वायुयान में यात्रा करते हुए नीचे धरती के कई आकर्षक दृश्य दिखाई पड़ते हैं। उन दृश्यों में से एक होता है किसी नदी का मार्ग। कोई दो नदी एक समान नहीं दीखतीं; लेकिन सभी नदियों के मार्गों में एक समानता रहती है - वे सब टेढ़े-मेढ़े मार्ग बनाती हैं। यह इसलिए क्योंकि जल अपने प्रवाह के लिए सदा सबसे कम प्रतिरोध का मार्ग लेता है, इसी कारण नदी भी कभी सीधी नहीं बहती - टेढ़ी ही रहती है!
मसीही विश्वासी भी इसी कारण अपने व्यवहार में टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। जब हम विश्वासी अपने जीवनों में प्रलोभनों पर विजयी होने, शत्रु शैतान का सामना करने और उसे हराने का प्रयास नहीं करते तो हम भी परमेश्वर द्वारा निर्धारित अपने सीधे मार्ग से भटक कर कम प्रतिरोध के टेढ़े-मेढ़े मार्गों में वैसे ही हो जाते हैं। लेकिन दानिएल ऐसा नहीं था; उसने अपने मन में ठान लिया था कि वह सांसारिक दबावों और परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा।
यही दृढ़ निश्चय प्रत्येक विश्वासी को भी अपने जीवन में रखना और दिखाना चाहिए। किसी भी प्रलोभन को हम इतना प्रबल न होने दें कि वह हमें हमारे मार्ग से भटका सके। मसीही विश्वासियों को अपनी पत्री में प्रेरित युहन्ना ने लिखा, "हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है, क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है" (१ युहन्ना ४:४)। मसीही विश्वासियों को प्रलोभनों से हारने वाला नहीं उन्हें हराने वाला होना चाहिए। हमारी मसीही यात्रा से हमें भटका पाने की सामर्थ किसी भी बात में नहीं होने चाहिए। किसी प्रलोभन में गिरने या शैतान कि किसी योजना में फंसने का अवसर हमें कभी प्रदान नहीं करना चाहिए।
नदियों के पास अपने मार्ग के चुनाव का कोई विकल्प नहीं होता, लेकिन हमारे पास होता है, इसलिए सबसे कम प्रतिरोध के मार्ग पर चलने के बजाए, हमें परमेश्वर द्वारा निर्धारित सीधे मार्ग पर दृढ़ता से डटे रहना चाहिए। - रिचर्ड डी हॉन
जो संकरे और सीधे मार्ग पर चलता रहेगा वह कभी टेढ़ा नहीं होगा।
परन्तु दानिएल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उस ने खोजों के प्रधान से बिनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े। - दानिएल १:८
बाइबल पाठ: दानिएल १:१-८
Dan 1:1 यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के तीसरे वर्ष में बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने यरूशेलम पर चढ़ाई करके उसको घेर लिया।
Dan 1:2 तब परमेश्वर ने यहूदा के राजा यहोयाकीम को परमेश्वर के भवन के कई पात्रों सहित उसके हाथ में कर दिया; और उस ने उन पात्रों को शिनार देश में अपने देवता के मन्दिर में ले जाकर, अपने देवता के भण्डार में रख दिया।
Dan 1:3 तब उस राजा ने अपने खोजों के प्रधान अशपनज को आज्ञा दी कि इस्राएली राजपुत्रों और प्रतिष्ठित पुरूषों में से ऐसे कई जवानों को ला,
Dan 1:4 जो निर्दोष, सुन्दर और सब प्रकार की बुद्धि में प्रवीण, और ज्ञान में निपुण और विद्वान् और राजमन्दिर में हाजिर रहने के योग्य हों; और उन्हें कसदियों के शास्त्र और भाषा की शिक्षा दे।
Dan 1:5 और राजा ने आज्ञा दी कि उसके भोजन और पीने के दाखमधु में से उन्हें प्रतिदिन खाने-पीने को दिया जाए। इस प्रकार तीन वर्ष तक उनका पालन पोषण होता रहे; तब उसके बाद वे राजा के साम्हने हाजिर किए जाएं।
Dan 1:6 उन में यहूदा की सन्तान से चुने हुए, दानिएल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह नाम यहूदी थे।
Dan 1:7 और खोजों के प्रधान ने उनके दूसरे नाम रखें, अर्थात दानिएल का नाम उस ने बेलतशस्सर, हनन्याह का शद्रक, मीशाएल का मेशक, और अजर्याह का नाम अबेदनगो रखा।
Dan 1:8 परन्तु दानिएल ने अपने मन में ठान लिया कि वह राजा का भोजन खाकर, और उसके पीने का दाखमधु पीकर अपवित्र न होए; इसलिये उस ने खोजों के प्रधान से बिनती की कि उसे अपवित्र न होना पड़े।
एक साल में बाइबल:
- भजन ७२-७३
- रोमियों ९:१-१५