कुछ
वर्ष पहले एक पुस्तक प्रकाशक से बहुत बड़ी भूल हो गई। उसकी एक पुस्तक कई वर्षों से
बिक रही थी, इसलिए उसे समसामयिक बनाने के लिए उसमें कुछ नई बातें जोड़कर उसका नया
संस्करण निकालना आवश्यक हो गया था। पुस्तक के लेखक ने उस पुस्तक में आवश्यक सुधार
किए और नई बातें डालीं। परन्तु जब नया संस्करण प्रकाशित होकर बाहर आया तो एक बड़ी
समस्या भी सामने आई – प्रकाशक ने पुस्तक के लिए एक नया आवरण तो तैयार करके प्रयोग
किया था, किन्तु अन्दर की पुस्तक वही पुरानी वाली ही थी। उसका बाहरी स्वरूप तो नया
और साफ़ था, परन्तु अन्दर से वह वही पुरानी और असमसामयिक पुस्तक थी – वह “नया
संस्करण” नया नहीं था।
कभी-कभी
ऐसा ही लोगों के साथ भी होता है। लोगों को आभास होता है कि उन्हें जीवनों में कुछ
परिवर्तन लाना है; उनका जीवन गलत दिशा में जा रहा है। इसलिए वे बाहर से नया दिखने
वाला स्वरूप तो कर लेते हैं, परन्तु उनके हृदय में वही पुराने विचार और भावनाएँ
बनी रहतीं हैं। हम अपने आप को बाहर से तो बदला हुआ दिखा सकते हैं, परन्तु केवल
परमेश्वर ही है जो हमें वास्तव में, हमारे अन्दर से परिवर्तित कर सकता है।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में यूहन्ना 3 अध्याय में एक उच्च यहूदी धर्म-गुरु, निकुदेमुस, प्रभु
यीशु से मिलने आया क्योंकि उसे लगा था की यीशु “परमेश्वर की ओर से” (पद 2)
आया था। किन्तु जब प्रभु यीशु के साथ उसके बातचीत हुई तो निकुदेमुस को यह एहसास
हुआ कि प्रभु यीशु उससे कुछ विलक्षण की बात कर रहा था – एक संपूर्ण परिवर्तन की।
प्रभु यीशु ने जो निकुदेमुस से कहा, वह “नया जन्म” लेना था (पद 4); अर्थात पूर्णतः
नए हो जाने से लेश-मात्र भी कम नहीं था। प्रभु यीशु मसीह के अनुसार, उस उच्च ओहदा
रखने वाले धर्म-गुरु को भी बिलकुल नया हो जाने के लिए नए सिरे से जन्म लेना
अनिवार्य था (पद 7), अन्यथा वह स्वर्ग में प्रवेश नहीं पा सकता था (पद 5)।
ऐसा
परिवर्तन केवल प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास लाने से ही आ सकता है (2 कुरिन्थियों 5:17)।
क्या आपको भी अपने जीवन में सच्चे और सार्थक परिवर्तन की आवश्यकता है? प्रभु यीशु
मसीह में विश्वास कीजिए; केवल वही है जो हृदय परिवर्तन करता है और जीवन में सब कुछ
नया कर देता है। - डेव ब्रैनन
केवल परमेश्वर ही है जो हमें नया बना सकता
है।
सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि
है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे
सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17
बाइबल पाठ: यूहन्ना 3:1-8, 13-16
John 3:1 फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम एक
मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था।
John 3:2 उसने रात को यीशु के पास आकर उस
से कहा, हे रब्बी, हम जानते हैं,
कि तू परमेश्वर की ओर से गुरू हो कर आया है; क्योंकि
कोई इन चिन्हों को जो तू दिखाता है, यदि परमेश्वर उसके साथ न
हो, तो नहीं दिखा सकता।
John 3:3 यीशु ने उसको उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से
न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।
John 3:4 नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है?
क्या वह अपनी माता के गर्भ में दुसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता
है?
John 3:5 यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल
और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
John 3:6 क्योंकि जो शरीर से जन्मा है,
वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।
John 3:7 अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म
लेना अवश्य है।
John 3:8 हवा जिधर चाहती है उधर चलती है,
और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता,
कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई
आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।
John 3:13 और कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा,
केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का
पुत्र जो स्वर्ग में है।
John 3:14 और जिस रीति से मूसा ने जंगल में
सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का
पुत्र भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए।
John 3:15 ताकि जो कोई विश्वास करे उस में
अनन्त जीवन पाए।
John 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा
प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई
उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु
अनन्त जीवन पाए।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 9-10
- इफिसियों 3