दुकान से खरीद्दारी करके बाहर आने पर मैं अपनी कार में सामान रख रही थी, कि मेरी दृष्टि साथ ही खड़ी हुई गाड़ी पर गई। उस गाड़ी में टमाटरों से भरे टोकरे लदे हुए थे; सभी टमाटर सुर्ख लाल, बड़े आकार के, और बिलकुल ताज़े थे। ऐसे बढ़िया टमाटर अन्दर दुकान में भी नहीं रखे थे। इतने में गाड़ी की मालकिन आ गई और मैंने उससे कहा, "आपके टमाटर बहुत अच्छे हैं!" उसने उत्तर दिया, "इस वर्ष मेरी फसल अच्छी हुई है; क्या आप कुछ लेना चाहेंगी?" उसकी इस उदारता से चकित, मैंने सहमति जताई और उसने मुझे घर ले जाने के लिए कुछ टमाटर मुफ्त में दे दिए - और उन टमाटरों का स्वाद भी उनके स्वरूप के समान बहुत अच्छा था।
हम इससे भी अधिक उदार होने का उदाहरण इस्त्रएलियों में पाते हैं जब उन्होंने परमेश्वर की आराधना के लिए तम्बू बनाए जाने के लिए स्वेच्छा से दान दिए। जब मूसा द्वारा इस कार्य के लिए दान देने का आवाहन किया गया तो, "जितनों को उत्साह हुआ, और जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे मिलापवाले तम्बू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पवित्र वस्त्रों के बनाने के लिये यहोवा की भेंट ले आने लगे" (निर्गमन 35:21)। उन इस्त्राएलियों ने सहर्ष स्वेच्छा से और बहुतायात से अपने ज़ेवर, सोना, रंगीन धागे, सूक्षम सनि के कपड़े, चाँदी, पीतल, मणि और सुगन्ध द्रव्य दान करे; कुछ ने तो अपना समय और प्रतिभा भी दीं (पद 25-26)। यदि हम उन इस्त्राएलियों के उदाहरण का अनुसरण करें, और अपने संसाधनों में से सहर्ष और उदार हृदय से दें तो हमारा यह रवैया परमेश्वर को भाएगा भी और उसे आदर भी देगा।
लेकिन उदार हृदय से देने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है परमेश्वर द्वारा अपने पुत्र, प्रभु यीशु मसीह को समस्त मानव जाति पापों के लिए बलिदान होने के लिए दे देना: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16); उदारता का इससे श्रेष्ठ उदाहरण कोई अन्य नहीं है। इस उदार और प्रेमी परमेश्वर के प्रति अत्यन्त धन्यवादी होकर उसकी इस भेंट को स्वीकार करें और जैसे उसने हमें दिया है, वैसे ही प्रभु यीशु में सेंत-मेंत मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को औरों तक भी पहुँचाएं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
हमारी भेंटों के आकार से अधिक महत्वपूर्ण है हमारे मन की भावनाएं।
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। - 2 कुरिन्थियों 9:7
बाइबल पाठ: निर्गमन 35:21-29
Exodus 35:21 और जितनों को उत्साह हुआ, और जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे मिलापवाले तम्बू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पवित्र वस्त्रों के बनाने के लिये यहोवा की भेंट ले आने लगे।
Exodus 35:22 क्या स्त्री, क्या पुरूष, जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई भी वे सब जुगनू, नथुनी, मुंदरी, और कंगन आदि सोने के गहने ले आने लगे, इस भांति जितने मनुष्य यहोवा के लिये सोने की भेंट के देने वाले थे वे सब उन को ले आए।
Exodus 35:23 और जिस जिस पुरूष के पास नीले, बैंजनी वा लाल रंग का कपड़ा वा सूक्ष्म सनी का कपड़ा, वा बकरी का बाल, वा लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालें, वा सूइसों की खालें थी वे उन्हें ले आए।
Exodus 35:24 फिर जितने चांदी, वा पीतल की भेंट के देने वाले थे वे यहोवा के लिये वैसी भेंट ले आए; और जिस जिसके पास सेवकाई के किसी काम के लिये बबूल की लकड़ी थी वे उसे ले आए।
Exodus 35:25 और जितनी स्त्रियों के हृदय में बुद्धि का प्रकाश था वे अपने हाथों से सूत कात कातकर नीले, बैंजनी और लाल रंग के, और सूक्ष्म सनी के काते हुए सूत को ले आईं।
Exodus 35:26 और जितनी स्त्रियों के मन में ऐसी बुद्धि का प्रकाश था उन्होंने बकरी के बाल भी काते।
Exodus 35:27 और प्रधान लोग एपोद और चपरास के लिये सुलैमानी मणि, और जड़ने के लिये मणि,
Exodus 35:28 और उजियाला देने और अभिषेक और धूप के सुगन्धद्रव्य और तेल ले आये।
Exodus 35:29 जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरूष और स्त्रियां ले आई, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्त्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों 13-15
- लूका 6:27-49