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मंगलवार, 12 सितंबर 2017

घमण्ड और नम्रता


   कुछ समय पहले की बात है, मैं अपनी पत्नि के साथ कुछ दिन कैम्पिंग के लिए गया, जहाँ हम एक प्राकृतिक खुले इलाके में तंबुओं में रहते थे। एक संध्या को अपने कैम्प की ओर लौटते समय हमने पास के घास के मैदान में दो नर भालुओं को एक दूसरे के साथ लड़ाई करते हुए देखा, और हम थोड़ी देर तक उन्हें लड़ते हुए देखने को रुक गए। वहाँ पहले से उपस्थित एक और व्यक्ति से हमने पूछा कि यह लड़ाई किस कारण हो रही थी; उसने उत्तर दिया, "एक मादा भालू के पीछे?" लेकिन क्योंकि हमें वहाँ और कोई भालू दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमने फिर पूछा, "वो कहाँ है?" तो उत्तर मिल, "वह तो लगभग बीस मिनट पहले जंगल की ओर चली गई!" इससे मैंने निषकर्ष निकाला कि वह लड़ाई मादा भालू के कारण नहीं वरन अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हो रही थी।

   हम मनुष्यों के साथ भी ऐसा ही होता है। हमारे अधिकांश परस्पर झगड़े सही नीति और सिध्दांत, या सही अथवा गलत को लेकर नहीं होते हैं; वे हमारे घमण्ड के कारण होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन का बुध्दिमान लेखक यह बात बड़ी स्पष्टता से लिखता है: "झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है" (नीतिवचन 13:10)। अहंकार ही झगड़ों का ईंधन है; हम अपने आप को सही दिखाने के लिए, अपनी इच्छानुसार कार्य करवाने के लिए, अपना अधिकार-क्षेत्र बनाए रखने के लिए, अपने अहम को ऊँचा बनाए रखने के लिए झगड़ा करने से नहीं हिचकिचाते हैं।

   जबकि बाइबल यह भी बताती है कि इसके विपरीत, बुध्दिमता उनके साथ होती है जो भला परामर्श स्वीकार करते हैं, जो दूसरों की सुनने को, उनसे सीखने को, औरों की भली बातों को मानने को तैयार रहते हैं। जो अपने आप को नम्र बनाते हैं; जो अपनी स्वार्थी अभिलाषाओं को छोड़ना जानते हैं; जो अपनी समझ की सीमा को पहचानते हैं; जो औरों के दृष्टिकोण को भी जानने की इच्छा रखते हैं; जो अपने विचारों में सुधार स्वीकार कर लेते हैं, उनमें बुध्दिमता वास करती है।

   घमण्ड को दूर कर के नम्रता के साथ जीवन बिताना परमेश्वर से बुध्दिमता लाता है, जिसका परिणाम सदा शान्ति ही होता है। - डेविड रोपर


नम्रता से बुध्दिमता आती है।

इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है। पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है। - याकूब 3:16-17

बाइबल पाठ: नीतिवचन 13:9-21
Proverbs 13:9 धर्मियों की ज्योति आनन्द के साथ रहती है, परन्तु दुष्टों का दिया बुझ जाता है। 
Proverbs 13:10 झगड़े रगड़े केवल अंहकार ही से होते हैं, परन्तु जो लोग सम्मति मानते हैं, उनके पास बुद्धि रहती है। 
Proverbs 13:11 निर्धन के पास माल नहीं रहता, परन्तु जो अपने परिश्रम से बटोरता, उसकी बढ़ती होती है। 
Proverbs 13:12 जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है। 
Proverbs 13:13 जो वचन को तुच्छ जानता, वह नाश हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है। 
Proverbs 13:14 बुद्धिमान की शिक्षा जीवन का सोता है, और उसके द्वारा लोग मृत्यु के फन्दों से बच सकते हैं। 
Proverbs 13:15 सुबुद्धि के कारण अनुग्रह होता है, परन्तु विश्वासघातियों का मार्ग कड़ा होता है। 
Proverbs 13:16 सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं, परन्तु मूर्ख अपनी मूढ़ता फैलाता है। 
Proverbs 13:17 दुष्ट दूत बुराई में फंसता है, परन्तु विश्वासयोग्य दूत से कुशल क्षेम होता है।
Proverbs 13:18 जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है, परन्तु जो डांट को मानता, उसकी महिमा होती है। 
Proverbs 13:19 लालसा का पूरा होना तो प्राण को मीठा लगता है, परन्तु बुराई से हटना, मूर्खों के प्राण को बुरा लगता है। 
Proverbs 13:20 बुद्धिमानों की संगति कर, तब तू भी बुद्धिमान हो जाएगा, परन्तु मूर्खों का साथी नाश हो जाएगा।
Proverbs 13:21 बुराई पापियों के पीछे पड़ती है, परन्तु धर्मियों को अच्छा फल मिलता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5