परमेश्वर के वचन बाइबल से लिए गए कुछ वाक्यांशों पर विचार कीजिए: "...सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं" (नीतिवचन २०:३); "...दुष्टों का नाम मिट जाता है" (नीतिवचन १०:७); "...वह पशु सरीखा है" (नीतिवचन १२:१)। क्या परमेश्वर प्रेम और दया का परमेश्वर नहीं है? क्या परमेश्वर के वचन में किसी को मूढ़, दुष्ट या पशु सरीखा कहना उचित है?
जी हां, वास्तव में परमेश्वर प्रेम है, दया और करुणा से भरा हुआ है। उसने इस संसार की सृष्टि करी और उसमें आनन्द और संतुष्टि के बहुत अवसर और साधन भी दिए हैं। परन्तु साथ ही परमेश्वर हमें यह भी स्मरण दिलाता है कि अपने प्रेम में वह हमारी मूर्खताओं और बुद्धिहीन कार्यों को नज़रांदाज़ नहीं करता है। नीतिवचन से लिए गए ऊपर लिखे पद हमें स्मरण दिलाते हैं कि परमेश्वर प्रेम तो है, किंतु साथ ही हमसे बहुत आशाएं भी रखता है और जो व्यक्ति उसके मार्गों को तजकर, जानबूझकर पाप से खेलेते हैं वे अपने ऊपर परेशानीयां लाते हैं, उनके लिए जीवन कठोर भी हो जाता है।
नीतिवचन से लिए गए उपरोक्त पदों में प्रयुक्त हर नकारात्मक शब्द का एक सकारात्मक प्रतिपक्ष भी उसी पद में दिया गया है - वह सकारात्मक विधि जो परमेश्वर हमारे जीवनों से चाहता है। अब उपरोक्त दिए गए वाक्यांशों के स्थान पर उनके पूर्ण वाक्यों को देखिए और वास्तविक पक्ष-प्रतिपक्ष पर विचार कीजिए: "मुकद्दमें से हाथ उठाना, पुरूष की महिमा ठहरती है; परन्तु सब मूढ़ झगड़ने को तैयार होते हैं" (नीतिवचन २०:३); "धर्मी को स्मरण करके लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है" (नीतिवचन १०:७); "जो शिक्षा पाने में प्रीति रखता है वह ज्ञान से प्रीति रखता है, परन्तु जो डांट से बैर रखता, वह पशु सरीखा है" (नीतिवचन १२:१)।
जीवन में सदा ही एक चुनाव हमारे समक्ष बना रहता है और हमारा यही चुनाव निर्धारित करता है कि जीवन हमारे लिए कठोर होगा अथवा कोमल। परमेश्वर के वचन के अनुसार जीवन व्यतीत कीजिए और उसकी सम्मति की मुस्कान के साथ सफलता का जीवन बिताईये, या मूर्ख बनकर उसकी अनाज्ञाकारिता में जीवन व्यतीत कीजिए और विनाश के दुख को उठाईये - चुनाव तो आप ही के हाथ में है। परमेश्वर के संसार में जीने के यही कोमल एवं कठोर सत्य हैं। अब आपका चुनाव क्या है? - डेव ब्रैनन
मूर्ख ही पाप के साथ खेलते हैं।
खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहने वाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है। परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है। - भजन ३७:३७-३८
बाइबल पाठ: भजन ३७:३०-४०
Psa 37:30 धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है।
Psa 37:31 उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।
Psa 37:32 दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
Psa 37:33 यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।
Psa 37:34 यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।
Psa 37:35 मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
Psa 37:36 परन्तु जब कोई उधर से गया तो देखा कि वह वहां है ही नहीं? और मैं ने भी उसे ढूंढ़ा, परन्तु कहीं न पाया।
Psa 37:37 खरे मनुष्य पर दृष्टि कर और धर्मी को देख, क्योंकि मेल से रहने वाले पुरूष का अन्तफल अच्छा है।
Psa 37:38 परन्तु अपराधी एक साथ सत्यानाश किए जाएंगे; दुष्टों का अन्तफल सर्वनाश है।
Psa 37:39 धर्मियों की मुक्ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।
Psa 37:40 और यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उस में अपनी शरण ली है।
एक साल में बाइबल:
- होशे १-४
- प्रकाशितवाक्य १