सीखें, ताकि जितने दिन वे पृथ्वी पर जीवित रहें उतने दिन मेरा भय मानते रहें, और अपने लड़के बालों को भी यही सिखाएं। 
Deuteronomy 4:11 तब तुम समीप जा कर उस पर्वत के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था, और उसकी लौ आकाश तक पहुंचती थी, और उसके चारों ओर अन्धियारा, और बादल, और घोर अन्धकार छाया हुआ था। 
Deuteronomy 4:12 तब यहोवा ने उस आग के बीच में से तुम से बातें की; बातों का शब्द तो तुम को सुनाईं पड़ा, परन्तु कोई रूप न देखा; केवल शब्द ही शब्द सुन पड़ा। 
Deuteronomy 4:13 और उसने तुम को अपनी वाचा के दसों वचन बताकर उनके मानने की आज्ञा दी; और उन्हें पत्थर की दो पटियाओं पर लिख दिया। 
Deuteronomy 4:14 और मुझ को यहोवा ने उसी समय तुम्हें विधि और नियम सिखाने की आज्ञा दी, इसलिये कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो उस में तुम उन को माना करो। 

एक साल में बाइबल: 
  • आमोस 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 6


बुधवार, 14 दिसंबर 2016

विशिषिट जन्म


   परमेश्वर के वचन बाइबल के पृष्ठों में अनेकों बालकों के जन्म का उल्लेख है। कैन, सृष्टि के पश्चात जन्म लेने वाला पहला मानव। इसहाक, इस्त्राएल के भविष्य की आशा। शमूएल, एक माँ की लालसा के साथ की गई प्रार्थना का उत्तर। ये सभी, और इनके समान अन्य बालकों के जन्म बहुत महत्वपूर्ण थे; उन सभी के लिए आनन्दपूर्वक आशा रखी गई थी; और इन बालकों के जन्मों को पवित्रशास्त्र में दर्ज करने वाले लेखकों ने सभी के लिए एक ही समान बात लिखी है, कि उनकी माता गर्भवती हुई और बालक को जन्म दिया (उत्पत्ति 4:1; 21:2-3; 1 शमूएल 1:20)।

   अब बाइबल में दर्ज एक अन्य बालक, प्रभु यीशु मसीह, के जन्म के वर्णन पर ध्यान कीजिए। उस के आने के वर्णन में उस से संबंधित अनेकों बातों को बहुत विस्तार से लिखा गया है - केवल कुछ ही शब्द प्रभु यीशु के जन्म के बारे में बताने के लिए काफी नहीं थे; उस के जन्म के सैंकड़ों वर्ष पूर्व से ही उस के बारे में भविष्यवाणियाँ की गईं। मीका भविष्यद्वक्ता ने बताया कि वह बैतलहम में जन्म लेगा (मीका 5:2)। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लिखा कि वह कुँवारी से जन्म लेगा (यशायाह 7:14), और वह अपने लोगों को उनके पापों से छुड़ाने के लिए आएगा (यशायाह 53)।

   बाइबल के नए नियम खण्ड में उसके बारे में कुछ और आवश्यक जानकारी दी गई, जैसे कि कैसे उसे जन्म देने वाली माता और उसके दत्तक पिता परमेश्वर की योजना का भाग थे (मत्ती 1:16), जन्म के पश्चात उसका नाम क्या रखा जाना था और क्यों (मत्ती 1:21), वह भविष्यवाणी की पूर्ति के लिए कहाँ पैदा हुआ (मत्ती 2:6)।

   प्रभु यीशु का जन्म अन्य सभी बच्चों के जन्म से बढ़कर और भिन्न है; समस्त संसार के इतिहास में अभूतपूर्व तथा अति विशिष्ट है। उनके जन्म ने सारे संसार के इतिहास को दो भागों में बाँट दिया - ईसवीं पूर्व (BC) और ईसवीं पश्चात (AD)। उन के जन्म का उत्सव समस्त संसार के लिए है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु समस्त मानव जाति के लिए परमेश्वर का सर्वोत्तम उपहार हैं।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा, इसलिये वे उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से ले कर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए ओर संभाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन के द्वारा यह हो जाएगा। - यशायाह 9:6-7

