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रविवार, 28 फ़रवरी 2021

प्रेम और दया

 

          स्थानीय समाचार पत्र में छपा लेख छोटा, किन्तु हृदय-स्पर्शी था। बंदी-गृह में कैदियों के लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में, जिसमें मसीही विश्वास पर आधारित होकर अच्छे और दृढ़ पारिवारिक संबंध बनाने के बारे में बताया गया, उस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कैदियों के लिए एक विशेष प्रयोजन किया गया – उन्हें काँच की दीवारों के पीछे से नहीं वरन खुले में अपने परिवारों से मिलने का समय दिया गया। उन में से कुछ ऐसे थे जिन्होंने अपने बच्चों को वर्षों से नहीं देखा था। परिवारों के लोगों को एक दूसरे से गले मिलने, एक-दूसरे को छूने, उनके हाथ थामने का यह एक अभूतपूर्व अवसर था। ऐसा करने में वे लोग बे-झिझक होकर, खुलकर रो रहे थे; वहाँ से बहुत से परिवार के लोग परस्पर एक-दूसरे के निकट आने लगे और मनों के घाव भरने आरंभ हुए।

          समाचार-पत्र के अधिकांश पाठकों के लिए यह घटना एक कहानी-मात्र थी; परन्तु इन परिवारों के लिए, एक-दूसरे को छूना और मिलना, जीवन परिवर्तन करने वाली घटना थी – और कुछ लोगों के लिए क्षमा और मेल-मिलाप की प्रक्रिया के आरंभ होने का समय था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के द्वारा हमें पापों से क्षमा प्रदान करने और उसके साथ मेल-मिलाप कर लेने के लिए जो मार्ग परमेश्वर ने बना कर दिया है, वह मसीही विश्वास का एक तथ्य मात्र ही नहीं है। समाचार पत्र के उस लेख में मेल-मिलाप होने का समाचार हमें स्मरण करवाता है कि प्रभु यीशु का बलिदान एक अति महान समाचार है, न केवल मेरे और आप के लिए, वरन समस्त संसार के लिए भी।

           जब हम अपने आप को, स्वयं द्वारा किए गए किसी गलत कार्य के दोष के एहसास से अभिभूत अनुभव करते हैं, प्रभु यीशु के हमारे लिए दिए गए बलिदान की बात, वह दृढ़ चट्टान होती है जिस पर आकर हम अपने आप को स्थिर कर सकते हैं। यही वह समय होता है जब परमेश्वर की कभी अन्त न होने वाली दया का तथ्य हमारे लिए व्यक्तिगत हो जाता है। क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारे पापों की कीमत कलवरी के क्रूस पर पूर्णतः चुका दी है, इसलिए अब प्रभु में होकर हम पिता के सामने धुले हुए, शुद्ध, और “हिम से भी श्वेत” (भजन 51:7) होकर आ सकते हैं। ऐसे समयों में भी, जब हम जानते हैं कि हम परमेश्वर की दया के योग्य नहीं हैं, हम इस एक बात को फिर भी बिना किसी संदेह के थामे रह सकते हैं – प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे प्रति परमेश्वर का कभी न टलने वाला प्रेम और उसकी सदैव उपलब्ध रहने वाली दया। - लेसली कोह

 

प्रभु यीशु में पापों की क्षमा केवल महान समाचार ही नहीं है; 

यह अद्भुत, जीवन बदलने वाला सुसमाचार है।


परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? - रोमियों 5:8-9

बाइबल पाठ: भजन 51:1-7

भजन 51:1 हे परमेश्वर, अपनी करुणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।

भजन 51:2 मुझे भली भांति धोकर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ाकर मुझे शुद्ध कर!

भजन 51:3 मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।

भजन 51:4 मैं ने केवल तेरे ही विरुद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।

भजन 51:5 देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।

भजन 51:6 देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।

भजन 51:7 जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13

शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

बच्चे

 

          जब मिशेल ने दस वर्षीय वायोला को हाथ में माइक्रोफोन के लिए पेड़ की डंडी लेकर एक मसीही प्रचारक का नाटक करते हुए देखा, तो उसने सुसमाचार प्रचार के भ्रमण में वायोला को वास्तव में प्रचार करने का अवसर प्रदान किया, और वायोला ने उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। दक्षिणी सुडान में कार्य कर रही मिशनरी, मिशेल ने आगे लिखा, “वायोला के प्रचार को सुनकर एकत्रित भीड़ मन्त्र-मुग्ध सी हो गई; ... एक छोटी लड़की जो समाज द्वारा अकेली छोड़ दी गई थी, आज उनके सामने राजाओं के राजा की पुत्री बनकर एक अधिकार के साथ खड़ी थी, और परमेश्वर के राज्य की वास्तविकता को बड़ी सामर्थ्य के साथ उनके साथ बाँट रही थी। उसके प्रचार के बाद एकत्रित भीड़ में से आधे लोग आगे आए और प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया।” (मिशेल पेरी, Love has a Face)।

          उस दिन वहाँ एकत्रित भीड़ को यह उम्मीद नहीं थी कि एक बच्ची उन्हें प्रचार करेगी। यह घटना हमारे ध्यान में परमेश्वर के वचन बाइबल में से एक वाक्य को स्मरण करवाती है, “बच्चों और दूध पिउवों के मुख से” जो कि दाऊद द्वारा लिखे गए भजन 8 से आया है, जहाँ दाऊद ने लिखा,तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे” (पद 2)। बाद में प्रभु यीशु मसीह ने इसी पद को मत्ती 21:16 में भी प्रयोग किया, जब महायाजकों और शास्त्रियों ने यरूशलेम के मंदिर में यीशु की प्रशंसा में पुकारने वाले बच्चों की आलोचना की, जो कि उन धर्म के अगुवों के लिए सरदर्दी का कारण हो रहा था। पवित्र शास्त्र के इस भाग को कहने के द्वारा प्रभु यीशु ने दिखाया कि मंदिर में उन बच्चों की उस स्तुति को परमेश्वर बहुत गंभीरता से ले रहा था। वे बच्चे वह कर रहे थे, जो वे धर्म के अगुवे करने के लिए तैयार नहीं थे – लम्बे समय से जिस मसीहा की प्रतीक्षा की जा रही थी, उसे स्वीकार करना और उसे महिमा देना।

