सिंगापुर
के एक समाचार पत्र में, सन 2010 में, एक विशेष लेख छपा था जिसमें आठ वरिष्ठ
नागरिकों के जीवन के अनुभवों के आधार पर जीवन के लिए शिक्षाएं दी गई थीं। उस लेख
की आरंभिक पंक्तियाँ थीं: “यदयपि आयु के साथ शरीर और मस्तिष्क के लिए चुनौतियां
आती हैं, किन्तु साथ ही अन्य क्षेत्रों में उन्नति भी देखने को मिलती है। सामाजिक
और भावनात्मक ज्ञान की बहुतायत होती है, जो ऐसे गुण हैं जिन्हें वैज्ञानिक अब
बुद्धिमानी कहने लगे हैं...वृद्धों का ज्ञान।”
निःसंदेह
बुद्धिमान वृद्ध व्यक्तियों के पास जीवन के विषय हमें सिखाने के लिए बहुत कुछ होता
है; और उनकी इस बुद्धिमानी की अवहेलना करना मूर्खतापूर्ण हो सकता है। परमेश्वर के
वचन बाइबल में हम एक ऐसे ही युवक राजा से मिलते हैं जिसने राजपाट संभालते ही यह
गलती की और भारी हानि उठाई।
राजा
सुलैमान की मृत्यु के पश्चात उसका पुत्र रहूबियाम राजा बना। हम 1 राजाओं 12:3 में
पढ़ते हैं कि इस्राएल के लोग उसके पास अपनी एक विनती लेकर गए – कि वह उनके उस कठोर
परिश्रम और भारी करों के बोझ को हल्का कर दे जो सुलैमान ने उन पर लगा रखा था; और
इसके प्रत्युत्तर में वे वफादारी से सदा उसके सेवा करते रहेंगे। राजा ने इसके विषय
निर्णय लेने के लिए पहले वृद्धों से परामर्श लिया, किन्तु उनके द्वारा दिए गए
परामर्श की अवहेलना करके उसने अपने साथी युवकों की मूर्खतापूर्ण बात को मान लिया,
और प्रजा के बोझ को और भी अधिक बढ़ा दिया। अपनी इस मूर्खता के कारण उसने अपने राज्य
का एक बहुत बड़ा भाग गँवा दिया, और इस्राएल दो भागों, यहूदा और इस्राएल, में
विभाजित हो गया।
हम
सभी को वर्षों के अनुभव से आने वाली बुद्धिमता के परामर्शों की आवश्यकता होती है,
विशेषकर उन लोगों से जो परमेश्वर के भय में और परमेश्वर के साथ चलते रहे हैं, और
परमेश्वर के आज्ञाकारी रहे हैं। उस ज्ञान के खजाने बारे में सोचिए जो उन्होंने
परमेश्वर से प्राप्त किया है। उनके पास प्रभु के बारे में हमारे साथ बांटने के लिए
बहुत कुछ है; हम उन्हें खोजें और उनसे शिक्षा प्राप्त करें। - पोह फैंग चिया
युवावस्था की गलतियों से बचने के लिए
वृद्धावस्था से ज्ञान को लें।
बूढ़ों में बुद्धि पाई जाती है, और लम्बी आयु वालों में समझ होती तो है। - अय्यूब 12:12
बाइबल पाठ: 1 राजाओं 12:1-7, 12-17
1 Kings 12:1
रहूबियाम तो शकेम को गया, क्योंकि सब इस्राएली उसको राजा
बनाने के लिये वहीं गए थे।
1 Kings 12:2 और जब
नबात के पुत्र यारोबाम ने यह सुना, ( जो अब तक मिस्र में
रहता था, क्योंकि यारोबाम सुलैमान राजा के डर के मारे भगकर
मिस्र में रहता था।
1 Kings 12:3 सो उन
लोगों ने उसको बुलवा भेजा ) तब यारोबाम और इस्राएल की समस्त सभा रहूबियाम के पास
जा कर यों कहने लगी,
1 Kings 12:4 कि तेरे
पिता ने तो हम लोगों पर भारी जूआ डाल रखा था, तो अब तू अपने
पिता की कठिन सेवा को, और उस भारी जूए को, जो उसने हम पर डाल रखा है, कुछ हलका कर; तब हम तेरे आधीन रहेंगे।
1 Kings 12:5 उसने
कहा, उभी तो जाओ, और तीन दिन के बाद
मेरे पास फिर आना। तब वे चले गए।
1 Kings 12:6 तब राजा
रहूबियाम ने उन बूढ़ों से जो उसके पिता सुलैमान के जीवन भर उसके साम्हने उपस्थित
रहा करते थे सम्मति ली, कि इस प्रजा को कैसा उत्तर देना उचित
है, इस में तुम क्या सम्मति देते हो?
1 Kings 12:7
उन्होंने उसको यह उत्तर दिया, कि यदि तू अभी प्रजा के लोगों
का दास बनकर उनके आधीन हो और उन से मधुर बातें कहे, तो वे
सदैव तेरे आधीन बने रहेंगे।
1 Kings 12:12 तीसरे
दिन, जैसे राजा ने ठहराया था, कि तीसरे
दिन मेरे पास फिर आना, वैसे ही यारोबाम और समस्त प्रजागण
रहूबियाम के पास उपस्थित हुए।
1 Kings 12:13 तब
राजा ने प्रजा से कड़ी बातें कीं,
1 Kings 12:14 और
बूढ़ों की दी हुई सम्मति छोड़कर, जवानों की सम्मति के अनुसार
उन से कहा, कि मेरे पिता ने तो तुम्हारा जूआ भारी कर दिया,
परन्तु मैं उसे और भी भारी कर दूंगा: मेरे पिता ने तो कोड़ों से तुम
को ताड़ना दी, परन्तु मैं तुम को बिच्छुओं से ताड़ना दूंगा।
1 Kings 12:15 सो
राजा ने प्रजा की बात नहीं मानी, इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से
कहा था, उसको पूरा करने के लिये उसने ऐसा ही ठहराया था।
1 Kings 12:16 जब सब
इस्राएल ने देखा कि राजा हमारी नहीं सुनता, तब वे बोले,
कि दाऊद के साथ हमारा क्या अंश? हमारा तो यिशै
के पुत्र में कोई भाग नहीं! हे इस्राएल अपने अपने डेरे को चले जाओ: अब हे दाऊद,
अपने ही घराने की चिन्ता कर।
1 Kings 12:17 सो
इस्राएल अपने अपने डेरे को चले गए। केवल जितने इस्राएली यहूदा के नगरों में बसे
हुए थे उन पर रहूबियाम राज्य करता रहा।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 5-7
- मरकुस 11:1-18