यदि कियरा विल्मोट ने अपना प्रयोग हाई स्कूल की अपनी विज्ञान कक्षा में किया होता तो संभवतः उसे "A" मिलता; परन्तु अब उस पर विसफोट करने का आरोप आ गया था। यद्यपि कियरा चाहती थी कि उसका वह प्रयोग उसकी विज्ञान शिक्षिका की जानकारी, निगरानी तथा सहमति से किया जाए, किंतु उसके सहपाठियों ने उसे वह प्रयोग कक्षा के बाहर स्वयं ही कर लेने के लिए उकसाया। उन सहपाठियों के उकसाने में आकर कियरा ने कुछ रसायनों को एक प्लास्टिक की बोतल में मिला दिया, जिससे विस्फोट हो गया; इस अप्रत्याशित घटना से उस के कुछ सहपाठी विचलित हो गए।
परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम ऐसे ही दबाव डाल कर कुछ करवाने की घटना पढ़ते हैं। दाऊद और उसके साथी राजा शाऊल से अपनी जान बचाने के लिए एक गुफा में छिपे हुए थे; और अनायास ही उसी गुफा में शाऊल अकेला ही आ गया (1 शमूएल 24)। दाऊद के साथियों ने उसे सलाह दी कि परमेश्वर ने उसके शत्रु को उसके हाथ में कर दिया है, और उकसाया कि दाऊद शाऊल को मार डाले (पद 4, 10)। उन लोगों का सोचना था कि यदि शाऊल मर जाएगा, तो फिर उन्हें छिप कर रहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और दाऊद राजा बन सकेगा। परन्तु दाऊद ने शाऊल का कुछ भी नुकसान करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया क्योंकि शाऊल "यहोवा का अभिषिक्त है" (पद 6)।
ऐसा हमारे जीवनों में भी अनेकों बार होता है जब लोग हमें कुछ ऐसा कारने की सलाह देते हैं जो उस समय या परिस्थिति में सही, व्यावाहरिक या लाभदायक प्रतीत होता है। किंतु सांसारिक और स्वर्गीय बुद्धि में बहुत अन्तर है: "पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है" (याकूब 3:17)। जैसे प्रेरित पौलुस ने कहा है, परमेश्वर ने हम मसीही विश्वासियों को संसार में संसार की रीति और ज्ञान के लिए नहीं वरन परमेश्वर का ज्ञान दर्शाने के लिए ठहराया है (1 कुरिन्थियों 2:6-7)। जब लोग हमें कोई कार्य करने के लिए उकसाएं, तो हमारे लिए भला होगा कि हम परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह हमें स्वर्गीय बुद्धि दे, सही मार्ग दिखाए और हर गलत कार्य से बचाए, चाहे वह कितना भी व्यावाहरिक अथवा लाभदायक क्यों ना प्रतीत हो। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
जो अपनी बुद्धिमता परमेश्वर से प्राप्त करता है, वही वास्तव में बुद्धिमान होता है।
फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं: परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होने वाले हाकिमों का ज्ञान नहीं। परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। - 1 कुरिन्थियों 2:6-7
बाइबल पाठ: 1 शमूएल 24:1-10
1 Samuel 24:1 जब शाऊल पलिश्तियों का पीछा कर के लौटा, तब उसको यह समाचार मिला, कि दाऊद एनगदी के जंगल में है।
1 Samuel 24:2 तब शाऊल समस्त इस्राएलियों में से तीन हजार को छांटकर दाऊद और उसके जनों को बनैले बकरों की चट्टानों पर खोजने गया।
1 Samuel 24:3 जब वह मार्ग पर के भेड़शालों के पास पहुंचा जहां एक गुफा थी, तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया। और उसी गुफा के कोनों में दाऊद और उसके जन बैठे हुए थे।
1 Samuel 24:4 तब दाऊद के जनों ने उस से कहा, सुन, आज वही दिन है जिसके विषय यहोवा ने तुझ से कहा था, कि मैं तेरे शत्रु को तेरे हाथ में सौंप दूंगा, कि तू उस से मनमाना बर्ताव कर ले। तब दाऊद ने उठ कर शाऊल के बागे की छोर को छिपकर काट लिया।
1 Samuel 24:5 इसके पीछे दाऊद शाऊल के बागे की छोर काटने से पछताया।
1 Samuel 24:6 और अपने जनों से कहने लगा, यहोवा न करे कि मैं अपने प्रभु से जो यहोवा का अभिषिक्त है ऐसा काम करूं, कि उस पर हाथ चलाऊं, क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है।
1 Samuel 24:7 ऐसी बातें कहकर दाऊद ने अपने जनों को घुड़की लगाई और उन्हें शाऊल की हानि करने को उठने न दिया। फिर शाऊल उठ कर गुफा से निकला और अपना मार्ग लिया।
1 Samuel 24:8 उसके पीछे दाऊद भी उठ कर गुफा से निकला और शाऊल को पीछे से पुकार के बोला, हे मेरे प्रभु, हे राजा। जब शाऊल ने फिर के देखा, तब दाऊद ने भूमि की ओर सिर झुका कर दण्डवत की।
1 Samuel 24:9 और दाऊद ने शाऊल से कहा, जो मनुष्य कहते हैं, कि दाऊद तेरी हानि चाहता है उनकी तू क्यों सुनता है?
1 Samuel 24:10 देख, आज तू ने अपनी आंखों से देखा है कि यहोवा ने आज गुफा में तुझे मेरे हाथ सौंप दिया था; और किसी किसी ने तो मुझ से तुझे मारने को कहा था, परन्तु मुझे तुझ पर तरस आया; और मैं ने कहा, मैं अपने प्रभु पर हाथ न चलाऊंगा; क्योंकि वह यहोवा का अभिषिक्त है।
एक साल में बाइबल:
- अय्यूब 3-4
- प्रेरितों 7:44-60