          जैसा कि वायोला ने और मंदिर में उन बच्चों ने दिखाया, परमेश्वर एक बच्चे के द्वारा भी अपनी महिमा करवा सकता है; जिनके हृदय इसके लिए तैयार होते हैं, उनमें से फिर स्तुति के झरने बहने लग जाते हैं। - लिंडा वॉशिंगटन

 

प्रभु, आपकी स्तुति के लिए मुझ में बच्चे के समान तैयार मन उत्पन्न करें।


मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। - मत्ती 18:3

बाइबल पाठ: मत्ती 21:12-16

मत्ती 21:12 यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जा कर, उन सब को, जो मन्दिर में लेन देन कर रहे थे, निकाल दिया; और सर्राफों के पीढ़े और कबूतरों के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं।

मत्ती 21:13 और उन से कहा, लिखा है, कि मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो।

मत्ती 21:14 और अन्धे और लंगड़े, मन्दिर में उसके पास लाए, और उसने उन्हें चंगा किया।

मत्ती 21:15 परन्तु जब महायाजकों और शास्त्रियों ने इन अद्भुत कामों को, जो उसने किए, और लड़कों को मन्दिर में दाऊद की सन्तान को होशाना पुकारते हुए देखा, तो क्रोधित हो कर उस से कहने लगे, क्या तू सुनता है कि ये क्या कहते हैं?

मत्ती 21:16 यीशु ने उन से कहा, हां; क्या तुम ने यह कभी नहीं पढ़ा, कि बालकों और दूध पीते बच्चों के मुंह से तू ने स्तुति सिद्ध कराई?

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 17-19
  • मरकुस 6:30-56

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

वचन

 

          हाल ही में हमारे न्यू यॉर्क के एक दौरे में, मैं और मेरी पत्नी ने एक बर्फीली संध्या के समय हमारे होटल से तीन मील दूर स्थित एक क्यूबन रेस्टोरेंट जाना चाहा। मैंने वहाँ जाने के लिए टैक्सी को लेना चाहा, और टैक्सी किराए पर लेने की एप्प पर पूछा गया सारा विवरण भरा, और फिर बुकिंग को करने के लिए दिखाए जा रहे किराए को देखकर मैं भौंचक्का रह गया; हमारे उस थोड़ी सी दूरी की यात्रा का बिल वहाँ $1,546.26 दिखाया जा रहा था। इस झटके से उभरने के बाद जब मैंने गौर से अपने द्वारा भरे गए विवरण को फिर से देखा, तो मुझे गलती पता चली – मैंने गंतव्य स्थान में उस क्यूबन रेस्टोरेंट की बजाए, सैकड़ों मील दूर स्थित हमारे घर का पता भर दिया था।

          यदि आप गलत जानकारी के साथ कार्य कर रहे हैं, तो निश्चय ही आपको गलत परिणाम ही मिलेंगे – हमेशा ही! इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन की पुस्तक में लिखा है कि,अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना” (नीतिवचन 23:12)। परन्तु ऐसा करने के स्थान पर यदि हम ऐसों से परामर्श लेते हैं जो मूर्ख हैं, या जो बहुत ज्ञानवान होने का ढोंग तो करते हैं परन्तु हैं नहीं, या जो परमेश्वर के विमुख चलते हैं, तो हम निश्चय ही परेशानियों में पड़ेंगे। क्योंकि ऐसा सलाहकार “बुद्धि के वचनों को तुच्छ जानेगा” (पद 9) और हमें गलत परामर्श के द्वारा परेशानियों और अनुचित मार्गों में डाल सकते हैं।

          इसके विपरीत हमें,अपना हृदय शिक्षा की ओर” (पद 12) लगाना चाहिए। यदि हम अपने हृदय को परमेश्वर के वचन के लिए खोलें तो हम उस से स्वतंत्र करने वाले शिक्षा-निर्देश, और आशा तथा बुद्धिमत्ता के वचन प्राप्त कर सकते हैं। जब हम उन लोगों की सुनते हैं जो परमेश्वर के मार्गों को वास्तव में गहराई से जानते हैं, तो वे ईश्वरीय बुद्धिमत्ता को प्राप्त करने और उसका पालन करने में हमारी सहायता करते हैं। और, ईश्वरीय बुद्धिमत्ता के वचन कभी भी हमें गलत मार्गों में भटकाएँगे  नहीं, वरन हमें जीवन की परिपूर्णता और भरपूरी की ओर ले जाएँगे। - विन्न कोलिय्यर

 

मूर्ख की बुद्धि सदा ही समस्याएं उत्पन्न करती है, 

परन्तु परमेश्वर की बुद्धिमत्ता सदा ही नई ऊंचाइयों को ले जाती है।


क्योंकि परमेश्वर की मूर्खता मनुष्यों के ज्ञान से ज्ञानवान है; और परमेश्वर की निर्बलता मनुष्यों के बल से बहुत बलवान है। - 1 कुरिन्थियों 1:25

बाइबल पाठ: नीतिवचन 23:9-12

नीतिवचन 23:9 मूर्ख के सामने न बोलना, नहीं तो वह तेरे बुद्धि के वचनों को तुच्छ जानेगा।

नीतिवचन 23:10 पुराने सिवानों को न बढ़ाना, और न अनाथों के खेत में घुसना;

नीतिवचन 23:11 क्योंकि उनका छुड़ाने वाला सामर्थी है; उनका मुकद्दमा तेरे संग वही लड़ेगा।

नीतिवचन 23:12 अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 15-16
  • मरकुस 6:1-29

