मेरा एक जानकार अपने मित्रों के साथ बालमोरल इलाके के पास शिकार करने के लिए गया था; बालमोरल का इलाका इंगलैंड की रानी की जागीर है। चलते-चलते उसके पैर में मोच आ गई और वह चलने से असमर्थ हो गया। उसने अपने मित्रों से कहा कि वे शिकार के लिए आगे चले जाएं और वह वहीं सड़क के किनारे उनके लौटने की प्रतीक्षा करेगा। उसे बैठे कुछ समय हुआ था कि एक कार वहाँ आई और उसे देखकर धीमी हुई फिर रुक गई। कार चलाने वाली महिला ने खिड़की का शीशा नीचे करके उससे पूछा कि वह ठीक तो है? उसने बताया कि उसे मोच आ गई है, वह चलने में असमर्थ है और अपने मित्रों के लौटने की प्रतीक्षा कर रहा है। महिला ने कहा, "कार में आ जाओ; मैं तुम्हें तुम्हारे ठहरने के स्थान पर छोड़ देती हूँ।" वह लंगड़ाता हुआ कार तक पहुँचा और दरवाज़ा खोलकर बैठने को ही था कि उसे एहसास हुआ कि उसकी सहायता करने वाली यह महिला स्वयं इंगलैंड की महारानी इलज़ाबेथ ही हैं!
इंगलैंड की महारानी से इस प्रकार अनायास ही सहायता प्राप्त करना चाहे जितना भी आश्चर्यचकित करने वाला हो, लेकिन हमारे पास सहायता का एक इस से भी बढ़कर आश्चर्यचकित कर देने वाला प्रस्ताव है। इस सृष्टि का रचियता परमेश्वर स्वयं हमारे संसार में आया और हमारे समान ही एक बहुत ही सामान्य सा जीवन जिया, उसने हमारे कष्टों और परेशानियों को तथा हमारी परिस्थितियों को स्वयं अनुभव करके जाना, और उसने अपने संसाधानों के साथ हमारी सहायता सेंत-मेंत करने का प्रस्ताव हमारे सामने रखा है।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने पूरे भरोसे के साथ लिखा है, "परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक" (भजन 46:1)। हमारा उद्धाकर्ता परमेश्वर हमारी सहायतार्थ सभी बातों को सह पाने के लिए हमें अपना अनुग्रह, हमें दृढ़ और सामर्थी बनाए रखने तथा मार्गदर्शन के लिए अपना जीवता वचन, हमारे प्रोत्साहन तथा हमारे लिए प्रार्थना करने के लिए मित्र देता है साथ ही यह अटल और अडिग आश्वासन भी देता है कि वह सब बातों के द्वारा अन्ततः हमारा भला ही करेगा (रोमियों 8:28)।
जब कभी आप स्वयं को अकेला और निःसहाय अनुभव करें, अपने सदा उपलब्ध सहायक, प्रभु परमेश्वर का ध्यान करें, उसे पुकारें, उसका मार्गदर्शन लें; वह समस्त संसार के सभी लोगों से प्रेम करता है, उनकी सहायता करना चाहता है। - जो स्टोवैल
आनन्दित हों! प्रभु परमेश्वर सहायता करने वाला अधिपति है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: भजन 46
Psalms 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psalms 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
Psalms 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psalms 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psalms 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
Psalms 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
Psalms 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
Psalms 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
Psalms 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!
Psalms 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
एक साल में बाइबल:
- अय्यूब 5-7
- प्रेरितों 8:1-25