बाइबल पाठ: मत्ती 2:1-15
Matthew 2:1 हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। 
Matthew 2:2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उसको प्रणाम करने आए हैं। 
Matthew 2:3 यह सुनकर हेरोदेस राजा और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया। 
Matthew 2:4 और उसने लोगों के सब महायाजकों और शास्‍त्रियों को इकट्ठे कर के उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए? 
Matthew 2:5 उन्होंने उस से कहा, यहूदिया के बैतलहम में; क्योंकि भविष्यद्वक्ता के द्वारा यों लिखा है। 
Matthew 2:6 कि हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है, तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सब से छोटा नहीं; क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा। 
Matthew 2:7 तब हेरोदेस ने ज्योतिषियों को चुपके से बुलाकर उन से पूछा, कि तारा ठीक किस समय दिखाई दिया था। 
Matthew 2:8 और उसने यह कहकर उन्हें बैतलहम भेजा, कि जा कर उस बालक के विषय में ठीक ठीक मालूम करो और जब वह मिल जाए तो मुझे समाचार दो ताकि मैं भी आकर उसको प्रणाम करूं। 
Matthew 2:9 वे राजा की बात सुनकर चले गए, और देखो, जो तारा उन्होंने पूर्व में देखा था, वह उन के आगे आगे चला, और जंहा बालक था, उस जगह के ऊपर पंहुचकर ठहर गया।
Matthew 2:10 उस तारे को देखकर वे अति आनन्‍दित हुए। 
Matthew 2:11 और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना थैला खोल कर उसे सोना, और लोहबान, और गन्‍धरस की भेंट चढ़ाई। 
Matthew 2:12 और स्‍वप्‍न में यह चितौनी पाकर कि हेरोदेस के पास फिर न जाना, वे दूसरे मार्ग से हो कर अपने देश को चले गए।
Matthew 2:13 उन के चले जाने के बाद देखो, प्रभु के एक दूत ने स्‍वप्‍न में यूसुफ को दिखाई देकर कहा, उठ; उस बालक को और उस की माता को ले कर मिस्र देश को भाग जा; और जब तक मैं तुझ से न कहूं, तब तक वहीं रहना; क्योंकि हेरोदेस इस बालक को ढूंढ़ने पर है कि उसे मरवा डाले। 
Matthew 2:14 वह रात ही को उठ कर बालक और उस की माता को ले कर मिस्र को चल दिया। 
Matthew 2:15 और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो। 

एक साल में बाइबल: 
  • योएल 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 5


मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

युसुफ


   अपने अधिकांश जीवन मैंने क्रिसमस की कहानी में प्रभु यीशु के सांसारिक पिता यूसुफ की भूमिका के महत्व को नज़रंदाज़ किया। लेकिन जब मैं स्वयं पति और फिर पिता बना, तब मैं यूसुफ के कोमल चरित्र को बेहतर समझ और पहचान सका, उसकी प्रशंसा कर सका। यह जानने से पूर्व ही कि उसकी मंगेतर मरियम गर्भवती कैसे हो गई, उसने यह ठान लिया था कि उस प्रतीत होने वाली बेवफाई के लिए वह मरियम को शर्मिंदा या दण्डित नहीं करेगा (मत्ती 1:19), जबकि ऐसा करना उसका नैतिक और कानूनी अधिकार था।

   मुझे उसकी नम्रता और आज्ञाकारिता पर अचंभा होता है, क्योंकि उसने, किसी के कुछ भी कहने की संभावना की परवाह किए बिना, ना केवल वह किया जो कि स्वर्गदूत ने उसे करने को कहा (24), वरन जब तक कि मरियम से प्रभु यीशु का जन्म नहीं हो गया, उसने मरियम से कोई शारीरिक संबंध भी नहीं रखे (25)। इसके बाद हम देखते हैं कि शिशु यीशु के प्राणों की रक्षा के लिए वह अपना घर-बार छोड़कर मिस्त्र को चले जाने को भी राज़ी हो गया (मत्ती 2:13-23)।

   ज़रा कल्पना कीजिए उस तनाव और दबाव की जो यूसुफ और मरियम ने अनुभव किया होगा जब उन्हें पता चला कि प्रभु यीशु के रूप में सदेह आने वाले, सारी सृष्टि का संचालन और पालन करने वाले परमेश्वर कोीक बच्चे के रूप में उन्हें पालना-पोसना होगा, उसका ध्यान रखना होगा। ज़रा विचार कीजिए उनके जीवन में रहने वाली उस जटिलता और तनाव पर, पवित्रता का जीवन जीने के उनके उस अविरल प्रयास पर जो परमेश्वर के पुत्र की लगातार उपस्थिति में रहने के कारण उन्होंने अपने जीवनों में अनुभव किया होगा। यूसुफ कैसा चरित्रवान पुरुष रहा होगा कि परमेश्वर ने उसे इस कार्य के लिए चुना! हमारे अनुसरण के लिए कैसा अद्भुत उदाहरण है, चाहे हम अपने बच्चों, या अन्य किसी के बच्चों का पालन-पोषण करने की ज़िम्मेदारी निभा रहे हों।