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

भोजन


          मेरे घर के निकट स्थित एक कॉफ़ीहाउस का नाम ‘फिका है। फिका एक स्वीडिश शब्द है जिसका अर्थ होता है कुछ अवसर निकालकर परिवार, या मित्रों, या सह-कर्मियों के साथ कॉफ़ी और पेस्ट्री लेना। मैं स्वीडन से नहीं हूँ, किन्तु फिका का अर्थ उस भाव का वर्णन करता है जो मुझे प्रभु यीशु के बारे में बहुत पसंद है – उनका व्यस्तता में से अवसर निकाल कर औरों के साथ भोजन करने में समय बिताना।

          विद्वानों का मानना है कि प्रभु यीशु के भोजन समय अनियमित नहीं होते थे, वरन इस्राएली पर्वों और समारोहों में, भोजन की मेज़ पर प्रभु यीशु अपने साथियों के साथ आनन्द और उत्सव मनाते थे, भोजन के दौरान उन्हें आत्मिक बातें सिखाते थे। उनके द्वारा 5,000 की भीड़ को भोजन कराने से लेकर, उनके पुनरुत्थान के बाद अपने दो शिष्यों के साथ भोजन करने (लूका 24:30), सभी के द्वारा प्रभु यीशु हमें आमंत्रित करता है कि हम भी अपने जीवन के संघर्षों से विश्राम लेकर, उसके साथ समय बिताएँ, उन से सीखें, उनकी निकटता में बढ़ें। जब तक वे दोनों शिष्य प्रभु के साथ भोजन करने नहीं बैठे, वे प्रभु को पहचानने भी नहीं पाए,जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी ले कर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा। तब उन की आंखे खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान लिया” (पद 30, 31)।

          अभी हाल ही में अपने एक मित्र के साथ फिका में बैठकर कॉफ़ी और पेस्ट्री का आनन्द लेते हुए, हमारी बातचीत  प्रभु यीशु की ओर मुड़ गई। वही तो जीवन की रोटी है; हम अधिक से अधिक समय उसके साथ उसकी मेज़ पर बिताएँ और उसके साथ आत्मिक भोजन करें। - पेट्रीशिया रेबौन

 

निरंतर जीवन की रोटी का भोजन करने के लिए समय निकालते रहें।


यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। - यूहन्ना 6:35

बाइबल पाठ: लूका 24:28-35

लूका 24:28 इतने में वे उस गांव के पास पहुंचे, जहां वे जा रहे थे, और उसके ढंग से ऐसा जान पड़ा, कि वह आगे बढ़ना चाहता है।

लूका 24:29 परन्तु उन्होंने यह कहकर उसे रोका, कि हमारे साथ रह; क्योंकि संध्या हो चली है और दिन अब बहुत ढल गया है। तब वह उन के साथ रहने के लिये भीतर गया।

लूका 24:30 जब वह उन के साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी ले कर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उन को देने लगा।

लूका 24:31 तब उन की आँखें खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान लिया, और वह उन की आंखों से छिप गया।

लूका 24:32 उन्होंने आपस में कहा; जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्र शास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?

लूका 24:33 वे उसी घड़ी उठ कर यरूशलेम को लौट गए, और उन ग्यारहों और उन के साथियों को इकट्ठे पाया।

लूका 24:34 वे कहते थे, प्रभु सचमुच जी उठा है, और शमौन को दिखाई दिया है।

लूका 24:35 तब उन्होंने मार्ग की बातें उन्हें बता दीं और यह भी कि उन्होंने उसे रोटी तोड़ते समय क्योंकर पहचाना।

 

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 12-14
  • मरकुस 5:21-43

बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

सृष्टिकर्ता

 

          मेरा जीवन अकसर जल्दबाजी और अशांति से भरा हुआ होता है। मैं एक ज़िम्मेदारी से दूसरी की ओर भागती हुई, अपने मार्ग में फोन करती हूँ, और जो कार्य हो गए हैं उन्हें अपने कार्यों की सूची में से हटाती रहती हूँ, किन्तु सूची का अन्त कभी आता नहीं दिखता है। एक इतवार के दिन, बहुत थकी हुई मैं अपने घर के पीछे, आँगन में लटके हुए खटोले में निढाल होकर लेट गई। मेरा फोन घर के अन्दर था, और मेरे बच्चे तथा मेरे पति भी घर के अन्दर ही थे; मैं वहाँ अकेली थी, मेरा ध्यान बँटाने के लिए कुछ नहीं था। पहले तो मेरा इरादा बस कुछ ही पल लेटकर आराम करने का था, परन्तु उस शान्त वातावरण में, जब ध्यान बंटाने के लिए और कुछ भी नहीं था, तब मैंने अपने आस-पास की कुछ बातों पर ध्यान देना आरंभ किया, जिन्होंने मुझे और कुछ समय वहाँ रुक कर आराम करने के लिए प्रेरित किया। मेरे खटोले के धीरे-धीरे हिलने की आवाज़, पास के फूलों में मधुमक्खियों का भिनभिनाना, ऊपर उड़ती हुई चिड़ियों के पंखों का फड़फड़ाना, आकाश का चटकीला नीला रंग, और हवा में तैरते हुए बादलों के आकार – सभी बहुत मनमोहक लग रहे थे।

          सृष्टिकर्ता परमेश्वर की सृष्टि पर ध्यान करने से मैं सृष्टिकर्ता की रचनात्मकता से भाव-विभोर हो गई, मेरी आँखें नम हो गईं। जब मैंने अपने जीवन की गति को कम किया और अपने आस-पास की बातों को देखना तथा सुनना आरंभ किया, तब मैं सृष्टिकर्ता की अद्भुत सृष्टि के लिए उसके प्रति कृतज्ञ होकर उसकी आराधना के लिए प्रेरित हुई। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 104 के भजनकार ने भी परमेश्वर की सृष्टि को देखकर कुछ ऐसे ही भाव व्यक्त करते हुए कहा,तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है” (पद 13)।

