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बुधवार, 12 नवंबर 2014

जोखिम


   बुनियादी सैनिक प्रशिक्षण के समय डेनिस रौस से उसके साथी सैनिक तथा उसका प्रशिक्षक बहुत अप्रसन्न रहते थे क्योंकि वह शान्तिप्रीय था और युद्ध के लिए हथियार उठाने से इन्कार करता था। उसके इस भाव के कारण उसके साथी उसके साहस पर शक करते थे। डेनिस मसीही विश्वासी था और उसका प्रशिक्षण युद्ध समय में घायल सैनिकों तक चिकित्सा सहायता पहुँचाने का था, उसे युद्ध भूमि पर जाने में कोई संकोच नहीं था, लेकिन वहाँ वह जान बचाने के लिए जाना चाहता था, जान लेने के लिए नहीं।

   डेनिस के साहस को लेकर उसके साथियों का सन्देह जाता रहा जब उसकी टुकड़ी को युद्ध क्षेत्र में जाने का आदेश मिला। दूसरे विश्वयुद्ध के समय ओकिनावा के युद्ध में डेनिस ने अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया। मशीनगन से हो रही गोलियों की बौछार में भी वह युद्ध में घायल हो रहे सैनिकों को खींच-खींच कर सुरक्षित स्थानों पर लाता रहा। उसकी प्रार्थना रहती थी, "प्रभु, मुझे एक और घायल सैनिक को बचा लाने की सामर्थ दे।" अन्ततः डेनिस ने 70 से भी अधिक घायल सैनिकों को एक पहाड़ी से नीचे सुरक्षित स्थान पर चिकित्सीय सहायता के लिए पहुँचाया। उसके इस साहसिक कार्य के लिए उसे अपने देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान पदक दिया गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में एक ऐसे ही मसीही विश्वासी "सैनिक" का उल्लेख है जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की सहायता करी। प्रेरित पौलुस ने इपफ्रुदितुस के विषय में लिखा, "इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे" (फिलिप्पियों 2:29-30)।

   आज सारे संसार में अनेकों मसीही विश्वासी प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा सारे संसार के हर व्यक्ति के लिए सेंत-मेंत उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार सुनाने के कारण अपने प्राणों को जोखिम में डाले हुए हैं। उन सभी के लिए प्रार्थना करें कि उन संकटपूर्ण परिस्थितियों में उसकी सेवकाई करते समय परमेश्वर उनकी रक्षा करता रहे और उनकी सहायता के लिए उपयुक्त सेवकों को भी खड़ा करे। - डेनिस फिशर


साहस का अर्थ आगे बढ़ने की शक्ति रखना नहीं है, वरन शक्ति ना होते हुए भी आगे बढ़ते रहना है।

और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो। - 1 थिस्सुलुनीकियों 5:12 

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:25-30
Philippians 2:25 पर मैं ने इपफ्रदीतुस को जो मेरा भाई, और सहकर्मी और संगी योद्धा और तुम्हारा दूत, और आवश्यक बातों में मेरी सेवा टहल करने वाला है, तुम्हारे पास भेजना अवश्य समझा। 
Philippians 2:26 क्योंकि उसका मन तुम सब में लगा हुआ था, इस कारण वह व्याकुल रहता था क्योंकि तुम ने उस की बीमारी का हाल सुना था। 
Philippians 2:27 और निश्‍चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्तु परमेश्वर ने उस पर दया की; और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो। 
Philippians 2:28 इसलिये मैं ने उसे भेजने का और भी यत्‍न किया कि तुम उस से फिर भेंट कर के आनन्‍दित हो जाओ और मेरा भी शोक घट जाए। 
Philippians 2:29 इसलिये तुम प्रभु में उस से बहुत आनन्द के साथ भेंट करना, और ऐसों का आदर किया करना। 
Philippians 2:30 क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठा कर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे।

एक साल में बाइबल: 
  • प्रेरितों 13-14