ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 1 जुलाई 2014

भेंट


   मेरे पूर्व पास्टर, एड डॉबसन, अकसर कहा करते थे कि उन्हें चर्च में धन दान करने के विषय में प्रचार करना पसन्द नहीं है। उनकी पिछली नौकरी सेवा कार्यों के लिए धन एकत्रित करने की थी इसलिए उन्हें अब किसी पर दबाव डालकर उनसे भेंट निकलवाना अच्छा नहीं लगता था। लेकिन जब वे परमेश्वर के वचन बाइबल से शिक्षा देते हुए प्रेरित पौलुस द्वारा कुरिन्थुस की मण्डली को लिखी दूसरी पत्री के 8 और 9 अध्याय पर पहुँचे तो वे सेवा कार्यों के लिए धन भेंट देने के विषय पर प्रवचन देने से और बच नहीं सके।

   तब जो प्रवचन उन्होंने दिया उस में जो उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया मैं उसे कभी भूल नहीं पाई हूँ; उन्होंने वह थाली जिसमें चर्च के लोग भेंट डालते थे फर्श पर रखी और स्वयं उस थाली में खड़े हो गए और चर्च के लोगों को सर्वप्रथम अपने आप को परमेश्वर को अर्पित करने तत्पश्चात अपने धन में से परमेश्वर के लिए भेंट देने के महत्व को समझाया।

   2 कुरिन्थियों के वे दोनों अध्याय हमारे समक्ष कई आचरण और कार्य रखते हैं जिन्हें परमेश्वर के कार्यों के लिए भेंट अर्पित करते समय हम मसीही विश्वासियों के जीवन में विद्यमान होना चाहिए:
  • सर्वप्रथम अपने आप को परमेश्वर को अर्पित करें (8:5)
  • प्रभु यीशु के उदाहरण को स्मरण रखते हुए भेंट दें (8:9)
  • अपनी आय और साधनों के अनुसार भेंट दें (8:11-12)
  • परमेश्वर के निस्वार्थ प्रेम के प्रमाण को ध्यान रखते हुए उत्साहपूर्वक भेंट दें (9:2)
  • किसी बाहरी दबाव में आकर अथवा अनिच्छापूर्वक कुड़कुड़ाते हुए नहीं वरन उदारता से भेंट दें (9:5-7)

   अगली बार जब परमेश्वर के कार्य के लिए या चर्च में भेंट अर्पित करने का अवसर आए, तो कलपना करें कि आप स्वयं वहाँ परमेश्वर को अर्पित भेंट के रूप में खड़े हैं; इससे आपको परमेश्वर के लिए भेंट अर्पित करने के अनुग्रह में बढ़ने में प्रोत्साहन मिलेगा। - ऐनी सेटास


जब हम अपने आप को संपूर्ण रूप से परमेश्वर को अर्पित कर देते हैं, फिर उसके बाद अन्य सभी भेंट अर्पण करने सरल हो जाते हैं।

परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। - 2 कुरिन्थियों 9:6-7

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 8:1-9
2 Corinthians 8:1 अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। 
2 Corinthians 8:2 कि क्‍लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई। 
2 Corinthians 8:3 और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ भर वरन सामर्थ से भी बाहर मन से दिया। 
2 Corinthians 8:4 और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की। 
2 Corinthians 8:5 और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं, वरन उन्होंने प्रभु को, फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने तईं दे दिया। 
2 Corinthians 8:6 इसलिये हम ने तितुस को समझाया, कि जैसा उसने पहिले आरम्भ किया था, वैसा ही तुम्हारे बीच में इस दान के काम को पूरा भी कर ले। 
2 Corinthians 8:7 सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्‍न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। 
2 Corinthians 8:8 मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु औरों के उत्‍साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूं। 
2 Corinthians 8:9 तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो, कि वह धनी हो कर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 112-114