          भाग-दौड़ से भरे जीवन के मध्य शान्त हो जाने के कुछ पल हमें हमारे सृष्टिकर्ता की अद्भुत सृष्टि और उसकी सामर्थ्य का ध्यान करवा सकते हैं! उसने हमें अपनी सामर्थ्य और कोमलता के प्रमाणों से घेरा हुआ है; उसने ही ऊँचे पर्वत और पक्षियों के लिए डालियाँ बनाई हैं; भजनकार के साथ हम भी अपने सृष्टिकर्ता के लिए कह सकते हैं: “हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है” (पद 24)। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर की रचनात्मक सामर्थ्य हमारे चारों विद्यमान है।


क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ्य, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। - रोमियों 1:20

बाइबल पाठ: भजन 104:10-24

भजन संहिता 104:10 तू नालों में सोतों को बहाता है; वे पहाड़ों के बीच से बहते हैं,

भजन संहिता 104:11 उन से मैदान के सब जीव- जन्तु जल पीते हैं; जंगली गदहे भी अपनी प्यास बुझा लेते हैं।

भजन संहिता 104:12 उनके पास आकाश के पक्षी बसेरा करते, और डालियों के बीच में से बोलते हैं।

भजन संहिता 104:13 तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है।

भजन संहिता 104:14 तू पशुओं के लिये घास, और मनुष्यों के काम के लिये अन्न आदि उपजाता है, और इस रीति भूमि से वह भोजन-वस्तुएं उत्पन्न करता है,

भजन संहिता 104:15 और दाखमधु जिस से मनुष्य का मन आनन्दित होता है, और तेल जिस से उसका मुख चमकता है, और अन्न जिस से वह सम्भल जाता है।

भजन संहिता 104:16 यहोवा के वृक्ष तृप्त रहते हैं, अर्थात लबानोन के देवदार जो उसी के लगाए हुए हैं।

भजन संहिता 104:17 उन में चिड़ियां अपने घोंसले बनाती हैं; लगलग का बसेरा सनौवर के वृक्षों में होता है।

भजन संहिता 104:18 ऊंचे पहाड़ जंगली बकरों के लिये हैं; और चट्टानें शापानों के शरणस्थान हैं।

भजन संहिता 104:19 उसने नियत समयों के लिये चन्द्रमा को बनाया है; सूर्य अपने अस्त होने का समय जानता है।

भजन संहिता 104:20 तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं।

भजन संहिता 104:21 जवान सिंह अहेर के लिये गरजते हैं, और ईश्वर से अपना आहार मांगते हैं।

भजन संहिता 104:22 सूर्य उदय होते ही वे चले जाते हैं और अपनी मान्दों में जा बैठते हैं।

भजन संहिता 104:23 तब मनुष्य अपने काम के लिये और संध्या तक परिश्रम करने के लिये निकलता है।

भजन संहिता 104:24 हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुद्धि से बनाया है; पृथ्वी तेरी सम्पत्ति से परिपूर्ण है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 9-11
  • मरकुस 5:1-20

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

कल्पना


          सुप्रसिद्ध अंग्रजी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे से कहा गया कि वे केवल छः शब्दों में एक सम्मोहक कहानी लिखें। प्रत्युत्तर में उन्होंने लिखा: “For Sale: Baby Shoes. Never worn. (बिक्री के लिए: बच्चे के जूते; कभी पहने नहीं गए।)” हेमिंग्वे की यह कहानी सशक्त है क्योंकि यह पाठक को अपनी कल्पना के अनुसार विवरण भरने के लिए प्रेरित करती है। क्या किसी स्वस्थ बच्चे को उन जूतियों की वास्तव में कभी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी? या, कहीं कोई दुखद त्रासदी घटित हुई – कुछ ऐसा जिसमें परमेश्वर के गहरे प्रेम और सांत्वना की आवश्यकता रही हो?

          अच्छी कहानियाँ हमारी कल्पना को कचोटती हैं, हमारे दिलों को छूकर हमें विचार करने पर बाध्य करती हैं। इसीलिए इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि संसार की सबसे सर्वोत्तम सत्य-कथा, भी हमारी रचनात्मकता को उत्तेजित करती है। परमेश्वर द्वारा दी गई इस सत्य-कथा की केन्द्रीय कथा-वस्तु परमेश्वर द्वारा हर वस्तु की सृष्टि किया जाना है। हम मनुष्य पाप में गिर गए; हमें पापों के दुष्परिणामों से बचाने के लिए प्रभु परमेश्वर मसीह यीशु मनुष्य रूप में पृथ्वी पर आए, निष्पाप जीवन जिया, समस्त मानवजाति के पापों को अपने ऊपर लेकर उनका दण्ड कलवरी के क्रूस पर अपने जीवन को बलिदान करने के द्वारा चुकाया; वे मारे गए, गाड़े गए, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठे; और अब हम उनके वापस लौटने तथा सभी बातों को बहाल करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

          यह जानते हुए कि पहले क्या हो चुका है, और आगे क्या होने वाला है, हमें वर्तमान में कैसा जीवन बिताना चाहिए? यदि प्रभु यीशु अपनी संपूर्ण सृष्टि को शैतान के चंगुल से छुड़ाने वाले हैं, तो हम भी “रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें” (रोमियों 13:12)। इसमें, परमेश्वर की सामर्थ्य के द्वारा, पाप से मुँह मोड़ लेना और परमेश्वर तथा औरों से उसके समान प्रेम रखना सम्मिलित है (पद 8-10)।

