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रविवार, 21 जनवरी 2018

स्वागत


   हम अपने बेटे के साथ एक बड़ी समस्या के समय से होकर निकल रहे थे। एक चर्च सभा के बाद मेरे एक मित्र ने मुझे एक किनारे लेकर मुझ से कहा, “मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि मैं तुम्हारे और तुम्हारे बेटे के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करता हूँ;” उसने आगे कहा, “मुझे बहुत बुरा लगता है और मैं अपने आप को दोषी अनुभव करता हूँ।” मैं ने पूछा, “क्यों?” तो उसने उत्तर दिया, “क्योंकि मुझे कभी उद्दंड बच्चों के साथ व्यवहार नहीं करना पड़ा है। मेरे बच्चे अपने आप ही नियमों के अनुसार चलते रहे; मुझे उन्हें कुछ कहने या नहीं कहने की आवश्यकता ही नहीं हुई।” फिर उसने कंधे झटकते हुए कहा, “बच्चे अपने चुनाव स्वयं ही कर लेते हैं।”

   मैं उसे गले लगाना लेना चाहता था। उसकी सहानुभूति मेरे लिए परमेश्वर की ओर से एक उपहार था, एक स्मरण कराना कि मेरा स्वर्गीय पिता मेरे बेटे के साथ मेरे संघर्ष को जानता, समझता है, उसका ध्यान रखता है।

   उद्दंड बच्चों के साथ के संघर्ष को हमारे स्वर्गीय पिता से बेहतर कोई नहीं जानता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा दी गई उड़ाऊ पुत्र की कहानी, हमारे और परमेश्वर के संबंध की कहानी है। प्रभु यीशु ने यह कहानी उन सभी पापियों के लिए कही है जिन्हें अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर पिता के पास आने और उसके साथ प्रेम के संबंध को अनुभव करने की आवश्यकता है।

   प्रभु यीशु देहधारी परमेश्वर है, जो हमें प्रेम की दृष्टि से देखता रहता है और प्रतीक्षा में रहता है कि हम उसके पास लौट कर आ जाएँ। वो उस कहानी का प्रेमी पिता है जो दौड कर अपनी सन्तान को गले लगाना चाहता है, पश्चातापी पापी का प्रेम और आदर के साथ घर में स्वागत करना चाहता है।

   प्रभु परमेश्वर ने हमारे स्वागत के लिए घर के बरामदे की बत्ती ही जली नहीं छोड़ी है, वह भी बरामदे में बैठा हमारी प्रतीक्षा कर रहा है कि हम लौट कर उसके पास आएँ और वह हमारा स्वागत करे। - जेम्स बैंक


हमारे प्रिय जन हमारे आग्रह ठुकरा सकते हैं,हमारे संदेशों को अनसुना कर सकते हैं, 
हमारे समझाने का विरोध कर सकते हैं, हमारे व्यक्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं – 
परन्तु हमारी प्रार्थनाओं के आगे बेबस हैं। - जे. सिडलो बैक्सटर

क्योंकि हे प्रभु, तू भला और क्षमा करने वाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सभों के लिये तू अति करूणामय है। - भजन 86:5

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24
Luke 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे।
Luke 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी।
Luke 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।
Luke 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।
Luke 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा।
Luke 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था।
Luke 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं।
Luke 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है।
Luke 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले।
Luke 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।
Luke 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं।
Luke 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्‍छे से अच्छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ।
Luke 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्द मनावें।
Luke 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 1-3
  • मत्ती 14:1-21