   परमेश्वर हमें सामर्थ दे कि चाहे हम परमेश्वर की योजना को समझ ना पाएं फिर भी हम युसुफ के समान परमेश्वर और उसके निर्देशों के प्रति विश्वासयोग्य रहें। - रैंडी किलगोर


सच्ची सेवकाई का रहस्य पूर्ण विश्वासयोग्यता के साथ वहाँ रहना तथा वह करना है, 
जहाँ रहने और जिसे करने के लिए हमारे लिए परमेश्वर ने ठहराया है।

जो थोड़े से थोड़े में सच्चा है, वह बहुत में भी सच्चा है: और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है। - लूका 16:10

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 12-14
  • प्रकाशितवाक्य 4


सोमवार, 12 दिसंबर 2016

सुरक्षित


   जब मैं बच्चा था, मेरा परिवार मेरे पिता द्वारा डनकनविले, टेक्सस में देवदार के जंगल के किनारे देवदार के लट्ठों से बनाए गए घर में रहा करते थे। हमारे घर में एक छोटा सा रसोई और खाने का स्थान था, दो श्यनकक्ष और एक बड़ा कमरा था जहाँ आग जलाने का बड़ा सा स्थान था जिसमें हम दो फुट लंबे देवदार के लट्ठे जलाया करते थे। वह आग जलाने का स्थान हमारे घर की गर्माहट का केंद्र था। हमारे परिवार में पाँच लोग थे, मेरे माता-पिता, मेरी बहिन, मेरी चचेरी बहिन और मैं। घर के बाहर बरामदा था जिसके बाहरी किनारे पर मोटे तिरपाल के परदे लगे थे जो खोलने पर नीचे ज़मीन तक आ जाते थे और बरामदे को सब तरफ से ढक कर कमरे जैसा बना देते थे। क्योंकि हमारे पास केवल दो ही श्यनकक्ष थे इसलिए सारे साल मैं बाहर बरामदे में तिरपाल के परदे गिरा कर सोया करता था। गर्मियाँ तो बरामदे में अच्छे से निकल जाती थीं, लेकिन शरद ऋतु में बहुत ठंडा हो जाता था।

   मुझे याद है कि सोने का समय होने पर मैं गरम कमरे से भाग कर बरामदे में जाता, नंगे पाँव पाले से ढके बरामदे पर चलता हुआ पलंग तक जाता और कूदकर कंबलों के अंबार के नीचे घुस जाता। फिर यदि बारिश, तूफान या बर्फ हमारे घर पर थपेड़े मारती, या तेज़ हवाएं लकड़ी के बीच से सीटी बजाती हुई निकलतीं, मैं बस उन कंबलों के अन्दर दुबक कर सोया रहता। मुझे नहीं लगता कि कोई भी बच्चा वैसा गर्म और सुरक्षित अनुभव करता होगा जैसा मैं वहाँ करता था।

   लेकिन अब मैं उस सबसे उत्तम सुरक्षा को जानता हूँ: परमेश्वर की सुरक्षा। अब मैं जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में मैं "शान्ति से लेटकर सो जाऊँगा" (भजन 4:8) क्योंकि मैं जानता हूँ कि जीवन के हर तूफान में परमेश्वर मेरा शरणस्थान है। उसके प्रेम और सुरक्षा में लिपट कर मैं हर समय, हर बात में, हर आशंका से ऐसा सुरक्षित रहता हूँ जैसा और कहीं नहीं, और कभी नहीं रहा या रह सकता। - डेविड रोपर


जो परमेश्वर के हाथों में हैं, उनसे अधिक सुरक्षित कभी कोई और नहीं हो सकता।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। - भजन 18:2 