          हम प्रभु यीशु के साथ मिलाकर बुराई से किस प्रकार से लड़ सकते हैं, यह हमें दिए गए वरदानों तथा हमारे द्वारा अपने चारों ओर देखी जा सकने वाली आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हम परमेश्वर के मार्गदर्शन के अंतर्गत आहत तथा दुखी लोगों को सहायता प्रदान कर सकते हैं; परमेश्वर के न्याय, प्रेम और शान्ति को औरों तक पहुँचा सकते हैं; उद्धार के सुसमाचार को लोगों तक पहुंचाने में सहायक हो सकते हैं। हम अपने चारों ओर लोगों की आवश्यकताओं पर विचार करें और उन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपनी कल्पना को प्रयोग करें। - माइक व्हिटमर

 

परमेश्वर की कहानी में अपनी भूमिका को उसके मार्गदर्शन में पूरा करें।


जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। - यूहन्ना 9:4

बाइबल पाठ: रोमियों 13:8-14

रोमियों 13:8 आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।

रोमियों 13:9 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

रोमियों 13:10 प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है।

रोमियों 13:11 और समय को पहचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है।

रोमियों 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें।

रोमियों 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।

रोमियों 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाषाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 7-8
  • मरकुस 4:21-41 

सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

डर

 

          एक इतवार के दिन मैंने देखा कि एक दो वर्षीय बच्ची, चर्च की सीढ़ियाँ अपने आप ही उतरने का प्रयास कर रही थी। वह देखने में बहुत आकर्षक, और स्वभाव से साहसी तथा आत्मनिर्भर प्रतीत हो रही थी। स्वयं ही वह एक मंजिल की सीढ़ियाँ उतर पाना उसका उद्देश्य था, और उसने इसे पूरा भी किया। इस छोटी बच्ची के साहस को देखकर मैं मुस्कराया और उस की निडरता पर विचार करने लगा। उस बच्ची को इसलिए डर नहीं लग रहा था क्योंकि वह जानती थी कि उसकी ओर अपने हाथ बढ़ाए हुए, उसकी माँ उसके साथ-साथ चल रही थी, और माँ की दृष्टि उसपर लगातार बनी हुई थी। यह प्रभु परमेश्वर की हमारे प्रति देखभाल और सदा हमारी सहायता करने के लिए तत्पर रहने का एक उपयुक्त उदाहरण है, जब हमें जीवन की विभिन्न परिस्थितियों और कठिनाइयों से होकर निकलना पड़ता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में से आज के पाठ में परमेश्वर द्वारा हाथ बढ़ाकर सहायता करने के दो हवाले हैं। अपने प्राचीन लोगों को भयभीत या हतोत्साहित न होने के लिए सचेत करने के पश्चात, यहोवा ने उन्हें आश्वासन दिया,मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा” (यशायाह 41:10)। यह सामान्य बात है कि माता-पिता या अभिभावकों की आश्वस्त करने वाली उपस्थिति के द्वारा अनेकों चिंतित और भयभीत बच्चे शांत और स्थिर किए जाते हैं। इसी प्रकार से यहाँ पर भी पिता के समान परमेश्वर की शान्ति और ढाढ़स देने वाली उपस्थिति और सामर्थ्य हमारे सामने आती है। ‘हाथ के दूसरे हवाले में, एक बार फिर यहोवा ने अपने लोगों की सुरक्षा के लिए पहल की; “क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दाहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा” (यशायाह 41:13)।

          जबकि जीवन की परिस्थितियाँ समय के साथ बदलती रहती हैं, परमेश्वर कभी भी नहीं बदलता है। हमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारा प्रभु परमेश्वर हमारे साथ सदा बनी रहने वाली अपनी उपस्थिति और लगातार हम पर दृष्टि लगाए रहने के आश्वासन के द्वारा हमें ढाढ़स देता है; उसकी सहायता और सुरक्षा सदा हमारे साथ बनी रहती हैं; हम से परमेश्वर का वायदा है, “मत डर, मैं तेरी सहायता करूँगा” (पद , 13)। – आर्थर जैक्सन

 

जब परमेश्वर मेरा हाथ थामे हुए है; तो मैं सुरक्षित हूँ।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: यशायाह 41:8-13

यशायाह 41:8 हे मेरे दास इस्राएल, हे मेरे चुने हुए याकूब, हे मेरे प्रेमी इब्राहीम के वंश;

यशायाह 41:9 तू जिसे मैं ने पृथ्वी के दूर दूर देशों से लिया और पृथ्वी की छोर से बुला कर यह कहा, तू मेरा दास है, मैं ने तुझे चुना है और तजा नहीं;

यशायाह 41:10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा।

यशायाह 41:11 देख, जो तुझ से क्रोधित हैं, वे सब लज्जित होंगे; जो तुझ से झगड़ते हैं उनके मुंह काले होंगे और वे नाश हो कर मिट जाएंगे।

यशायाह 41:12 जो तुझ से लड़ते हैं उन्हें ढूंढने पर भी तू न पाएगा; जो तुझ से युद्ध करते हैं वे नाश हो कर मिट जाएंगे।

यशायाह 41:13 क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दाहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 4-6
  • मरकुस 4:1-20

रविवार, 21 फ़रवरी 2021

बलिदान

 

          मेरी एक आंटी की बहुत अच्छी नौकरी थी, जिसके लिए उन्हें अकसर एक से दूसरे शहर यात्रा करनी पड़ती थी। लेकिन अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी और उससे जुड़े उनके उन्नत भविष्य को छोड़ देने का निर्णय लिया। उनके दोनों भाइयों का उनकी युवावस्था में ही दुखद परिस्थितियों में देहांत हो गया था, और अब माता-पिता की देखभाल के लिए वह अकेली ही रह गई थी। उसके लिए, अपने माता-पिता की सेवा करना, उसके मसीही विश्वास को जी कर दिखाना था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित द्वारा रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी गई पत्री में, उसने उन से आग्रह किया कि वे परमेश्वर के लिए एक “जीवित और पवित्र और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान” बनें (रोमियों 12:1)। वह चाहता था कि वे मसीह के समान बलिदान देने वाले प्रेम को एक-दूसरे के प्रति दिखाएं। उसने उन से यह भी कहा कि वे अपने आप को जैसा समझना चाहिए उससे बढ़कर न समझें (पद 3)। पौलुस ने उन्हें समझाया कि यदि उनमें मतभेद और विभाजन होने लगें, तो वे अपने अहम् को छोड़कर एक-दूसरे से व्यवहार करें क्योंकि “हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं” (पद 5)। पौलुस की बहुत लालसा थी कि वे बलिदान देने वाला प्रेम दिखाएँ।

