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गुरुवार, 19 सितंबर 2013

उतार-चढ़ाव

   प्रायः हम सब इस बात को स्वीकार करेंगे कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल के एक प्रमुख व्यक्तित्व, बुद्धिमान राजा सुलेमान भी यह बात मानता था और जीवन की बदलती परिस्थितियों के प्रति होने वाली प्रतिक्रियाओं पर मनन कर के उसने अपनी एक पुस्तक सभोपदेशक में इस संबंध में कुछ बातें लिखीं। सुलेमान ने लिखा: "हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है; घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है; रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है" (सभोपदेशक 3:1-4)।

   सुलेमान के पिता राजा दाऊद को ’परमेश्वर के मन के अनुसार व्यक्ति’ कहा गया है - 1 शमुएल 13:14; प्रेरितों 13:22; लेकिन दाऊद का जीवन भी इन उतार-चढ़ावों से अछूता नहीं था। दाऊद ने अपनी और बतशेबा की पहली सन्तान को लेकर विलाप किया क्योंकि वह बालक घातक बिमारी से ग्रस्त था और उसकी मृत्यु तय थी (2 शमुएल 12:22)। लेकिन उसी दाऊद ने आनन्द और स्तुति के भजन भी लिखे, और जब परमेश्वर का वाचा का सन्दूक यरुशलेम लाया जा रहा था, तो आत्मिक उन्माद से भर कर राजा दाऊद परमेश्वर के सन्दूक के आगे नाचता हुआ भी चला (2 शमुएल 6:12-15)।

   मसीही जीवन को सदा ही शान्ति और आनन्द से भरा हुआ बताना, उसका गलत चित्रांकन करना है और अपने आप को धोखा देना है। परमेश्वर का वचन बाइबल यह स्पष्ट दिखाता है कि जीवन में उतार-चढ़ाव तो अवश्य ही आएंगे, लेकिन किसी भी परिस्थिति में परमेश्वर का जन कभी अकेला या निसहाय नहीं होगा, परमेश्वर अपने विश्वासी के साथ सदा ही बना रहेगा, उसे परिस्थिति के अनुसार सामर्थ और सांत्वना देता रहेगा। आज आप कैसे भी समय से होकर क्यों ना निकल रहे हों, हर परिस्थिति और काल में परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखें, उसके प्रति धन्यवादी बने रहें, उसकी आराधना करते रहें, और वह आपके हर समय और हर परिस्थिति को आपके लिए आशीष का समय और परिस्थिति बनाता रहेगा। - डेनिस फिशर


हर समय और परिस्थिति से आशीष के साथ पार होने के लिए हमें परमेश्वर में विश्वास बनाए रखना है।

रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है। - सभोपदेशक 3:4

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-4
Ecclesiastes 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
Ecclesiastes 3:2 जन्म का समय, और मरन का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रूकने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
Ecclesiastes 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3 
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33