बाइबल पाठ: भजन 91:9-16
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, 
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा।
Psalms 91:11 क्योंकि वह अपने दूतों को तेरे निमित्त आज्ञा देगा, कि जहां कहीं तू जाए वे तेरी रक्षा करें। 
Psalms 91:12 वे तुझ को हाथों हाथ उठा लेंगे, ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 
Psalms 91:13 तू सिंह और नाग को कुचलेगा, तू जवान सिंह और अजगर को लताड़ेगा। 
Psalms 91:14 उसने जो मुझ से स्नेह किया है, इसलिये मैं उसको छुड़ाऊंगा; मैं उसको ऊंचे स्थान पर रखूंगा, क्योंकि उसने मेरे नाम को जान लिया है। 
Psalms 91:15 जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा। 
Psalms 91:16 मैं उसको दीर्घायु से तृप्त करूंगा, और अपने किए हुए उद्धार का दर्शन दिखाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 9-11
  • प्रकाशितवाक्य 3


रविवार, 11 दिसंबर 2016

राज्य


   मैं अपनी सहेली के साथ एक प्राकृतिक विहार घूमने के लिए गई। आयोजकों ने वहाँ पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं को लोगों को देखने और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रखा हुआ था। मेरी सहेली के छोटे बच्चे ने वहाँ काँच के डब्बे में बन्द करके रखे गए मोटे से साँप को देखकर उस काँच के डिब्बे को हाथ से थपथपाया, और वह साँप जो मेरी बाँह के बराबर मोटा था, धीरे से सरकता हुआ दूसरी ओर खिसक गया। यद्यपि मैं भली-भांति जानती था कि वह साँप उस डिब्बे के बाहर नहीं आ सकता है, तो भी उस खतरनाक जन्तु को एक छोटे बच्चे के इतना समीप देखकर मैं सिहर उठी, मेरे रोंगटे खड़े हो गए।

   परमेश्वर का वचन बाइबल, एक ऐसे समय के बारे में बताती है जब खतरनाक और घातक जानवर भी एक दूसरे के लिए और हम मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं रहेंगे: "तब भेडिय़ा भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा रहेगा, और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल तीनों इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा। गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी, और उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे; और सिंह बैल की नाईं भूसा खाया करेगा। दूधपिउवा बच्चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा" (यशायाह 11:6-8)। संसार मे रहने वाले सभी प्राणी पूर्ण शांति और सामंजस्य का अनुभव करेंगे।

   प्रभु सब के साथ रहने के लिए सुरक्षित वातावरण स्थापित, कर के देगा जब वह अपनी बुद्धिमता, सामर्थ और ज्ञान से संसार को बहाल कर देगा। उस समय वह धार्मिकता तथा खराई से संसार का न्याय करेगा (यशायाह 11:4), और सभी उसकी महानता का अंगीकार करेंगे: "...पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है" (यशायाह 11:9)।

   हम पाप और बुराई के कारण टूटे और बिगड़े हुए संसार में रहते हैं। अन्याय, मनमुटाव, भय, पीड़ा आदि हमारे व्यावाहरिक दैनिक जीवन के वास्तविक अंग हैं। लेकिन एक दिन परमेश्वर सब कुछ बदल देगा, और "परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धर्म का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकल कर पाले हुए बछड़ों की नाईं कूदोगे और फांदोगे" (मलाकी 4:2)। वह प्रभु यीशु के धार्मिकता के अनन्त राज्य का समय होगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


अन्तिम न्याय को उस न्यायी परमेश्वर के हाथों में छोड़ दें।

फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा। और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं। - प्रकाशितवाक्य 21:3-4

बाइबल पाठ: यशायाह 11:1-9
Isaiah 11:1 तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकल कर फलवन्त होगी। 
Isaiah 11:2 और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। 
Isaiah 11:3 ओर उसको यहोवा का भय सुगन्ध सा भाएगा।। वह मुंह देखा न्याय न करेगा और न अपने कानों के सुनने के अनुसार निर्णय करेगा; 
Isaiah 11:4 परन्तु वह कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपने फूंक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। 
Isaiah 11:5 उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्चाई होगी।
Isaiah 11:6 तब भेडिय़ा भेड़ के बच्चे के संग रहा करेगा, और चीता बकरी के बच्चे के साथ बैठा रहेगा, और बछड़ा और जवान सिंह और पाला पोसा हुआ बैल तीनों इकट्ठे रहेंगे, और एक छोटा लड़का उनकी अगुवाई करेगा। 
Isaiah 11:7 गाय और रीछनी मिलकर चरेंगी, और उनके बच्चे इकट्ठे बैठेंगे; और सिंह बैल की नाईं भूसा खाया करेगा। 
Isaiah 11:8 दूधपिउवा बच्चा करैत के बिल पर खेलेगा, और दूध छुड़ाया हुआ लड़का नाग के बिल में हाथ डालेगा। 
Isaiah 11:9 मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 2