          हमारे पास प्रतिदिन यह अवसर होता है कि हम औरों की सेवा करें। उदाहरण के लिए, हम किसी और को कतार में, अपने से आगे जाने दें, या, जैसे मेरी उस आंटी ने किया, किसी की सेवा करने के लिए आगे बढ़ें। हम अपने अनुभवों के आधार पर किसी को परामर्श और मार्गदर्शन भी दे सकते हैं।

          जब हम बलिदान वाला प्रेम दिखाते हैं, तब हम परमेश्वर की आज्ञाकारिता और आदर करते हैं। - एमी बाउचर पाई

 

जब हम प्रभु परमेश्वर के नाम में औरों की सेवा करते हैं, तो परमेश्वर प्रसन्न होता है।


ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहचान में बढ़ते जाओ। - कुलुस्सियों 1:10

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8

रोमियों 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।

रोमियों 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।

रोमियों 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।

रोमियों 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।

रोमियों 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।

रोमियों 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यवाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यवाणी करे।

रोमियों 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।

रोमियों 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 1-3
  • मरकुस 3

बलिदान

 

          मेरी एक आंटी की बहुत अच्छी नौकरी थी, जिसके लिए उन्हें अकसर एक से दूसरे शहर यात्रा करनी पड़ती थी। लेकिन अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी और उससे जुड़े उनके उन्नत भविष्य को छोड़ देने का निर्णय लिया। उनके दोनों भाइयों का उनकी युवावस्था में ही दुखद परिस्थितियों में देहांत हो गया था, और अब माता-पिता की देखभाल के लिए वह अकेली ही रह गई थी। उसके लिए, अपने माता-पिता की सेवा करना, उसके मसीही विश्वास को जी कर दिखाना था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित द्वारा रोम के मसीही विश्वासियों को लिखी गई पत्री में, उसने उन से आग्रह किया कि वे परमेश्वर के लिए एक “जीवित और पवित्र और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान” बनें (रोमियों 12:1)। वह चाहता था कि वे मसीह के समान बलिदान देने वाले प्रेम को एक-दूसरे के प्रति दिखाएं। उसने उन से यह भी कहा कि वे अपने आप को जैसा समझना चाहिए उससे बढ़कर न समझें (पद 3)। पौलुस ने उन्हें समझाया कि यदि उनमें मतभेद और विभाजन होने लगें, तो वे अपने अहम् को छोड़कर एक-दूसरे से व्यवहार करें क्योंकि “हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं” (पद 5)। पौलुस की बहुत लालसा थी कि वे बलिदान देने वाला प्रेम दिखाएँ।

          हमारे पास प्रतिदिन यह अवसर होता है कि हम औरों की सेवा करें। उदाहरण के लिए, हम किसी और को कतार में, अपने से आगे जाने दें, या, जैसे मेरी उस आंटी ने किया, किसी की सेवा करने के लिए आगे बढ़ें। हम अपने अनुभवों के आधार पर किसी को परामर्श और मार्गदर्शन भी दे सकते हैं।

          जब हम बलिदान वाला प्रेम दिखाते हैं, तब हम परमेश्वर की आज्ञाकारिता और आदर करते हैं। - एमी बाउचर पाई

 

जब हम प्रभु परमेश्वर के नाम में औरों की सेवा करते हैं, तो परमेश्वर प्रसन्न होता है।


ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहचान में बढ़ते जाओ। - कुलुस्सियों 1:10

बाइबल पाठ: रोमियों 12:1-8

रोमियों 12:1 इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान कर के चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।

रोमियों 12:2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।

रोमियों 12:3 क्योंकि मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझ को मिला है, तुम में से हर एक से कहता हूं, कि जैसा समझना चाहिए, उस से बढ़कर कोई भी अपने आप को न समझे पर जैसा परमेश्वर ने हर एक को परिमाण के अनुसार बांट दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ अपने को समझे।

रोमियों 12:4 क्योंकि जैसे हमारी एक देह में बहुत से अंग हैं, और सब अंगों का एक ही सा काम नहीं।

रोमियों 12:5 वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह हो कर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।

रोमियों 12:6 और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यवाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यवाणी करे।

रोमियों 12:7 यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे।

रोमियों 12:8 जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे; दान देनेवाला उदारता से दे, जो अगुआई करे, वह उत्साह से करे, जो दया करे, वह हर्ष से करे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 1-3
  • मरकुस 3

शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

शब्द

 

          सभी चार वर्ष के बच्चों के समान रूबी को भी भागना, गाना, नाचना और खेलना अच्छा लगता था। लेकिन जब वह घुटनों में दर्द बताने लगी, तो उसके माता-पिता उसे जाँच करवाने के लिए ले गए। जाँच के परिणाम चौंका देने वाले थे – चौथे स्तर तक पहुँचा हुआ कैंसर; रूबी जोखिम में थी। उसे शीघ्र ही इलाज के लिए अस्पताल में भरती करवाया गया। इलाज के लिए उसके अस्पताल में रहने की अवधि लम्बी होती ही गई, और क्रिसमस के समय तक पहुँच गई, जो कि घर से दूर रहने के लिए एक कठिन समय होता है। रूबी के इलाज में लगी एक नर्स को एक विचार आया, और उसने रूबी के कमरे के सामने डाक रखने वाला एक डिब्बा लगा दिया, जिसमें परिवार जन रूबी के लिए पत्र लिख कर डाल सकते थे; पत्र जिनमें रूबी के लिए प्रार्थनाएँ और प्रोत्साहन के शब्द लिखे होते थे। फिर यह बात फेसबुक पर भी निवेदन में चली गई, और तब मित्रों तथा अन्य लोगों, यहाँ तक कि अजनबियों से भी रूबी के लिए इतनी डाक आने लगी कि सब, यहाँ तक कि स्वयं रूबी भी चकित रह गई। हर पत्र के साथ रूबी थोड़ी और प्रोत्साहित होती, और उसे कुल मिलाकर 100,000 से भी अधिक पत्र मिले; और अन्ततः वह घर जाने पाई।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्से के मसीही विश्वासियों को प्रेरित पौलुस ने भी एक पत्र लिखा – कागज़ पर लिखे गए कुछ शब्द – शब्द जो तब उन्हें, और आज हमें, मसीही जीवन में फलवन्त होने, मसीही ज्ञान, समझ, सामर्थ्य, सहनशीलता, और धैर्य में बढ़ते जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं (पद 10-11)। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उन मसीही विश्वासियों के लिए पौलुस द्वारा लिखे गए ये शब्द कितनी अच्छी औषधि थे। इतना भर भी जानना कि कोई उनके लिए निरंतर प्रार्थना करता है, उन्हें मसीह यीशु में लाए गए विश्वास में स्थिर बने रहने के लिए प्रोत्साहित करता रहा।

          प्रोत्साहन के शब्द आवश्यकता में पड़े लोगों के लिए बहुत सहायक हो सकते हैं। - जॉन ब्लेज़

 

प्रोत्साहित करें, प्रार्थना करें, मसीही विश्वासियों को उभारें और विश्वास में बढ़ने में सहायक बनें।


इसी लिये हम सदा तुम्हारे निमित्त प्रार्थना भी करते हैं, कि हमारा परमेश्वर तुम्हें इस बुलाहट के योग्य समझे, और भलाई की हर एक इच्छा, और विश्वास के हर एक काम को सामर्थ्य सहित पूरा करे। - 2 थिस्स्लुनीकियों 1:11

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों 1:9-12

कुलुस्सियों 1:9 इसी लिये जिस दिन से यह सुना है, हम भी तुम्हारे लिये यह प्रार्थना करने और बिनती करने से नहीं चूकते कि तुम सारे आत्मिक ज्ञान और समझ सहित परमेश्वर की इच्छा की पहचान में परिपूर्ण हो जाओ।

कुलुस्सियों 1:10 ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहचान में बढ़ते जाओ।

कुलुस्सियों 1:11 और उस की महिमा की शक्ति के अनुसार सब प्रकार की सामर्थ्य से बलवन्‍त होते जाओ, यहां तक कि आनन्द के साथ हर प्रकार से धीरज और सहनशीलता दिखा सको।

कुलुस्सियों 1:12 और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में संभागी हों।

 

एक साल में बाइबल: 

  • लैव्यव्यवस्था 26-27
  • मरकुस 2

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

सीखो और बढ़ो

 

          मेरे एक मित्र ने मुझे, अपने जीवन और अनुभवों के आधार पर, एक बहुत उपयोगी और बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह दी। अपने व्यावसायिक जीवन के आरंभिक वर्षों में, जब मेरा मित्र, आलोचना तथा प्रशंसा, दोनों ही से व्यवहार करना सीखने में संघर्ष कर रहा था, तो उसे लगा कि परमेश्वर उससे कह रहा ही कि वह दोनों ही को पीछे छोड़ते हुए आगे ही बढ़ता जाए। जो बात उसने सीखी, उसका सार यही था कि वह आलोचना और प्रशंसा से जो भी सीख सकता है, उसे सीख कर, दोनों ही को पीछे छोड़ दे, और परमेश्वर के अनुग्रह में दीन होकर आगे बढ़ता जाए।

          आलोचना और प्रशंसा, दोनों ही हमारे अन्दर प्रबल भावनाएँ जगाते हैं, और यदि इन दोनों ही प्रकार की भावनाओं को नियंत्रण में नहीं रखा गया, तो ये या तो हमें अत्यधिक आत्म-ग्लानि में अथवा अत्यधिक घमण्ड में ले जाएँगी। परमेश्वर के वचन बाइबल में, नीतिवचन की पुस्तक में हम औरों को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह देने के लाभ के बारे में पढ़ते हैं: “अच्छे समाचार से हड्डियां पुष्ट होती हैं ... जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है” (15:30, 32)।

          यदि हमें किसी से फटकार सुननी पड़ रही है, तो हम यह ठान लें कि हम उस से अपने अन्दर उचित सुधार लाएँगे। नीतिवचन में लिखा है,जो जीवनदायी डांट कान लगा कर सुनता है, वह बुद्धिमानों के संग ठिकाना पाता है” (पद 31)। और यदि हमें प्रशंसा के शब्दों से आशीषित किया जा रहा है, तो हम उन से तरोताजा होकर कृतज्ञ भी हो जाएँ। जब हम परमेश्वर के साथ नम्रता पूर्वक चलते हैं, तो वह हमें आलोचना और प्रशंसा, दोनों ही से सीखने वाला बना सकता है। और फिर परमेश्वर के मार्गदर्शन में हम उन्हें वहीं छोड़कर और आगे बढ़ते जा सकते हैं (पद 33)। - रूथ ओ-रियली-स्मिथ

 

आलोचना अथवा प्रशंसा पर रुक कर न बैठें, वरन उन्हें सीढ़ी बनाकर और आगे बढ़ जाएँ।


इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। - 1 पतरस 5:6

बाइबल पाठ: नीतिवचन 15:30-33

नीतिवचन 15:30 आंखों की चमक से मन को आनन्द होता है, और अच्छे समाचार से हड्डियां पुष्ट होती हैं।

नीतिवचन 15:31 जो जीवनदायी डांट कान लगा कर सुनता है, वह बुद्धिमानों के संग ठिकाना पाता है।

नीतिवचन 15:32 जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है।

नीतिवचन 15:33 यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • लैव्यव्यवस्था 25
  • मरकुस 1:23-45

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

बदलना

 

          जब मेरे मित्र डेविड की पत्नी को एलज़हाइमर रोग हुआ, जिससे रोगी की स्मरण शक्ति क्षीण होते-होते, जाती रहती है और शरीर भी दुर्बल होता चला जाता है, तो इससे जो बदलाव उस मित्र को अपने जीवन में करने पड़े, उनके कारण वह बहुत कटु हो गया। अपनी पत्नी की देखभाल करने के लिए उसे अपने काम से, समय से पहले ही, सेवा-निवृत्ति लेनी पड़ी। उसने मुझे बताया, “मैं परमेश्वर से बहुत क्रुद्ध हुआ; किन्तु मैंने इसके बारे में जितनी अधिक प्रार्थनाएँ कीं, परमेश्वर ने मुझे उतना अधिक दिखाया कि मेरे मन के वास्तविक दशा क्या है और कैसे मैं अपने विवाहित जीवन के अधिकांश समय में स्वार्थी रहा हूँ।” उसकी आँखें भर आईं जब उसने कहा, “उसे अस्वस्थ हुए अब दस वर्ष हो गए हैं, परन्तु परमेश्वर ने मेरी सहायता की है कि मैं एक भिन्न दृष्टिकोण से जीवन को देखूँ। अब मैं उसके लिए जो कुछ भी करता हूँ वह उसके तथा हमारे प्रभु यीशु के प्रति प्रेम के कारण करता हूँ। उसकी देखभाल करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य हो गया है।”

          कभी-कभी परमेश्वर हमारी प्रार्थनाओं का उत्तर हमें वह देने के स्थान पर, जो हम माँग रहे हैं, हमें बदलने के लिए चुनौती देने के द्वारा करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब नीनवे को क्षमा कर देने के कारण योना नबी परमेश्वर से क्रुद्ध हुआ, तो परमेश्वर ने उसे तेज़ धूप से बचाने के लिए एक पौधे को उगाया (योना 4:6); और फिर उसे सुखा भी दिया। जब योना इसके लिए कुड़कुड़ाया, तो परमेश्वर ने उससे पूछा, “क्या तेरा इस पौधे के लिए कुड़कुड़ाना सही है?” (पद 7-9)। योना ने, जो केवल अपने ही ऊपर ध्यान केन्द्रित किए हुआ था, खिसियाहट में होकर कहा, कि उसका दृष्टिकोण सही है। लेकिन परमेश्वर ने उसे दृष्टिकोण बदलने तथा औरों के बारे में भी ध्यान करने के लिए कहा।

          परमेश्वर, हमें सिखाने और बढ़ाने के लिए, हमारी प्रार्थनाओं को कभी-कभी अनपेक्षित तरीकों से काम में लाता है। जब वह ऐसा करे, तो यह ऐसा बदलाव है जिसे हमें खुले हृदय के साथ स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि वह अपने प्रेम में होकर हमें और बेहतर बनाना चाहता है, हमें बदलना चाहता है। - जेम्स बैंक्स

 

जब हम परमेश्वर के साथ समय बिताते हैं, वह हमें बढ़ाता और बदलता है।


वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, “परमेश्‍वर अभिमानियों का विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।” - याकूब 4:6

बाइबल पाठ: योना 4

योना 4:1 यह बात योना को बहुत ही बुरी लगी, और उसका क्रोध भड़का।

योना 4:2 और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलम्ब से कोप करने वाला करुणा-निधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता।

योना 4:3 सो अब हे यहोवा, मेरा प्राण ले ले; क्योंकि मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही भला है।

योना 4:4 यहोवा ने कहा, तेरा जो क्रोध भड़का है, क्या वह उचित है?

योना 4:5 इस पर योना उस नगर से निकल कर, उसकी पूरब ओर बैठ गया; और वहां एक छप्पर बना कर उसकी छाया में बैठा हुआ यह देखने लगा कि नगर को क्या होगा?

योना 4:6 तब यहोवा परमेश्वर ने एक रेंड़ का पेड़ लगा कर ऐसा बढ़ाया कि योना के सिर पर छाया हो, जिस से उसका दु:ख दूर हो। योना उस रेंड़ के पेड़ के कारण बहुत ही आनन्दित हुआ।

योना 4:7 बिहान को जब पौ फटने लगी, तब परमेश्वर ने एक कीड़े को भेजा, जिसने रेंड़ का पेड़ ऐसा काटा कि वह सूख गया।

योना 4:8 जब सूर्य उगा, तब परमेश्वर ने पुरवाई बहा कर लू चलाई, और घाम योना के सिर पर ऐसा लगा कि वह मूर्च्छा खाने लगा; और उसने यह कह कर मृत्यु मांगी, मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही अच्छा है।

योना 4:9 परमेश्वर ने योना से कहा, तेरा क्रोध, जो रेंड़ के पेड़ के कारण भड़का है, क्या वह उचित है? उसने कहा, हां, मेरा जो क्रोध भड़का है वह अच्छा ही है, वरन क्रोध के मारे मरना भी अच्छा होता।

योना 4:10 तब यहोवा ने कहा, जिस रेंड़ के पेड़ के लिये तू ने कुछ परिश्रम नहीं किया, न उसको बढ़ाया, जो एक ही रात में हुआ, और एक ही रात में नाश भी हुआ; उस पर तू ने तरस खाई है।

योना 4:11 फिर यह बड़ा नगर नीनवे, जिस में एक लाख बीस हजार से अधिक मनुष्य हैं, जो अपने दाहिने बाएं हाथों का भेद नहीं पहचानते, और बहुत घरेलू पशु भी उस में रहते हैं, तो क्या मैं उस पर तरस न खाऊं?

 

एक साल में बाइबल: 

  • लैव्यव्यवस्था 23-24
  • मरकुस 1:1-22